Lok Sabha election 2024: बीजद के नेता प्रणब दास संबलपुर सीट पर धर्मेंद्र प्रधान को देंगे कड़ी टक्कर
Lok Sabha election 2024: बीजद के नेता प्रणब दास संबलपुर सीट पर धर्मेंद्र प्रधान को देंगे कड़ी टक्करपश्चिमी ओडिशा में संबलपुर लोकसभा सीट पर ‘हाई-प्रोफाइल’ मुकाबला देखने को मिलेगा. सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने इस सीट पर केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ओडिशा के चेहरे माने जाने वाले धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ पार्टी महासचिव (संगठन) प्रणब प्रकाश दास को उतारा है. दास को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बाद बीजद में दूसरे नंबर का नेता माना जाता है. दास (53) राज्य के तटीय क्षेत्र में जाजपुर सीट से तीन बार के विधायक हैं जबकि राज्यसभा सदस्य प्रधान 15 साल के अंतराल के बाद चुनावी मैदान में लौटे हैं.‘बॉबी’ के नाम से मशहूर दास ने ओडिशा के पश्चिमी क्षेत्र की इष्ट देवी मां संबलेश्वरी के दर्शन कर शुक्रवार को अपना चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया. दास ने मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद कहा, ‘‘मैंने ओडिशा तथा संबलपुर के कुशलक्षेम के लिए मां संबलेश्वरी का आशीर्वाद लिया है.”यह पूछने पर कि क्या उन्हें संबलपुर में बाहरी होने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, दास ने कहा, ‘‘मेरे दिवंगत पिता अशोक दास और उनकी बहन का संबलपुर से 60 साल पुराना नाता है. मेरे परिवार का इस शहर से मजबूत रिश्ता है और मेरे पिता वर्षों तक यहां रहे. आज, मुझे अपने घर में होने जैसा महसूस हो रहा है.” इससे पहले, संबलपुर से भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता जयनारायण मिश्रा ने आरोप लगाया कि राज्य के तटीय क्षेत्र में जाजपुर जिले के रहने वाले दास माटी के पुत्र नहीं हैं जबकि भाजपा उम्मीदवार धर्मेंद्र प्रधान एक स्थानीय व्यक्ति हैं.यह पूछने पर कि वह एक प्रतिद्वंद्वी के तौर पर प्रधान को कैसे देखते हैं, दास ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मुझे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संबलपुर भेजा है जो क्षेत्र का विकास चाहते हैं. मेरा संबलपुर के लोगों से संबंध है न कि विरोधी पार्टी के उम्मीदवार से. मैं यहां लोगों की सेवा करने और विकास कार्यों को अगले स्तर तक ले जाने के लिए आया हूं.”दास 1990 के दशक के जनता दल के मशहूर नेता दिवंगत अशोक दास के बेटे हैं. अशोक दास कई वर्षों तक विधायक रहे लेकिन उन्होंने हमेशा पार्टी के लिए काम किया और 1990 में बीजू पटनायक की सरकार बनने पर भी कभी कोई मंत्री पद स्वीकार नहीं किया.अपने पिता की तरह बॉबी भी नवीन पटनायक के मंत्रिमंडल से बाहर रहे. हालांकि, उन्होंने थोड़े वक्त के लिए मंत्री पद संभाला था. वह संगठनात्मक कौशल में माहिर हैं इसलिए वह पटनायक तथा उनके करीबी सहयोगी वी के पांडियन के विश्वसनीय बन गए.राजनीतिक विश्लेषक संदीप मिश्रा ने कहा कि संबलपुर लोकसभा सीट इस बार काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि नवीन पटनायक के बाद बीजद में दूसरे नंबर के नेता माने जाने वाले दास ओडिशा में भाजपा का चेहरा माने जाने वाले केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनौती दे रहे हैं. दोनों उम्मीदवार अपनी पार्टी के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं इसलिए यहां हाई-प्रोफाइल चुनावी जंग देखने को मिलेगी.ये भी पढ़ें:- “सिर्फ रसोई में खाना बनाना आता है”: कांग्रेस विधायक की टिप्पणी से विवादसंबलपुर सीट पर 25 मई को छठे चरण में मतदान होगा.संबलपुर सीट इसलिए भी अलग है क्योंकि कोई भी पार्टी इसे किसी भी पार्टी का गढ़ नहीं बता सकती है. पिछले तीन चुनाव यानी 2009, 2014 और 2019 के चुनाव में संबलपुर में लोकसभा चुनाव में तीन अलग-अलग पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी.कांग्रेस उम्मीदवार अमरनाथ प्रधान ने 2009 में, बीजद के नागेंद्र प्रधान ने 2014 और भाजपा उम्मीदवार नितेश गंगा देब ने 2019 में संबलपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी.वीडियो देखें-