RML अस्पताल के डॉक्टरों ने प्लास्टिक सर्जरी दिवस के मौके पर बनाया रिकॉर्ड, किए 24 घंटे में 24 ऑपरेशन
RML अस्पताल के डॉक्टरों ने प्लास्टिक सर्जरी दिवस के मौके पर बनाया रिकॉर्ड, किए 24 घंटे में 24 ऑपरेशनकिसी भी आपदा में क्या डॉक्टर और नर्स 24 घंटे काम कर सकते हैं. इसका अभ्यास राममनोहर लोहिया अस्पताल (Ram Manohar Lohia Hospital) के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने 24 घंटे में 24 ऑपरेशन करके किया. यही नहीं ये प्लास्टिक सर्जरी आसान नहीं थी एक लड़के के हाथ का अंगूठा कट गया था. इसके लिए पैर का अंगूठा काटकर हाथ में जोड़ने का सफल आपरेशन किया गया. ये ऑपरेशन करीब तीन घंटे तक चली. इसी तरह एक बच्चे के चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी की गई.पूरे मामले पर राम मनोहर लोहिया के सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ.सामिक ने बताया कि कई बार अपनी क्षमता को जांचने के लिए इस तरह का अभ्यास जरुरी होता है ताकि आपदा के वक्त हम लोग पूरी तरह से तैयार रहे. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक सर्जरी दिवस के मौके पर 24 जरुरतमंद मरीजों का सफल ऑपरेशन किया गया. इस ऑपरेशन में 17 डाक्टरों की टीम थी इसमें एनस्थेशिया की टीम भी साथ में थी.हाल के दिनों में हाथरस में भगदड़ में कई लोगों की जान चली गयी. इस हादसे में यह देखा गया कि जब घायल लोगों को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया तो डॉक्टर इतने मरीजों की संख्या को झेल नहीं पाए.दिल्ली में हुए तीन बड़े डिजास्टरडॉ. सम्यक ने कहा कि हाल के वर्षों की बात करें तो दिल्ली में सरोजनी नगर ब्लास्ट, दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट और दिल्ली में सीरीज बम ब्लास्ट हुए. इन घटनाओं में बड़ी संख्या में घायल मरीज अस्पताल पहुंचे. डॉ. सम्यक ने कहा कि हमारी कोशिश यह है कि ऐसी किसी घटना के समय अस्पताल कितना तैयार है इसके लिए रिहर्सल करना चाहिए.24 घंटे में 24 ऑपरेशनआरएमएल अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ अजय शुक्ला ने बताया कि हमने 24 घंटे के दौरान 24 कठिन प्लास्टिक सर्जरी के ऑपरेशन किए हैं. इस दौरान यह भी देखने की कोशिश की गयी कि कैसे अलग-अलग विभागों में सामन्जस्य बिठाया जाए ताकि अधिक से अधिक ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सके. उन्होंने कहा कि एनेस्थिसिया से लेकर तमाम तरह के विभागों के सौजन्य से यह संभव हो पाया.मरीज का हाथ फिर से करने लगा कामप्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्लास्टिक सर्जन डॉ पंकज ने कहा कि एक कठिन सर्जरी को उन्होंने अंजाम दिया जिसमें एक व्यक्ति के हाथ का पूरा मांस कट गया था. जिसकी वजह से वह हमने हाथ का मूवमेंट नहीं कर पा रहा था. इस मैराथन ऑपरेशन में उसके हाथ की सर्जरी भी की गयी जिससे की उसके हाथों की शक्ति लौट गयी.IAS पूजा खेडकर की ट्रेनिंग पर रोक, दिव्यांग सर्टिफिकेट देने वाले डॉक्टर पर भी गिरेगी गाज