स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
रायपुर , 30 मई 2024: पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के उपकुलसचिव शैलेंद्र कुमार पटेल की योग्यता और अनुभव से संबंधित दस्तावेजों की चौथी बार जांच के बावजूद फर्जी होने का मामला सामने आया है। इससे पहले तीन बार उच्च शिक्षा विभाग के अपर संचालक, संयुक्त संचालक आयुक्त और तीन प्राचार्यों की समिति ने पटेल के दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि पटेल की योग्यता उपकुलसचिव के पद के लिए निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करती है।
पटेल ने दावा किया था कि उसने 5 फरवरी 2013 से 5 फरवरी 2015 तक सीवी रमन यूनिवर्सिटी, बिलासपुर से गणित में पीएचडी की है, जबकि इस अवधि में वह भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रायपुर में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत था। रायपुर और बिलासपुर के बीच 300 किलोमीटर (आना-जाना मिलाकर) की दूरी को प्रतिदिन तय करना असंभव है, जिससे यह साफ हो जाता है कि पटेल का दावा गलत है। इसके अलावा, पटेल को बिना नेट परीक्षा उत्तीर्ण किए ही सहायक प्राध्यापक की नौकरी मिल गई थी, जो नियमों के खिलाफ है।
जांच समिति ने पटेल की एमफिल डिग्री को भी फर्जी पाया, क्योंकि 2007-08 में विनायक मिशन यूनिवर्सिटी, सालेम से एमफिल करने की जानकारी दी थी, जबकि उस संस्था का एमफिल मान्य नहीं है। भ्रष्टाचार के कई मामलों, जैसे लड्डू घोटाला, प्रश्न पेपर घोटाला और नैक में घोटाला, में भी पटेल का नाम सामने आया है।
इस संदर्भ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री यज्ञदत्त वर्मा ने कहा, “जिस तरह से पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में कुलसचिव के घोटाले और फर्जी डिग्री का विषय बार-बार सामने आ रहा है, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। तीन बार जांच समिति बनाकर जांच की जा चुकी है और हर बार अयोग्य घोषित किया गया, फिर भी आज वहां पर शान से बैठकर छात्रों को धमकी देता है। यह सरकार की निर्णय लेने की असमर्थता को दर्शाता है। यदि जल्द ही इस मामले में निर्णय नहीं लिया गया, तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
एक उदाहरण ध्यान में आता है कि एक जुआ खेलने वाला या चोरी करने वाला व्यक्ति जब ₹10 की चोरी करता है तो भी वह चोरी की श्रेणी में आता है। लेकिन यहां पर, जांच समिति के द्वारा स्पष्ट रूप से यह कहा जाता है कि पटेल कुलसचिव बनने के लिए योग्य नहीं है, फिर भी वह शान से कुलसचिव पद पर बैठा है और छात्रों को धमकी देता है। यह कितनी बड़ी विडंबना है कि सरकार आज भी निर्णय नहीं ले पा रही है।”
रायपुर महानगर मंत्री प्रथम राव फुताने ने कहा, “शिक्षा में शिक्षकों का सबसे बड़ा योगदान होता है। अगर वे लोग ही ऐसे फर्जीवाड़े में पकड़े जाएंगे, तो इससे छात्र समुदाय में गलत प्रभाव पड़ेगा।”
बृजमोहन अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री, छत्तीसगढ़ सरकार, और डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला, माननीय कुलपति, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, को इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इस दौरान अन्वित दीक्षित, सुजल गुप्ता, योगेश साहू, निखिल तिवारी, अक्षत गोस्वामी सहित पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय, साइंस कॉलेज, छत्तीसगढ़ कॉलेज, DB गर्ल्स कॉलेज के सैकड़ों छात्र-छात्राएं मौजूद थे।