महिला बजट 2013-14 के 97,134 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 3.1 लाख करोड़ रुपये : आर्थिक समीक्षा
महिला बजट 2013-14 के 97,134 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 3.1 लाख करोड़ रुपये : आर्थिक समीक्षामहिलाओं के बजट (Women Budget) में लगातार वृद्धि हुई है और यह वित्त वर्ष 2013-14 के 97,134 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 3.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. सोमवार को संसद में पेश 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी गई है. इस तरह लैंगिंग बजट में इस साल 2023-24 की तुलना में 38.7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में 218.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई. यह राशि कुल केंद्रीय बजट का 6.5 प्रतिशत है. संसद में पेश आर्थिक समीक्षा के अनुसार एक बड़े बदलाव के तहत भारत महिला विकास से महिला-नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ रहा है. समीक्षा में विभिन्न व्यवसायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सरकार के विधायी हस्तक्षेप और प्रावधानों के बारे में बताया गया है. व्यावहारिक नजरिये की जरूरत पर जोर इसमें कहा गया कि 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता ने महिलाओं की कार्यबल भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को प्राथमिकता दी गई. महिलाओं को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों के संबंध में समीक्षा एक व्यापक और व्यावहारिक नजरिये की जरूरत पर जोर देती है. इसमें बुनियादी जरूरतों जैसे स्वच्छता, पाइप से जलापूर्ति और मासिक-धर्म स्वच्छता तक पहुंच में सुधार के साथ ही आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में सुरक्षा, उचित पोषण और समान अवसर सुनिश्चित करना शामिल है. लैंगिंग बजट में लगातार हो रही है वृद्धि समीक्षा में कहा गया कि लैंगिंग बजट में लगातार वृद्धि से महिलाओं के कल्याण को बढ़ाने के लिए सरकार की बहुआयामी पहल स्पष्ट है. लैंगिक बजट लगातार बढ़ रहा है और यह 2013-14 में 97,134 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 3.1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी सामाजिक सशक्तीकरण पहल ने जन्म के समय लिंग अनुपात में सुधार किया है और मातृ मृत्यु दर में कमी हुई. संस्थागत प्रसव में वृद्धि हुई है और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसे कार्यक्रम ने दीर्घकालिक सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के उपयोग पर सकारात्मक प्रभाव दिखाया है. ये भी पढ़ें :* “भारतीय वित्तीय क्षेत्र का आउटलुक उज्ज्वल रहेगा” : आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 की खासियतें * वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, महंगाई पर काबू से लेकर LPG, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती का भी जिक्र* आम बजट से पहले पेश हुआ आर्थिक सर्वेक्षण, आर्थिक समीक्षा 2023-24 के खास पहलू