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तूफान रेमल के असर से पूर्वोत्तर में भारी बारिश, पेड़ उखड़ें; हवाई और ट्रेन यातायात भी प्रभावित

तूफान रेमल के असर से पूर्वोत्तर में भारी बारिश, पेड़ उखड़ें; हवाई और ट्रेन यातायात भी प्रभावितचक्रवाती तूफान रेमल के कारण पूर्वोत्तर में भारी बारिश हो रही है. अरुणाचल, असम और मेघालय के लिए अत्यधिक भारी बारिश का रेड अलर्ट भी जारी किया गया है. वहीं त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और नागालैंड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया. इसके अलावा पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में तेज़ हवाओं के साथ भारी बारिश, गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. चक्रवाती तूफान के असर को देखते हुए सरकार की तरफ से कई एतहियाती उपाय भी किए गए हैं.ट्रेन और उड़ान सेवाएं प्रभावितखराब मौसम के कारण पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में उड़ान सेवाएं बाधित रहेगी. रेमल के प्रभाव के कारण पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के तहत ट्रेन सेवाएं भी बाधित हो गई हैं. मंगलवार सुबह गुवाहाटी हवाई अड्डे के अधिकारियों ने कहा है कि निर्धारित उड़ान संचालन सामान्य था. इंफाल को कोलकाता और अन्य पूर्वोत्तर गंतव्यों से जोड़ने वाली तीन उड़ानें रद्दकोलकाता और गुवाहाटी से सिलचर जाने वाली चार उड़ानें भी रद्दआइजोल और अगरतला हवाईअड्डों पर भी उड़ानें प्रभावित हुईनौ उड़ानें रद्द की गईं और एक का मार्ग बदला गयापूर्वोत्तर में कहां कितना नुकसानआइजोल में चक्रवात के असर की वजह से पत्थर की खदान ढह गई. जिसमें कई मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है. खोज और बचाव अभियान शुरू किया गया है. इसके अलावा आइजोल में सामुदायिक कब्रिस्तान ढह गया. भारी भूस्खलन के कारण मिजोरम में लेंगपुई हवाईअड्डे का रास्ता अवरुद्ध हो गया. मेघालय के तुरा, गारो हिल्स में कल रात आए तूफान में कई बड़े पेड़ गिर गए.कई हिस्सों में जोरदार बारिश, स्कूल बंदतूफान के असर को देखते हुए त्रिपुरा, मेघालय में स्कूल बंद रहेंगे. चक्रवात रेमल के कारण असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई, हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान या हताहत की कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है. जबकि आईएमडी ने पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, त्रिपुरा में एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात की गई हैं. असम में भी एनडीआरएफ की दो टीमें तैनात की गई हैं. खराब मौसम के कारण छात्रों को किसी भी अप्रिय घटना से राहत दिलाने के लिए मेघालय के सभी जिलों ने आज स्कूल बंद रखने की घोषणा की है.रेमल इस साल के मानसूनी मौसम से पहले बंगाल की खाड़ी में बना पहला चक्रवातीय तूफान है. आमतौर पर मानसून का मौसम जून से सितंबर तक रहता है. हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों का नामकरण करने वाली प्रणाली विश्व मौसम विज्ञान संगठन ( डब्ल्यूएमओ) के अनुसार, ओमान ने इस चक्रवात का नाम ‘रेमल’ (अरबी में रेत) नाम दिया है.बंगाल में 6 लोगों की मौत, कई हजार घर क्षतिग्रस्तपश्चिम बंगाल में रेमल से 24 प्रखंड और 79 नगरपालिका वार्ड में करीब 29,500 घर आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें से अधिकतर दक्षिणी तटीय इलाकों में हैं. राज्य के विभिन्न हिस्सों में दो हजार से अधिक पेड़ उखड़ गए और लगभग 1500 से ज्यादा बिजली के खंभे गिर गए. शुरुआती आकलन से संकेत मिला है कि 27,000 घर आंशिक रूप से और 2,500 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बांग्लादेश में भी रेमल से भारी नुकसानचक्रवाती तूफान रेमल के बांग्लादेश के तटीय इलाकों में पहुंचने के बाद कम से कम 10 लोगों की मौत हुई और लाखों लोगों को बिना बिजली के रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. रेमल के तट से टकराने पर 120 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं और सैकड़ों गांवों में पानी भर गया. मौसम विभाग ने बताया कि ‘रेमल’ सोमवार की सुबह थोड़ा कमजोर हुआ और हवा की गति 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गयी. चक्रवाती तूफान रविवार रात को तट से टकराया था.(भाषा इनपुट्स के साथ)ये भी पढ़ें : चक्रवात ‘रेमल’ का असर कब तक? मौसम विभाग ने क्यों दी बिहार को 5 दिन सावधान रहने की सलाहये भी पढ़ें : 10 राज्यों में क्यों बदला आग बरसाते आसमान का मिजाज? जानें क्या है ‘रेमल’ कनेक्शन

चक्रवाती तूफान रेमल ने बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में भारी नुकसान पहुंचाया. अब रेमल का असर पूर्वोत्तर राज्यों में देखा जा रहा है.
Bol CG Desk (L.S.)

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