Adiwasi रेजिमेंट की मांग कांग्रेस महाधिवेशन में एसटी विभाग ने जनगणना में सातवें धर्म के रूप में आदिवासी जोड़ने पर दिया जोर
बोल छत्तीसगढ़। adiwasi राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85 वा राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है। जिसका आज समापन हुआ है। कांग्रेस के एसटी विभाग के अध्यक्ष शिवाजीराव मोघे ने आदिवासियों के लिए सेना में अलग रेजिमेंट बनाए जाने की मांग की है। इसके साथ ही राष्ट्रीय जनगणना में सातवें धर्म के रूप में Adiwasi जोड़ने की भी मांग की है अधिवेशन में मोघे ने कहा कि भाजपा और आर एस एस वाले आदिवासियों को वनवासी कहते हैं, गिरिजन कहते हैं।
यह गाली जैसा लगता है। आदिवासियों को वनवासी बोलना गलत है। इस संबंध में जब हमने राहुल गांधी से चर्चा की और उन्हें बताया तो उन्होंने कहा कि इस देश में पहले कौन आया। आदिवासी आया, आदिवासियों को इस देश का मालिक कहना चाहिए। मौघे ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में Adiwasi पूरे देश में कांग्रेस के साथ जुड़ा है।
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Adiwasi को वनवासी कहना गाली देने जैसा- मोघे
उन्होंने कहा कि भारतीय जनगणना में 6 धर्म है उन्होंने कांग्रेस से मांग की है कि सातवा धर्म Adiwasi लिखा जाए। ब्रिटिश काल में आदिवासी कोड होता था Adiwasi रेजीमेंट होना चाहिए। आदिवासियों की जनसंख्या बढ़ रही है। और पूरे देश में बड़ी है। उनका रिजर्वेशन और बजट में ठंड होना चाहिए। कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने कहा कि मल्लिका मल्लिका अर्जुन खड़गे वर्तमान युग के अंबेडकर हैं।
उन्होंने कहा कि सामाजिक सशक्तिकरण के लिए देश में राष्ट्रीय परिषद बनना चाहिए।
लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन के तहत एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक युवाओं को चिन्हित कर और उन्हें इस में जोड़ना चाहिए। देश में शैक्षणिक संस्थाओं में होने वाले प्रश्नों को रोकने के लिए रोहित वेमुला एक्ट लागू किया जाना चाहिए। शिकायत निवारण प्रकोष्ठ बनाना चाहिए। आदिवासी कोनवर्सइ बनाकर पहचान खत्म करना चाहती है।
हम मूलनिवासी हैं, यह पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राष्ट्रपति को चेहरा बनाते हैं, लेकिन मंदिर में गोविंद को सीढ़ियों पर खड़े होकर पूजा करनी पड़ती है। राम मंदिर के राष्ट्रपति को नहीं बुलाया जाता है घुमंतू जातियों को ऑर्गनाइजेशन में लाने की मांग की है।
हिंदुओं को अलग करने की साजिश
छत्तीसगढ़ राष्ट्रवादी संघ के प्रदेश संयोजक वीरेंद्र दुबे ने कहा कि इस देश में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति आदिवासी है और सनातनी है। जो शहर में रहता है उसे शहरवासी,नगर में रहने वाला नगरवासी, गांव में रहने वाला ग्रामीण या ग्राम वासी।इस तरह वनों में रहने वालों को वनवासी कहा जाता है।
लेकिन मिशनरी षड्यंत्र और साजिश के तहत वोट बैंक के लिए कांग्रेस पार्टी वनवासियों को सनातन धर्म से अलग बता कर नए विवाद को पैदा करना चाहती है।
वीरेंद्र दुबे ने समाज तोड़ने का लगाया आरोप
वीरेंद्र दुबे ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने शुरू से ही इस देश को तोड़ने का कार्य किया है। धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर, संस्कृति के नाम पर सभी भारतवासियों को अलग करने का काम कांग्रेस ने ही किया है।
भारत के लोग भाषा प्रान्त के रूप में अलग हो सकते हैं लेकिन कांग्रेस इस देश को अब संस्कृतिक रूप से अलग करने का प्रयास कर रही है।
RSS के रहता कांग्रेस का सपना नही होगा पूरा
CRS प्रदेश संयोजक वीरेंद्र दुबे ने कहा कि RSS 1925 से देश और धर्म के लिए कार्य कर रही है। भारत की संस्कृति परंपरा को साथ लेकर आगे बढ़ रही है। वनवासियों के मध्य संघ के कार्यकर्ताओं ने अपना पूरा जीवन खपा दिया है। उनके सामाजिक, आर्थिक जीवन में सुधार लाने के लिए अनगिनत कार्यकर्ताओं ने जीवन पर्यंत कार्य किया है और अभी भी कार्य कर रहे हैं।
इसलिए वनवासियों को सनातन धर्म से अलग करने का सपना कांग्रेस को त्याग देना चाहिए।
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