NEET परीक्षा में गड़बड़ी पर ज़िम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती NTA : NEET एजुकेटर प्रतीक जैन
NEET परीक्षा में गड़बड़ी पर ज़िम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती NTA : NEET एजुकेटर प्रतीक जैनदेशभर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित NEET UG परीक्षा 2024 का पेपर लीक होने और परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के आरोपों पर विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार बहुत कुछ असामान्य हुआ है, और परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की बजाय आगे बढ़कर इसकी जांच करनी चाहिए. अनअकेडमी (UnAcademy) के NEET एजुकेटर प्रतीक जैन से समाचार एजेंसी IANS ने इस संबंध में विशेष बातचीत की, जिसके कुछ अंश यहां प्रस्तुत हैं.प्रश्न : NEET परीक्षा क्या है…?प्रतीक जैन : NEET परीक्षा लाखों-लाख बच्चों के सपनों को पूरा करता है… हर साल 25 लाख बच्चे इसमें शामिल होते हैं, ताकि वे देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों में दाखिला ले सकें और डॉक्टर बन सकें…प्रश्न : क्या किसी उम्मीदवार के 720 में से पूरे 720 अंक आ सकते हैं…?प्रतीक जैन : हर साल कुछ बच्चे 720 में से 720 अंक लाते हैं, क्योंकि NEET परीक्षा उतनी ज़्यादा मुश्किल नहीं है, लेकिन इस साल कुछ अजीब हुआ है… पिछले साल दो छात्र 720 में से 720 लाए थे और उनकी ऑल इडिया रैंक 1 थी, लेकिन इस बार 67 छात्रों के 720 में से 720 अंक हैं… सबसे मज़ेदार बात यह है कि एक ही सेंटर से ऐसे चार बच्चे हैं, जिनके 720 में से 720 अंक हैं… उससे ज़्यादा खतरनाक बात यह है कि उसी सेंटर पर दो छात्रों के 718-718 अंक हैं…NEET में 718 अंक लाना मुमकिन नहीं है… सही जवाब देने पर 4 अंक मिलते हैं और गलत जवाब पर 1 अंक कट जाता है, तो अगर आप सारे प्रश्नों के सही जवाब देंगे, तो आपको 720 में से 720 अंक मिलेंगे… अगर आप एक प्रश्न छोड़ देंगे और बाकी सबके सही जवाब देंगे, तो 716 अंक होंगे… सिर्फ़ एक प्रश्न गलत करेंगे, तो 715 अंक होंगे, लेकिन कभी भी आपके नंबर 718 या 719 नहीं होंगे…जब बहुत सारे टीचर और अभिभावकों ने इस बात को पकड़ा, तो NTA ने ट्वीट कर कहा कि इस साल उसने ग्रेस मार्किंग दी है… लेकिन यह नहीं बताया कि कितने बच्चों को ग्रेस मार्क दिए गए – 1,000, 2,000, 10,000, या एक लाख…? या कितने ग्रेस मार्क दिए गए – 2 अंक, 3 अंक, 100 अंक, 200 अंक या 500 अंक…?प्रश्न : इस बार ऐसा क्या हुआ कि NEET के परिणाम पर इतना बवाल हो गया…?प्रतीक जैन : अगर आंकड़ों पर ध्यान दें, तो इस साल पेपर पिछले साल जितना ही मुश्किल था या फिर हल्का सा ज़्यादा मुश्किल कह सकते हैं… लेकिन फिर भी इस साल देखेंगे तो 655 से ज़्यादा नंबर लाने वाले 25,000 विद्यार्थी हैं, जबकि पिछले साल 5,000 विद्यार्थी थे… ठीक है कि विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ रही है… इस साल 24 लाख विद्यार्थी थे, जो पिछले साल की तुलना में 15 से 20 प्रतिशत अधिक हैं… इसके बावजूद 655 से ज़्यादा स्कोर करने वाले छात्रों की संख्या पांच गुना हो गई है, जो किसी भी तरह विश्वास करने लायक नहीं है, क्योंकि NEET का इससे ज़्यादा आसान पेपर पहले भी आ चुका है और तब भी छात्रों ने इतना स्कोर नहीं किया था…यदि हम मान भी लें कि इस बार पेपर आसान था, तब भी इतनी ज़्यादा संख्या नहीं बढ़ सकती… दुःख की बात है कि इस साल जो बच्चा 650 से ज़्यादा नंबर लेकर आया है, उसे भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाएगा… पिछली बार 610-620 से अधिक नंबर लाने वालों को सरकारी मेडिकल कॉलेज मिल रहा था…प्रश्न : NEET का पेपर लीक होने के आरोपों पर आपका क्या कहना है…?प्रतीक जैन : बिहार पुलिस के पास एक FIR दर्ज हुई थी, जिसमें शिकायत की गई थी कि 4 मई को कई विद्यार्थियों को पेपर मिल गया था और यह वही पेपर है, जो 5 मई को NEET परीक्षा में पूछा गया… उन्होंने इस पेपर को आधिकारिक रिकॉर्ड के लिए NTA को भेजा था, ताकि वह वेरीफाई कर दे कि यह परीक्षा में पूछे गए प्रश्नपत्र से मेल खाता है… NTA ने अब तक इसका कोई उत्तर नहीं दिया है…वैसे तो हम सभी जानते हैं कि यह वही पेपर है, परीक्षा देने वाला हर छात्र उस पेपर को देखकर आया था… इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिससे लगता है कि NEET का पेपर बड़े पैमाने पर लीक हुआ था… हरियाणा के एक केंद्र पर चार बच्चों के पूरे नंबर हैं… इसी केंद्र पर दो बच्चे ऐसे हैं, जिनके 718-718 नंबर हैं… इन सब बातों को ध्यान से देखें, तो बहुत ज़्यादा संभावना है कि NEET का पेपर लीक हुआ है और ऊंचे स्तर पर बहुत कुछ गड़बड़ चल रही है, जो हमारे सामने अभी नहीं आया है…साथ ही एक टेलीग्राम ग्रुप में 4 मई को पेपर लीक हो गया था… वैसे तो वह पोस्ट एडिटेड है, लेकिन मेरा मानना है कि यह NTA की ड्यूटी बनती है कि वह खुद से तहकीकात करे… यह छात्रों की ड्यूटी नहीं है कि आपको सबूत लाकर दे कि पेपर लीक हुआ है या नहीं… अगर आप ज़िम्मेदार एजेंसी हैं, जिसका आप हमेशा दावा करते हैं, तो आपको कहीं से भी इस तरह की ख़बरें मिलने पर खुद पुलिस के पास जाना चाहिए था, आपको खुद जांच करनी चाहिए थी, आपको पता लगाना चाहिए था – कहां सही और कहां गलत है… लेकिन NTA ने उल्टा किया – हर बार अपना पल्ला झाड़ा और यह कहने की कोशिश की कि ऐसा कुछ भी नहीं है… हर बार एक झूठ छिपाने के लिए कई नए झूठ बोले, जो हम सबके सामने हैं…