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Lok Sabha Election Results: आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की जीत के बाद जनता को वादे पूरे होने का इंतजार

Lok Sabha Election Results: आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की जीत के बाद जनता को वादे पूरे होने का इंतजारLok Sabha Election 2024: पीएम मोदी (PM Modi) की अगुवाई में एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. इस बार लोकसभा चुनाव का जनादेश ऐसा है कि सरकार सहयोगियों के सहारे चलेगी और सहयोगियों में भी सबसे ज्यादा नजर तेलगू देशम पार्टी (TDP) के मुखिया चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) पर है. टीपीडी के 16 उम्मीदवार जीतकर लोकसभा में पहुंचे हैं और आंध्र प्रदेश की कुल 25 सीटों में से 21 सीटें एनडीए को मिली हैं. मतलब यह है कि एनडीए में चंद्रबाबू एक ताकतवर शख्सियत हैं. उनके कंधों पर राज्य की उम्मीदों का बोझ भी है. लिहाजा आंध्र के लोगों को उम्मीद है कि चंद्रबाबू नायडू केंद्र से सूबे के हितों के लिए मजबूत तालमेल करेंगे.आंध्र के लोगों को लगता है कि राज्य के बंटवारे के बाद उनके साथ न्याय नहीं हुआ. लिहाजा चंद्रबाबू नायडू जब केंद्र से बात करें तो आंध्रप्रदेश के हक की आवाज बुलंद करें. चंद्रबाबू नायडू सख्त और सयाने मोलतोल के लिए जाने जाते हैं और इस बार आंध्रप्रदेश में मिले भारी जनादेश ने उनकी उम्मीदें और बढ़ा दी हैं. माना जा रहा है कि भावी मुख्यमंत्री एक श्वेत पत्र लाएंगे, यह बताने के लिए कि राज्य की वित्तीय हालत कितनी खराब  है. वे आंध्रप्रदेश के लिए विशेष वित्तीय पैकेज की मांग कर सकते हैं, भले ही राज्य को विशेष दर्जा न मिला हो. भारी कर्ज में डूबा आंध्र प्रदेशनिवर्तमान मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की आलोचना हो रही है कि उन्होंने ज्यादातर कल्याण योजनाओं पर ध्यान दिया और बुनियादी ढांचे के विकास, निवेश या रोजगार की अनदेखी करते रहे. बीते पांच साल में सरकार ने 2 करोड़ 53 लाख रुपये डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर में दिए और एक करोड़ 68 लाख अप्रत्यक्ष ढंग से. इन पांच वर्षों में राज्य को भारी उधार लेना पड़ा और अब राज्य का कर्ज 4,12,288 करोड़ से बढ़कर सात लाख करोड़ हो चुका है. रिजर्व बैंक (RBI) के मुताबिक आंध्रप्रदेश सरकार की कुल देनदारी 2019 में 2,64,338 करोड़ से बढ़कर 4,85,490 करोड़ हो चुकी है. इसलिए और पैसे जुटाना एक चुनौती हो गया है. इसलिए नायडू के लिए केंद्र में बीजेपी (BJP) को मिली सीटें वरदान की तरह आई हैं. वे राज्य के लिए बेहतर मोलतोल कर सकते हैं. नायडू के सामने कई एजेंडे भी हैं. चंद्रबाबू नायडू को अमरावती में आंध्रप्रदेश की राजधानी बनानी है. 2014 में इसकी अनुमानित लागत 50 हजार करोड़ थी. 2019 तक इसमें 15 हजार करोड़ रुपये इसमें लगाए जा चुके थे. लेकिन जगन मोहन रेड्डी ने इस योजना को छोड़ दिया. उन्होंने तीन राजधानियों की वैकल्पिक व्यवस्था का सुझाव दिया था, जिसमें कामकाजी राजधानी विशाखापट्टनम है. गोदावरी नदी पर पोलावरम योजना भी पूरी की जानी है जिससे सात लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी. छह गारंटियां पूरी करने की चुनौतीनायडू के घोषणा पत्र में छह गारंटियां हैं. पांच साल में 20 लाख नौकरियां, युवाओं को तीन हजार रुपये महीने बेरोजगारी भत्ता, स्कूल जाने वाले छात्रों की मांओं को 15 हजार रुपये महिना, 19 से 59 साल की महिलाओं को 1500 रुपये महिना, साल में हर घर को तीन गैस सिलेंडर और आरटीसी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा. चंद्रबाबू नायडू ने अपने घोषणा पत्र में ना अपनी गारंटी बल्कि जगन मोहन रेड्डी के कल्याण कार्यक्रम के साथ-साथ विकास और नौकरियों की भी बात की. संसाधन के लिए जूझ रहे राज्य के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती बन सकती है, लेकिन लोगों को यह पसंद आया. यह भी पढ़ें -“पीएम नरेंद्र मोदी के जज्बे को सलाम करते हैं…” : NDA संसदीय दल की बैठक में चंद्रबाबू नायडू

Lok Sabha Election 2024: पीएम मोदी (PM Modi) की अगुवाई में एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. इस बार लोकसभा चुनाव का जनादेश ऐसा है कि सरकार सहयोगियों के सहारे चलेगी और सहयोगियों में भी सबसे ज्यादा नजर तेलगू देशम पार्टी (TDP) के मुखिया चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) पर है. टीपीडी के 16 उम्मीदवार जीतकर लोकसभा में पहुंचे हैं और आंध्र प्रदेश की कुल 25 सीटों में से 21 सीटें एनडीए को मिली हैं. मतलब यह है कि एनडीए में चंद्रबाबू एक ताकतवर शख्सियत हैं. उनके कंधों पर राज्य की उम्मीदों का बोझ भी है. लिहाजा आंध्र के लोगों को उम्मीद है कि चंद्रबाबू नायडू केंद्र से सूबे के हितों के लिए मजबूत तालमेल करेंगे.
Bol CG Desk (L.S.)

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