स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
Quick Feed

ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के ओबीसी सर्टिफिकेट और मेडिकल जांच पर है क्या विवाद

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश

ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के ओबीसी सर्टिफिकेट और मेडिकल जांच पर है क्या विवादट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों चर्चा में हैं.चर्चा की वजह है महाराष्ट्र कैडर की इस अधिकारी की ज्वाइंनिंग से पहले ही सुविधाओं की मांग करना.खबरों में आने के बाद महाराष्ट्र शासन ने पूजा का तबादला पुणे से वाशिम के लिए कर दिया है.अब पूजा को लेकर कई सवाल भी खड़े होने लगे हैं.सबसे ज्यादा विवाद उनकी विकलांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट को लेकर है. कौन है पूजा खेडकरपूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर राज्य सरकार में अधिकारी रह चुके हैं.रिटायरमेंट के बाद वो राजनीति में आ गए. अभी हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने वंचित बहुजन अघाड़ी के टिकट पर अहमदनगर सीट से चुनाव भी लड़ा था.लेकिन उन्हें 13 हजार 749 वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा था.मेडिकल के लिए छह बार किया इनकारपूजा खेडकर यूपीएससी की परिक्षा में ओबीसी और दृष्टिबाधित अभ्यर्थी के रूप में शामिल हुईं.उन्होंने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा कराया था.यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) ने अप्रैल 2022 में मेडिकल जांच के लिए दिल्ली एम्स में पेश होने के लिए कहा था,ताकि उनकी विकलांगता प्रमाणित की जा सके.लेकिन वो जांच के लिए उपस्थित नहीं हुईं.ऐसा उन्होंने एक बार नहीं बल्कि छह बार किया. इसके बाद उन्होंने एक प्राइवेट जांच केंद्र की एमआरआई रिपोर्ट पेश की.लेकिन यूपीएससी ने उसे मानने से इनकार कर दिया. यूपीएससी ने पूजा खेडकर के चयन को सेंट्रल एडमिनस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (सीएटी) में चुनौती दी.कैट ने 23 फरवरी 2023 को पूजा के खिलाफ फैसला सुनाया.इसके बाद पता नहीं किस वजह से पूजा की एमआरआई सर्टिफिकेट को स्वीकार कर आईएएस के रूप में उनकी नियुक्ति की पुष्टि कर दी गई.क्या फर्जी है पूजा का ओबीसी सर्टिफिकेटपूजा के साथ एक विवाद उनके अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र को लेकर भी है.पूजा के पिता ने चुनाव के समय दिए हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति 40 करोड़ रुपये से अधिक की दिखाई है.इतनी संपत्ति होने के बाद भी पूजा का ओबीसी सर्टिफिकेट सवालों के घेरे में है. पूजा के पिता के पास 110 एकड़ खेती योग्य जमीन भी है. यह कृषि योग्य जमीन सीलिंग एक्ट का उल्लंघन है. इसके अलावा उनके पास 900 ग्राम सोने और हीरे के आभूषण, 17 लाख की कीमत वाली सोने की एक घड़ी, चार कारें, दो प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों में हिस्सेदारी और एक ऑटोमोबाइल फर्म में भी हिस्सेदारी है.पूजा के पास भी 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है.इतनी संपत्ति होने के बाद पूजा खेडकर के पास ओबीसी का प्रमाण पत्र होना सवालों के घेरे में है.पूजा खेडकर पर विवाद बढ़ता देख प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले में पुणे के कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है.इसके अलावा आइएएस अधिकारियों को प्रशिक्षण देने वाले संस्थान लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन ने महाराष्ट्र शासन से इस मामले में एक रिपोर्ट मांगी है. महाराष्ट्र शासन की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद एकेडमी अपनी रिपोर्ट यूपीएससी को भेजेगा. क्यों चर्चा में आया पूजा खेडकर का नामपूजा खेडकर का नाम उस समय चर्चा में आ गया, जब महाराष्ट्र शासन ने उनका तबादला पुणे से वाशिम कर दिया. उनके खिलाफ पॉवर के दुरुपयोग की शिकायत मिली थी. सरकार ने यह कदम पुणे के कलेक्टर डॉक्टर सुहास दिवासे की मुख्य सचिव को लिखी एक चिट्ठी के बाद उठाया था.वाशिम में पूजा को अतिरिक्त सहायक कलेक्टर बनाया गया है.वो वहां 30 जुलाई 2025 तक सेवा देंगी.पूजा ने पुणे में तैनाती के दौरान अधिकारियों से कुछ ऐसी मांगें कर दी थीं, जो किसी प्रशिक्षु अधिकारी को नहीं दी जाती हैं. उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल नीली बत्ती लगा ली थी. उन्होंने अपनी गाड़ी पर महाराष्ट्र शासन भी लिखवा लिया था. इसके बाद पूजा के मामले में तूल पकड़ लिया. ये भी पढ़ें: हिट एंड रन केस : मिहिर शाह ने पब में दिखाई फर्जी ID,पिए शराब के 12 लार्ज पैग, फिर BMW में चला दूसरा राउंड

पुणे से तबादला किए जाने के बाद पूजा ने वाशिम में अतिरिक्त कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभाल लिया है. वहां उनकी तैनाती 30 जुलाई 2025 तक के लिए की गई है. इस बीच उनकी विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग के सर्टिफिकेट को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
Bol CG Desk

Related Articles

Back to top button