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पांच mughal रानियाँ जिनके बादशाह थे गुलाम, पढ़िए कौन थीं…

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश

भारत में Mughal साम्राज्य की शुरुआत 1526 से मानी जाती है। इसके बारे में आप कई कहानियां सुने होंगे। आप किताबों में भी इनके बारे में पढ़ा होगा। लोगों से कई तरह के कहानियां भी सुने होंगे। ऐसे ही एक बात आज हम आपको बताने जा रहे हैं। हम आपको मुगल साम्राज्य की उन 5 ताकतवर महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं। mughal जिनके फैसलों को कई बार बादशाह भी नहीं बदल पाए। उनमें से ही एक नुरजहां थी। जो इतनी शक्तिशाली हो गई थी कि शाहजहां ने अपने ही पिता के खिलाफ जा कर बगावत शुरू कर दी थी।

दिलरास बानो बेगम जो औरंगजेब की मुगलिया पत्नी थी। उसके लिए औरंगजेब ने औरंगाबाद में मकबरा बनवाया था। Mughal

Mughal
Mughal

आइए पढ़िए इन 5 महिलाओं के बारे में

mughal गुलबदन बानो बेगम


सर्वप्रथम या जानना होगा कि गुलबदन बानो बेगम, अकबर की बुआ थी। अकबर जब बादशाह बना तो उसने गुलबदन बानो बेगम से गुजारिश कर हुमायूं की जीवनी लिखने के लिए कहा था। इन्होंने mughal परिवार की रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में लिखना शुरू किया और आज भी हम मुगल काल का जो इतिहास हम पढ़ते हैं। उसमें इनका अहम योगदान माना जाता है।

mughal गुलबदन बानो बेगम

नूरजहां
जहांगीर ने नूरजहां से शादी किया था और वह सुन्दरी के अलावा बुद्धिमान, शीलवान और चतुर थी। उसने जहांगीर पर ऐसा प्रभाव बनाया था कि उस समय मुगल साम्राज्यि में कई महत्वपपूर्ण फैसले नूरजहाँ के द्वारा लिए गए। रुतबा आप इस बात से ही समझ सकते हैं कि उस समय के सिक्कों पर भी उसका नाम खोदा जाने लगा। उसके पिता को अच्छे पद मिला और बाद में एत्मादुद्दोला का मकबरा भी बनाया गया

मरियम उज जामनी
मरियम जमानी का खिताब अकबर ने दिया था। जिसका अर्थ होता है संसार के लिए दयालु। हालांकि बाद में इसी नाम से सलीम यानी जहांगीर को जाना गया। इनकी मृत्यु 1622 में हो गई थी और उसके बेटे जहांगीर ने मां के नाम पर मरियम उज-जमानी महल का निर्माण भी कराया था।

जहांआरा बेगम
शाहजहां और मुमताज की सबसे बड़ी बेटी का नाम जहांआरा बेगम था। वर्तमान में आज जो हम दिल्‍ली में चांदनी चौक देखते हैं, उसकी रूपरेखा इन्‍होंने ही बनाई थी। आपको बता दें कि ये औरंगजेब की बड़ी बहन थी। जहांआरा, शाहजहां की पसंदीदा बेटी थी और उस समय इसे साम्राज्य की सबसे शक्तिशाली महिला के रूप में स्वीकार किया जाने लगा। बाद में इन्‍होंने औरंगजेब के साथ सामंजस्य स्थापित कर लिया था और उसके बाद ही उन्‍हें राजकुमार की महारानी का खिताब दिया थाा। औरंगजेब के शासन तक जहांआरा ने विवाह नहीं किया था।


दिलरास बानो बेगम औरंगजेब की पहली और मुख्य बीवी मानी जाती थी। आपने ताजमहल जैसा ही एक मकबरे का फोटो जरूर देखा होगा। वह औरंगाबाद बनाया गया था। जिसका नाम बीबी का मकबरा है। उन्हें मरणोपरांत राबिया उद्दौरानी का खिताब भी दिया गया था।

इन पांच मुगल रानियों का इतिहास इस तरह से है।

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Onima Shyam Patel

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