6 मोबाइल नंबर और 86 बार बातचीत… : 9 महीने बाद भी मिस्ट्री है बीजेपी नेत्री ममता यादव की मौत
6 मोबाइल नंबर और 86 बार बातचीत… : 9 महीने बाद भी मिस्ट्री है बीजेपी नेत्री ममता यादव की मौतमध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले में बीजेपी की महिला नेत्री और मंडल अध्यक्ष की मौत की गुत्थी और भी उलझती जा रही है. बीजेपी नेत्री ममता यादव की गुमशुदगी के बाद मौत का मामला 9 महीने बाद भी सुलझ नहीं पाया है. ममता यादव अशोकनगर की रहने वाली थी लेकिन उनका शव प्रयागराज में मिला था. इस वजह से यह मामला मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की पुलिस के बीच उलझ गया है. इतना ही नहीं घरवालों को भी अभी तक अंतिम संस्कार के लिए उनका शव नहीं सौंपा गया है. दोनों ही प्रदेशों की पुलिस का भी इस मामले को लेकर ढीला रवैया है और ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उनकी हत्या कैसे हुई या फिर यह सामान्य मौत का मामला है? 21 सितंबर 2023 को लापता हुई थीं ममता यादवअशोक नगर के चंदेरी में रहने वाली बीजेपी मंडल अध्यक्ष ममता यादव ने अपने घर पर बताया था कि उन्हें प्रयागराज में किसी शख्स से 7 लाख रुपये लेने हैं. इसके बाद 21 सितंबर 2023 के बाद से परिवार का उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ था. पहले पुलिस ने उनकी मिसिंग रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की थी और काफी वक्त बाद पुलिस ने उनकी रिपोर्ट दर्ज की. महीनों तक उनकी तलाश भी की गई लेकिन किसी को उनका कुछ पता नहीं चला. लगभग 5 महीने बाद ममता के भाई के प्रयागराज बुलाया गया और फिर पीठ पर बने एक टैटू की मदद से ममता के शव की शिनाख्त हुई थी. प्रयागराज के मांडा में 26 सितंबर 2023 को पुलिस को ममता का शव मिला था और उन्होंने शव को दफना दिया था. मां ने कहा हम बेटी का अब तक अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाएइस मामले पर बात करते हुए ममता के भाई राजभान ने कहा, “हम पुलिस के पास भटकते रहे लेकिन पुलिस ने हमारी मदद नहीं की. ममता को पहले से ही कुछ गुंडे परेशान कर रहे थे और ममता ने यह भी कहा था कि उसकी जानक को खतरा है”. वहीं ममता की माता रैना बाई ने कहा, “हम पुलिस केपास जाते रहे हैं लेकिन पुलिस हमेशा हमें आश्वासन देती रही है कि हम कर देंगे लेकिन उन्होंने कभी हमारी मदद नहीं की. मेरी पुलिस से बस इतनी गुजारिश है कि वो हमें मेरी बेटी का बच्चा दे दें या हमें हमारी बेटी दे दें ताकि हम उसका रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर रहें.”10 दिन में 86 बार एक ही नंबर पर हुई थी ममता की बातममता की कॉल डिटेल्स से पता चला है कि ममता के पास एक ही नंबर से 10 दिनों में करीब 86 बार कॉल आई थीं. ममता के पास कुछ ऐसे वीडियो और पैन ड्राइव थे, जिनकी वजह से राजनीतिक दबाव डाला जा रहा था. इतना ही नहीं ममता ने अपने भाई को बताया भी था कि वो पेन ड्राइव अपने साथ लेकर जा रही है. भाई का कहना ह कि ममत के पास कई बड़े राजनेताओं के राज थे. ममता के भाई राजभान ने कहा कि, “मेरी बहन मुझे बोल कर गई थी उसके पास कोई पेन ड्राइव है और इस पेन ड्राइव में कुछ राज उसके पास थे. हालांकि, उसने कभी नहीं बताया कि वो क्या राज थे. मेरी बहन ने दो पेन ड्राइव लॉकर में रखी थीं.”मामले पर अशोक नगर के एसपी ने कही ये बातअशोक नगर के एसपी विनीत जैन ने इस मामले पर बात करते हुए कहा, “मांडा पुलिस को एक शव मिला था और टैटू के आधार पर बॉडी की पहचान हुई थी लेकिन डीएनए के जरिए इस जांच को रफ्तार मिलेगी. पुलिस ने 26 सितंबर को शव बरामद किया था. ऐसे में नियम अनुसार जहां बॉडी मिलती है वहां ही कार्रवाई की जाती है. मांडा पुलिस को हमने आगे की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है.”एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने डीजीपी को लिखा पत्रमध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मामले में डीजीपी को खत लिखकर इसकी जांच NIA या STF को सौंपने की मांग की है.