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कैंसर पीड़ित पिता ने लगा ली fansi, बेटा सदमा नहीं कर पाया बर्दाश्त, ऐसे हुई मौत

एक पिता ने फांसी लगा कर जान दी तो, उसके बेटे ने भी फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद पुरे गाँव में मातम पसरा है।

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बोल छत्तीसगढ़। कवर्धा इलाके में हुई इस घटना ने सभी को सदमे में डाल दिया है। सदमा ऐसा की स्वयं मृतक का बेटा भी इसे संभाल न पाया और fansi के फंदे पर लटक गया। लोहारा थाना क्षेत्र के बिरनपुर गांव में शुक्रवार से पूरे गांव में मातम का माहौल है। एक पिता ने फांसी लगा कर जान दी तो, उसके बेटे ने भी फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। पिता के बाद इकलौते बेटे की मौत से परिवार सदमे में है, वहीं अब परिवार का भरण-पोषण करने वाला कोई नहीं है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल बिरनपुर निवासी पंचराम निषाद(41) और उसका बेटा दयालु निषाद (18) ने घर के एक कमरे में ही fansi लगाकर आत्महत्या कर लिया। लोहरा पुलिस थाने की माने तो जिस समय मृतक ने फांसी लगाई उस वक्त घर में कोई नहीं था, मृतक की पत्नी खेत में गई थी, छोटी बेटी बर्तन साफ करने तालाब के पास गई थी। शाम के पांच से छह के बीच जब मृतक का बेटा घर लौटा तो उसने देखा कि पिता ने fansi लगा ली।

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सदमा नहीं झेल पाया बेटा, लगाई fansi

इस घटना के बाद घर पहुंचे बेटे ने fansi के फंदे पर लटकती हुई पिता की लाश को एक टक निहारा, उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि अचानक ऐसा कैसे हो गया। फिर उसने अपनी रो रही बहन को देखा और इसके बाद उसे मां व अपने रिश्तेदारों को बुलाने भेजा। बहन के चले जाने के बाद उसके दिल और दिमाग में न जाने ऐसा क्या हुआ कि वह इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाया और अंततः मौत को गले लगा लिया।

fansi लगाकर आत्महत्या

बहन के जाते ही उसने भी आत्महत्या का कदम उठाया और उसी फंदे पर झूल गया जिस फंदे पर उसके पिता ने fansi लगाई थी। बेटा दयालु निषाद अपने पिता के चले जाने के बाद काफी सदमे में था और यही सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर पाया।

fansi के बाद परिजनों का बुरा हाल

जब एक ही घर से दो लोगों की अर्थी उठती है इस दुःख का अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है, पति और बेटे के द्वारा आत्महत्या किए जाने के बाद परिजन अपने आप को संभाल नहीं पा रहे है। पुरे गाँव में मातम पसरा हुआ है, बहन का रो रोकर बुरा हाल है। रिश्तेदारों को तो अब भी इस बात का यकीन नहीं हो रहा है कि आखिर यह सब कैसे हो गया।

पुलिस ने क्या कहा

fansi ले फंदे पर झूले पिता – पुत्र

लोहारा थाना प्रभारी मुकेश यादव ने बताया की पिछले पांच से छह वर्ष से बीमार चल रहा था। मृतक पंचराम निषाद का पांच महीने से मुंह भी नहीं खुल रहा था। वहीं घर की भी आर्थिक परिस्थिति कुछ खास नहीं थी। इलाज कराते-कराते बचा खुचा पैसा भी खत्म हो गया था। जब परिजन आये तो बाप और बेटे दोनों को fansi पर झूलते पाया।

खबर बनी सनसनी

खबर देखते ही देखते सनसनी की तरह पूरे गांव मे फैल गई । पूरा गांव मृतक के घर पहुंच गया परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया । वही मृतक के दो बेटी और एक बेटा था जोकि अब पिता के साथ उसने भी आत्महत्या कर लिया है। मां और दो बेटियां ही घर मे बच गई है। घर के दोनों जिम्मेदार की मौत के बाद परिवार को भरणपोषण करने वाला भी कोई नही है।

कैंसर का इलाज रायपुर में

अगर आप कैंसर से पीड़ित है और आप एक बेहतर और अत्याधुनिक इलाज चाहते हैं तो आपको अब टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई नहीं आना पड़ेगा, आपका अच्छे से अच्छा इलाज छत्तीसगढ़ के रायपुर में भी संभव है। दरअसल बालको मेडिकल सेंटर ने देश में कैंसर उपचार के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए आज टाटा मेमोरियल सेंटर मुंबई के साथ एक समझौता किया।

रायपुर में भी हो सकेगा कैंसर का अत्याधुनिक इलाज, बालको और टाटा के बीच हुआ करार

समझौते के अनुसार बालको मेडिकल सेंटर और टाटा मेमोरियल सेंटर कैंसर के इलाज की जानकारी और ज्ञान में विशेषज्ञता के आदान-प्रदान, कौशल क्षमता व कार्य संस्कृति संवर्धन के जरिए कैंसर उपचार के क्षेत्र में मिलकर काम करने को लेकर एक एमओयू साईन किया। टाटा और बालको के बीच हुए करार से टाटा मेमोरियल सेंटर के अनुभव, अत्याधुनिक तकनीकों, स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का लाभ बालको मेडिकल सेंटर को मिलेगा।

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Bol Chhattisgarh Desk

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