पति की लंबी उम्र और तरक्की के लिए किया जा सकता है मां गौरी और भगवान शंकर के इन मंत्रों का जाप
पति की लंबी उम्र और तरक्की के लिए किया जा सकता है मां गौरी और भगवान शंकर के इन मंत्रों का जापHartalika Teej 2024: भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का पर्व मनाया जाता है. यह पर्व इस साल 6 सितंबर को मनाया जाएगा. आज के दिन सुहागिन औरतें अपने पति की तरक्की, उनकी लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ उपवास रखती हैं. इस दिन मां गौरी और भगवान भोलेनाथ (Lord Shiva) की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और माना जाता है कि जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. कुंवारी कन्याएं भी सुयोग्य वर की कामना लेकर इस व्रत को करती हैं. इस वर्ष हरतालिका तीज पर तीन शुभ योग (Shubh Yog) बन रहे हैं. जिसमें ब्रह्म योग, शुक्ल योग, एवं रवि योग सम्मिलित हैं. इन योग में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.Putrada Ekadashi 2024: इस कथा के बिना अधूरी मानी जाती है पुत्रदा एकादशी की पूजा, आज पढ़ सकते हैं आप भी पति की लंबी उम्र के लिए मंत्रनमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा.प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे.मां पार्वती को सिंदूर अर्पित करने का मंत्रसिंदूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्.शुभदं कामदं चैव सिंदूरं प्रतिगृह्यताम्..भगवान भोलेनाथ के मंत्रॐ नम: शिवायॐ महेश्वराय नमःॐ पशुपतये नमःसौभाग्य प्राप्ति हेतु मंत्रदेहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्.पुत्र-पौत्रादि समृद्धि देहि में परमेश्वरी..मां गौरी का मंत्रॐ पार्वत्यै नमःॐ उमाये नमःया देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता.नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:महामृत्युंजय मंत्रऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्.ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ..भगवान भोलेनाथ की आरतीओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा.ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा..ओम जय शिव ओंकारा..एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे. हंसानन गरूड़ासनवृषवाहन साजे..ओम जय शिव ओंकारा..दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे.त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे..ओम जय शिव ओंकारा..अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी.त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी..ओम जय शिव ओंकारा..श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे.सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे..ओम जय शिव ओंकारा..ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका.मधु कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे..ओम जय शिव ओंकारा..लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा.पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा..ओम जय शिव ओंकारा..पर्वत सोहें पार्वतू, शंकर कैलासा.भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा..ओम जय शिव ओंकारा..जया में गंग बहत है, गल मुण्ड माला.शेषनाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला..ओम जय शिव ओंकारा..काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी.नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी..ओम जय शिव ओंकारा..त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोई नर गावे.कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावे..ओम जय शिव ओंकारा.. ओम जय शिव ओंकारा..(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)