स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
Quick Feed

क्या होती है ‘अभय मुद्रा’ जिसका जिक्र राहुल गांधी ने लोकसभा में किया, क्या संदेश देती है यह मुद्रा

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
क्या होती है ‘अभय मुद्रा’ जिसका जिक्र राहुल गांधी ने लोकसभा में किया, क्या संदेश देती है यह मुद्रा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान पर सोमवार को लोकसभा में हंगामा हो गया. दसरअसल उन्होंने हिंदुओं को लेकर एक बयान दे दिया था. उस पर सत्ता पक्ष के लोगों ने जोरदार हंगामा किया. यहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह तक को हस्तक्षेप करना पड़ा. राहुल गांधी दरअसल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हो रही चर्चा में हिस्सा ले रहे थे. इस दौरान अपनी बात रखने लिए अभय मुद्रा की चर्चा की.उन्होंने विभिन्न धर्मों का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे कई धर्मों में अभय रहने की बात की जाती है.किस भावना का परिचय देती है अभय मुद्राअभयमुद्रा (भयरहित होने की मुद्रा, यह एक ऐसी मुद्रा है जो भय से मुक्ति और सुरक्षा की भावना का परिचायक है.यह भारत के सभी धर्मों की मूर्तियों में देखने को मिलती है.इसमें दाएं हाथ को ऊपर की ओर करके हथेली बार की ओर दिखाया जाता है. यह सबसे प्राचीन मुद्राओं में से एक है.इस मुद्रा का उपयोग योग और ध्यान अभ्यास के दौरान प्राण के रूप में ज्ञात महत्वपूर्ण जीवन शक्ति ऊर्जा के प्रवाह को दिखाने के साधन के रूप में किया जाता है.अभय मुद्रा सुरक्षा, संरक्षण, शांति और आश्वासन का प्रतीक है और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान इसका उपयोग किया जाता है.राहुल गांधी ने लोकसभा में क्या कहा है?इस अभय मुद्रा को दिखाने के लिए राहुल गांधी ने भगवान शिव, गौतम बुद्ध, महावीर स्वामी, गुरुनानक, इस्लाम, यीशू आदि का उदाहरण दिया. उन्होंने इन देवताओं के चित्र भी सदन में दिखाए. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपत्ति जताई. उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि वो किसी तरह का प्लेकार्ड और तस्वीर दिखाने से परहेज करें. यह सदन के नियमों के मुताबिक नहीं हैं, लेकिन राहुल गांधी ने तस्वीरें दिखाना बंद नहीं किया.ये भी पढ़ें: Exclusive: 10 दिन की कांवड़ यात्रा पर दिक्कत नहीं तो 20 मिनट की नमाज पर क्यों? जानें चंद्रशेखर आजाद ने ये बयान क्यों दिया

अभयमुद्रा (भयरहित होने की मुद्रा). यह एक ऐसी मुद्रा है जो भय से मुक्ति और सुरक्षा की भावना का परिचायक है.यह भारत के सभी धर्मों की मूर्तियों में देखने को मिलती है. इसमें दाएं हाथ को ऊपर की ओर करके हथेली बार की ओर दिखाया जाता है. यह सबसे प्राचीन मुद्राओं में से एक है.
Bol CG Desk

Related Articles

Back to top button