स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
रायपुर : कांकेर के जंगल में मंगलवार को देश के सबसे बड़े नक्सल एनकाउंटर पर अब सियासत होने लगी है। कांग्रेस पार्टी के नेता इस मुठभेड़ पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं कांग्रेस के सवालों का मुख्यमंत्री साय व उपमुख्यमंत्री शर्मा ने करारा जवाब दिया है।
कवर्धा में मुठभेड़ मामले में भूपेश बघेल ने कहा कि, बीजेपी के शासनकाल में फर्जी एनकाउंटर होता रहा है। गिरफ्तारियां हुई हैं। अभी फिर से 4 महीने में फर्जी एनकाउंटर में वृद्धि हुई है और फर्जी गिरफ्तारियां भी हो रही हैं। नक्सली बताकर आदिवासियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्हें बंद करने की लगातार जानकारी आ रही है। पुलिस की तरफ से आदिवासियों को डराया धमकाया जाने लगा है कि तुमको फलां केस में गिरफ्तार कर लेंगे। इस प्रकार की घटनाओं की वृद्धि हो रही है।
जिन जवानों को गोली लगी क्या वो फर्जी है
रायपुर में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, भूपेश बघेल कह रहे हैं कि एनकाउंटर फर्जी है, मैं जिन दो जवानों से मिलकर आया हूं। जिन्हें गोली लगी है क्या वह फर्जी है। जो नक्सली मारे गए वो वर्दीधारी थे। सभी 29 वर्दीधारी नक्सली थे, क्या यह गलत है। उनके पास से एसएलआर, एक-47, इंसास 303 जैसी बंदूक मिली है, क्या यह गलत है।
गृहमंत्री ने कहा कि, कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में 250 सड़क बनाने के लिए कभी ध्यान नहीं दिया। 90 से अधिक पुल पुलिया के लिए कभी ध्यान नहीं दिया। कभी ऑपरेशन के लिए ध्यान नहीं दिया। जब भाजपा के कार्यकर्ताओं की और अन्य लोगों की हत्या होती रही तो घड़ियाली आंसू बहाते रहे।
अब इस तरह की बात कर रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्य जनक है। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। झीरम को लेकर भूपेश बघेल कहते रहे की सबूत मेरे जेब में है, तो आज तक जेब में ही रखे हुए हैं क्या, निकालते क्यों नहीं है।
क्यों नहीं हो सकती मुठभेड़ फर्जी
गृहमंत्री ने दावा किया है कि क्यों अब तक हुई मुठभेड़ फर्जी नहीं है। उन्होंने नक्सलियों की ओर से जारी बयान को दिखाते हुए कहा कि भूपेश बघेल ने कहा कि फर्जी एनकाउंटर है, इससे पहले नक्सलियों के ओर से कहा गया था कि 50 नक्सली मारे गए। पुलिस विभाग ने आधिकारिक तौर से बताया कि 50 नक्सली एनकाउंटर में मारे गए हैं।
नक्सलियों की मध्य रीजन केंद्रीय ब्यूरो कमेटी ने भी माना कि 50 नक्सली मारे गए हैं। तो कोई कैसे कह सकता है कि यह फर्जी है। मतलब कहने वाले को एक बार सोचना तो चाहिए। जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर जिस काम को किया है, आप उनका अपमान करेंगे। यह दुर्भाग्य जनक है।
हम नक्सलियों से चर्चा को तैयार
गृहमंत्री ने कहा कि, हम बातचीत को तैयार हैं। सरकार हर क्षण हर समय चर्चा के लिए तैयार है। स्पष्टता के साथ हम कह रहे हैं कि कोई एक नक्सली, कोई दो नक्सली, कोई छोटा समूह कोई बड़ा समूह किसी भी माध्यम से वीडियो कॉल से या मेडिएटर के माध्यम से कैसे भी बात करना चाहे हम तैयार हैं।
यह सारा खून खराबा सब समाप्त होना चाहिए। बस्तर के गांव-गांव तक विकास पहुंचना चाहिए। जल जंगल जमीन अगर वह मानते हैं कि आदिवासियों का है, तो हम भी मानते हैं कि जल जंगल जमीन आदिवासियों का है। इसमें कोई संशय नहीं है।
जवानों का अपमान किया
गृहमंत्री ने भूपेश बघेल को लेकर कहा कि, पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक हुई, तो कांग्रेस ने सवाल उठाए। जब इमरान खान ने कहा कि बालाकोट में स्ट्राइक हुई थी तो माना। जब बाहर से कोई बोलता है, तभी मानेंगे अपने लोगों की बात नहीं मानेंगे। अपना जवान कहेगा तो नहीं मानेंगे। यह जवानों का मनोबल तोड़ने वाली हरकत है। इन्हें जवानों से माफी मांगनी चाहिए। नहीं मांगेंगे तो जनता माफ नहीं करेगी। याद रखें इस बात को।
सरकार पर आरोप, फिर जवानों को बधाई
कवर्धा में मंगलवार को अपने बयान में भूपेश बघेल ने कहा था कि, नक्सलवाद खत्म करने की बात जो कह रहे हैं, 15 साल में 5 साल पहले मिला था। जब डबल इंजन की सरकार थी। 2014 से 2018 तक डबल इंजन की सरकार उनकी थी। उसमें बहुत वृद्धि हुई थी, लेकिन 2018 से लेकर 2023 तक के उसमें काफी कमी आई और अभी फिर से उसमें वृद्धि हुई है।
हमने 5 साल में नक्सलियों को बहुत पीछे धकेल दिया था सिमट गए थे, क्योंकि हम लोग गोली का जवाब केवल गोली से देना जरूरी नहीं समझते।
बघेल ने कहा कि आज देखे बस्तर जैसे क्षेत्रों में सड़कों का जाल बीछ गया है, तो नक्सली अब बहुत कम रह गए हैं, बल्कि इनके शासन में बहुत वृद्धि हुई है। इस बयान के बाद अब बुधवार को भूपेश का नया बयान आया। उसमें उन्होंने कहा कि, हमारे जवानों को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने बहादुरी से काम किया है। 29 नक्सली मारे गए यह बड़ी घटना है। मैं जवानों को पुनः बधाई देता हूं।