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माता की कृपा प्राप्त करने गुप्त नवरात्रि में करें इन मंत्रों का जाप, देवी दूर कर देंगी हर दुख और कष्ट

माता की कृपा प्राप्त करने गुप्त नवरात्रि में करें इन मंत्रों का जाप, देवी दूर कर देंगी हर दुख और कष्टGupt navratri 2024 : हिंदु धर्म में आषाढ़ माह का विशेष महत्व है. इस माह में  कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार जैसे जगन्नाथ रथ यात्रा, आषाढ़ गुप्त नवरात्र (Ashadha gupt Navratri), योगिनी और देवशयनी एकादशी, भड़ली नवमी मनाए जाते हैं. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. नवरात्रि में मां दुर्गा (Goddess Durga ) के नौ रूपों की पूजा की जाती है और  कार्यों में सिद्धि पाने के लिए व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि जगत जननी माता आदिशक्ति पूजाअर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. माता की कृपा से घर में सुख, समृद्धि से भर जाता है. जीवन में व्याप्त दुख एवं संकट से निजात पाना चाहते हैं, गुप्त नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा करने और मंत्रों (Durga mantra )के जाप से माता को प्रसन्न किया जा सकता है. आइए जानते हैं माता को प्रसन्न करने वाले विशेष मंत्र….16 या 17 जुलाई कब रखा जाएगा देवशयनी एकादशी का व्रत, यहां जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्तमाता की कृपा प्राप्त करने इन मंत्रों का जाप करेंपहला मंत्र ह्रीं शिवायै नम:ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:ऐं श्रीं शक्तयै नम:ऐं ह्री देव्यै नम:ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:दूसरा मंत्रसर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।तीसरा मंत्र या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते ॥नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।चौथा मंत्र दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।दारिद्र्यदु:खभयहारिणि का त्वदन्यासर्वोपकारकरणाय सदाऽऽ‌र्द्रचित्ता॥पांचवां मंत्र देव्या यया ततमिदं जग्दात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या ।तामम्बिकामखिलदेव महर्षिपूज्यां भक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ।।छठा मंत्रनतेभ्यः सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे ।रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ।।सातवां मंत्र देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥आठवां मंत्र शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च॥नौवां मंत्रशरणागत दीनार्त परित्राण परायणे ।सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमो स्तुते ॥दसवां मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहाऊँ ह्नीं स्त्रीं हुम फटऐ ह्नीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नम:ह्नीं भुवनेश्वरीयै ह्नीं नम:ह्नीं भैरवी क्लौं ह्नीं स्वाहाश्रीं ह्नीं ऐं वज्र वैरोचानियै ह्नीं फट स्वाहाऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:ऊँ ह्नीं बगुलामुखी देव्यै ह्नीं ओम नम:ह्मीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलम बुद्धिं विनाशय ह्मीं ॐ स्वाहाऊँ ह्नीं ऐ भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा:हसौ: जगत प्रसुत्तयै स्वाहा:(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन है इस तारीख को, राखी बांधने का सही समय जानिए पंडित से

Ashadha Gupt Navratri puja vidhi : आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. इस समय विशेष मंत्रों के जाप से देवी की कृपा प्राप्त की जा सकती है.
Bol CG Desk

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