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NDTV Battleground: विदेश मंत्री ने बताया 10 साल में कैसे बदली लोगों की जिंदगी? आमजन में भी क्यों हो रही विदेश नीति की चर्चा

NDTV Battleground: विदेश मंत्री ने बताया 10 साल में कैसे बदली लोगों की जिंदगी? आमजन में भी क्यों हो रही विदेश नीति की चर्चालोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में अलग-अलग राज्यों के सियासी गुणा-गणित को समझने के लिए NDTV खास शो ‘बैटलग्राउंड’ लेकर आया था. शुरुआत महाराष्ट्र से हुई. फिर कर्नाटक, तमिलनाडु से पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से होते हुए ‘बैटलग्राउंड’ का सफर नई दिल्ली पहुंचा है. गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित ‘बैटलग्राउंड’ (NDTV Battleground)के फिनाले में विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने चुनाव से जुड़े तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखी. उन्होंने समझाया कि मोदी सरकार (Modi Government) की मजबूत विदेश नीति का लोकसभा चुनाव पर क्या असर दिखेगा. विदेश मंत्री ने ये भी बताया कि 10 साल में मोदी सरकार ने कैसे भारत और भारतीयों की तस्वीर बदली.Battleground फिनाले में NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, Teamlease Services के वाइस चेयरमैन मनीष सभरवाल और IMF के पूर्व एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुरजीत भल्ला से तमाम मुद्दों पर सवाल किए. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस चुनाव में पब्लिक डिप्लोमेसी को वोटर्स के सामने एक नए ढंग से लेकर आए हैं. मोदी सरकार के 10 साल ही चुनावी मुद्देइस चुनाव में पब्लिक मूड और मुद्दे क्या हैं? इसके जवाब में जयशंकर बताते हैं, “बीजेपी के इलेक्शन कैंपेन के दौरान मैंने 12 राज्यों का दौरा किया है. किसी उम्मीदवार के नामांकन में मौजूद रहा. कभी चुनावी रैली में भी गया. इस दौरान मुझे लोगों का मूड समझने का मौका मिला. मुझे लगता है कि 10 साल में मिडिल एज और उससे बड़े यानी बुजुर्गों की जिंदगी में बदलाव आया है. मोदी सरकार के 10 साल का रिकॉर्ड उनके लिए बहुत मायने रखता है. लोगों को लगता है कि पिछले 10 साल में लोगों की जिंदगी बदली है. युवा वोटर्स के मन में भी ये बात है कि मोदी सरकार एक ऐसी सरकार है, जिसके कारण देश में एक आशा, एक उम्मीद जगी है. उन्हें लगता है कि भविष्य में बहुत सारी अच्छी चीजें हो सकती हैं. आज मोदी सरकार की विदेश नीति भी आम लोगों के बीच चर्चा का विषय है. निश्चित तौर पर लोगों का मूड सरकार के प्रति पॉजिटिव है.”चुनाव मोदी सरकार की योजनाओं का पब्लिक एसेसमेंटलोकसभा चुनाव को लेकर कहा जा रहा है कि इस बार सरकार के लिए कोई प्रो या एंटी इंकमबेंसी वाली बात नहीं है. चुनाव में मुद्दों पर चर्चा ही नहीं हुई. इसके जवाब में IMF के पूर्व एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुरजीत भल्ला कहते हैं, “बेशक इस बार के चुनाव में कोई लहर नहीं है. 2014 में मोदी की लहर थी. 2019 के इलेक्शन में भी हमने मोदी लहर देखी. इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा यही है कि 10 साल में लोगों की जिंदगी कितनी बदली? कितनी तरक्की हुई? हर चुनाव में मेरे ख्याल से सबसे बड़ा मुद्दा यही होता कि सरकार की योजनाओं से हमारी जिदंगी कितनी सुधरी? 2024 के चुनाव का यही मुद्दा है. पीएम मोदी की लीडरशिप में पिछले 10 साल में जो परिवर्तन हुआ है, जो तरक्की हुई है लोग इसका एसेसमेंट करेंगे. इसका असर बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के वोट शेयर पर पड़ेगा. हो सकता है कि एनडीए का वोट शेयर 48% हो.”बेरोजगारी कभी नहीं रही चुनौती, उससे बड़ा मुद्दा है गरीबीबेरोजगारी कभी नहीं रही चुनौती, उससे बड़ा मुद्दा है गरीबी चुनाव में बेरोजगारी मुद्दे पर क्यों नहीं हो ही बात? Battleground फिनाले में Teamlease Services के वाइस चेयरमैन मनीष सभरवाल ने इसके जवाब में कहा, “असल में बेरोजगारी कभी भी चुनौती नहीं रही. देश में 1947 से बेरोजगारी 4 से 8% है. समस्या रोजगार गरीबी की है. यानी लोगों के पास नौकरी तो है, लेकिन उस नौकरी के लिए जितनी सैलरी मिलनी चाहिए वो नहीं मिल रहा. देश में बेरोजगारी दर 45% होने का दावा बेतुका है. क्योंकि अगर बेरोजगारी 45% होता, तो लेबर कॉस्ट अपने आप गिर जाती. अर्थशास्त्र में कोई भी जानकारी वोट और मूल्य से आती है. 4 जून को वोट के बारे में पता चल जाएगा. बाकी सब मॉडल है.”सभरवाल कहते हैं, “पिछले 20 साल में श्रम की लागत यानी लेबर चार्जेस बढ़े हैं. ये सिर्फ दिल्ली और बेंगलुरु में ही नहीं बढ़े, बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी यही हाल है. ऐसे में अगर आप ये सोचें कि बेरोजगारी की वजह से लेबर मार्केट में इश्यू हो, तो ये गलत है.”मोदी सरकार ने 10 साल में बदली लोगों की जिंदगीचुनाव में विपक्षी गठबंधन ने बेरोजगारी और असमानता को मुद्दा बनाया. ये भी कहा गया कि एनडीए को 400 पार का टारगेट इसलिए पूरा करना है, क्योंकि ये संविधान को बदलना चाहते हैं. विपक्ष के इन दावों पर विदेश मंत्री ने मोदी सरकार की योजनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “पिछले 10 साल में 46 करोड़ लोगों ने मुद्रा लोन का लाभ उठाया. रोज 28 किलोमीटर सड़क बन रहे हैं. 14 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बन रहे हैं. ऐसे में जाहिर तौर पर किसी न किसी को रोजगार मिल रहा होगा. ऐसे में ये कहना कि इतने करोड़ लोग बेरोजगारी हैं या बेरोजगारी दर बढ़ी है… सब बेतुका है.”जयशंकर कहते हैं, “बीजेपी जब लोगों के बीच जाती है, तो उनसे पूछती है कि उन्हें मोदी सरकार की योजनाओं के तहत राशन का लाभ मिला. आज 81 करोड़ लोगों को हर महीने राशन बिना लीकेज के मिलता है. अगर आप मोदी सरकार की योजनाओं जल जीवन, आवास योजना के आकड़ें देखे, तो जमीनी हकीकत पता चलेगी. 10 साल में 19 करोड़ लोगों को अपना घर मिला. 34 करोड़ लोगों की हेल्थ पॉलिसी हुई. यानी अगर घर, बिजली, पानी, मुफ्त राशन और स्वास्थ्य सुविधाएं देखें, तो लोगों की जिदंगी बदली है. आज आयुष्मान भारत स्कीम के लाभार्थी 34 करोड़ हो गए हैं. इसमें कहीं न कहीं वोट का भी कुछ कारण होगा. मोदी सरकार ने कहीं तो कुछ डिलिवर किया होगा.”चुनाव दर चुनाव बढ़ रहा बीजेपी का वोट शेयरजयशंकर ने कहा, “इन्हीं कल्याणकारी योजनाओं की बदौलत बीजेपी का वोट शेयर चुनाव दर चुनाव बढ़ता जा रहा है. 2009 में वोट शेयर 19% था. 2014 में वोट शेयर बढ़कर 34% हो गया. 2019 में 37.5% हुआ. इस चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर और बढ़ने वाला है.”संविधान में 85% संशोधन तो कांग्रेस के शासन में हुआमोदी सरकार के संविधान बदलने की आशंकाओं पर विदेश मंत्री ने कहा, “चुनाव में मोदी जी की गारंटी है और मोदी जी के 10 साल के रिकॉर्ड भी. अगर रिकॉर्ड ठीक है, तो आप गारंटी पर विश्वास करेंगे. अगर अच्छे है, तो बाकी लोग कुछ भी कहें आप वोटिंग के समय याद तो करेंगे कि उनके शासन ने देश को क्या दिया था और क्या नहीं दिया था. मैं संविधान का रिकॉर्ड भी याद दिला देता हूं. संविधान में अभी तक जितने संशोधन हुए हैं, इनमें से करीब 85% संशोधन तो कांग्रेस के समय में हुए. अगर धर्म के आधार पर आरक्षण व्यवस्था की बात करें, तो संविधान में इसपर कहां लिखा है? 10 साल यूपीए सरकार चल रही थी. संविधान में कहां रिमोट कंट्रोल सरकार का प्रावधान है? लेकिन 10 साल देश में रिमोट कंट्रोल की सरकार चली.”इन राज्यों में बढ़ेंगी हमारी सीटें- एस जयशंकरबीजेपी की तरफ से कहा जा रहा है कि केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल राज्यों में वोट शेयर और लोकसभा सीटें बढ़ेंगी. ऐसा किस आधार पर कहा जा रहा है? जवाब में विदेश मंत्री कहते हैं, “इस बसे बड़ा आधार बीजेपी का स्ट्रक्चर है. बीजेपी बहुत प्रोफेशनल और सीरियस पॉलिटिकल पार्टी है. ये पार्टी को तुक्का नहीं लगाती और न ही कोई अनुमान देती है. बीजेपी आपको निर्वाचन क्षेत्र से लेकर बूथ तक का ब्योरा देती है. हमारा बूथ एनालिसिस फैक्ट्स पर आधारित होता है. इसलिए अगर कोई कहे, को कुछ खास राज्यों में वोट शेयर और सीटें बढ़ रही हैं, तो भरोसा कर सकते हैं.”ये भी पढ़ें:-लोकसभा चुनाव : NDTV बैटलग्राउंड का महाराष्ट्र से आगाज, जानें विशेषज्ञों के साथ ‘मंथन’ की 10 बड़ी बातेंNDTV Battleground: लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड पर विवाद, एक्सपर्ट्स ने बताया कितना पड़ेगा असर?NDTV बैटलग्राउंड : क्या BJP के लिए दक्षिण का दरवाजा खोलेगा कर्नाटक, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्टNDTV Battleground: मोदी की गारंटी या कांग्रेस के वादे? कर्नाटक में कौन वोटर्स को खींच पाएगा अपनी ओरNDTV Battleground : तमिलनाडु में द्रविड़ पार्टियों के लिए कितनी बड़ी चुनौती BJP? क्या मिल पाएगी ‘मिशन-370’ में मददNDTV Battleground: बंगाल में लोकसभा चुनाव का पूरा खेल 22 सीटों पर अटका

‘Battleground’ में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “मोदी सरकार के 10 साल का रिकॉर्ड उनके लिए बहुत मायने रखता है. लोगों को लगता है कि पिछले 10 साल में लोगों की जिंदगी बदली है. युवा वोटर्स के मन में भी ये बात है कि मोदी सरकार एक ऐसी सरकार है, जिसके कारण देश में एक आशा, एक उम्मीद जगी है. उन्हें लगता है कि भविष्य में बहुत सारी अच्छी चीजें हो सकती हैं.”
Bol CG Desk (L.S.)

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