Quick Feed

जो पहले पत्थरें उठाती थीं, उन हाथों ने अब थाम लीं किताबें… कश्मीर घाटी में चुनाव से पहले शुरू हुआ चिनार बुक फेस्टिवल

जो पहले पत्थरें उठाती थीं, उन हाथों ने अब थाम लीं किताबें… कश्मीर घाटी में चुनाव से पहले शुरू हुआ चिनार बुक फेस्टिवलकभी आतंकियों के निशाने पर रहने वाले कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) का मिजाज बदल गया है. पहले जिन हाथों में पत्थरें हुआ करती थीं, उन हाथों में अब किताबें सजती हैं. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu-Kashmir Assembly Elections 2024) से पहले श्रीनगर में चिनार बुक फेस्टिवल (Chinar Book Festival) शुरू हुआ है. चिनार बुक फेस्टिवल बदलते कश्मीर की तस्वीर दिखाती है. बुक फेस्टिवल की शुरुआत 17 अगस्त से हुई. चिनार बुक फेस्टिवल में हर तरह की किताबें तो मिलेंगी. वहीं, विजिटर्स के लिए भी ढेरों एजुकेशनल और एंटरटेनमेंट की एक्टिविटी होंगी. चिनार बुक फेस्टिवल 25 अगस्त 2024 तक चलेगा. सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक आप यहां जा सकते हैं.चिनार बुक फेस्टिवल कश्मीरी युवाओं के लिए अभिव्यक्ति की बदलती प्राथमिकताओं को दिखाता है. पहले नेशनल लेवल के बुक फेस्टिवल के उद्घाटन के मौके पर पीएम युवा मेंटरशिप स्कीम के तहत चुने गए जम्मू-कश्मीर के 5 उभरते लेखकों को सम्मानित भी किया गया.कुपवाड़ा की रोकाया रज्जब कश्मीरी भाषा में अपनी पहली किताब “डेमोक्रेसी एंड द यूथ” लिख रही हैं. वहीं, बारामूला की शाइस्ता जान भी कश्मीरी भाषा में “इंडिया: ए डायनेमिक डेमोक्रेसी” नाम से एक किताब पर काम कर रही हैं. इन लड़कियों से पहले जम्मू-कश्मीर के 3 युवा लेखकों ताहिर अहमद लोन (कश्मीरी), भारती देवी (डोगरी) और एकशु शर्मा (अंग्रेजी) की पहली किताबें  नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया की ओर से पब्लिश की जा चुकी हैं.फेस्टिवल में एक्टिविटीज और वर्कशॉप भीचिनार बुक फेस्टिवल में सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक कैलीग्राफी वर्कशॉप, स्टोरी टेलिंग, कैरीकेचर, डाईंग कंपीटिशन, आर्ट वर्कशॉप, स्लोगन राइटिंग कंपीटिशन, वेदिक मैथ्स प्ले, पपेट क्राफ्ट, क्रिएटिव राइटिंग जैसी एक्टिविटी भी होंगी. दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक युवाओं के लिए करियर वर्कशॉप होगा. इस दौरान लोगों को कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र से प्रसिद्ध लेखकों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों से बात करने का भी मौका मिलेगा.11 द्विभाषी किताबें भी हुईं लॉन्च चिनार बुक फेस्टिवल में ‘एम्पैथी सर्कल’ और ‘इमोशनल इंटेलिजेंस’ जैसे विषयों पर वर्कशॉप आयोजित की जा चुकी हैं. इसके साथ ही स्टोरी टेलिंग और क्रिएटिव राइटिंग की एक्टिविटी हुई है. स्थानीय भाषाओं में कम्युनिकेशन को बढ़ावा देने वाली एक्टिविटीज भी कराई गई हैं. इसके अलावा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अनुपालन में कश्मीरी-अंग्रेजी और डोगरी-अंग्रेजी में 11 द्विभाषी किताबें भी लॉन्च की गई हैं.नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया, जिला प्रशासन, श्रीनगर, राष्ट्रीय उर्दू भाषा संवर्धन परिषद (NCPUL), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) ने शहर में किताबों का एक मेगा शो रखा है.फेस्टिवल में 200 से ज्यादा बुक स्टॉलइस बुक फेस्टिवल में 200 से ज्यादा बुक स्टॉल हैं. इसमें 100 से ज्यादा लिटरेचर सेशन, वर्कशॉप और कल्चरल प्रोग्राम भी शामिल हैं. उर्दू किताबों के लिए एक डेडिकेटेड ज़ोन भी बनाया गया है, जिसका सेटअप नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू लैंग्वेज (NCPUL) ने किया है. इसमें 80 पब्लिशर शामिल हैं.छात्रों ने बताया शानदार अनुभवचिनार बुक फेस्टिवल को लेकर श्रीनगर के छात्र सैयद हमजा कहते हैं, “कॉमिक्स, जनरल नॉलेज और अन्य शैलियों के बारे में जानने के लिए ये एक बहुत शानदार प्लेटफॉर्म है. ये सब स्कूलों में नहीं पढ़ाया जाता. यह हम सभी के लिए एक शानदार अनुभव रहा है.” फेस्टिवल में हर किसी के पसंद की किताबेंकोयंबटूर का एक बुक सेलर ली बुक्स स्टोर ने भी यहां काउंटर लगाया है. बुक सेलर ने बताया, “पहली बार मैं श्रीनगर आया हूं. बच्चों, सेल्फ हेल्प, बायोग्राफी, ऑटोबायोग्राफी… यहां हर किसी के पसंद की किताबें हैं. फेस्टिवल को बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है.”बुक फेस्टिवल किसी सपने के सच होने जैसा-श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर IAS और श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर डॉ. बिलाल एम. भट कहते हैं, ”यह बुक फेस्टिवल मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है. अपने शुरुआती दिनों में मैं कई बार दिल्ली के प्रगति मैदान में होने वाले बुक फेयर में जा चुका हूं. मैंने हमेशा सोचा कि कश्मीर के बच्चों और युवाओं को भी एक वर्ल्ड लेवल का बुक फेस्टिवल मिलेगा. यह कश्मीर के लोगों के लिए किताबों और पढ़ने की संस्कृति को अनुभव करने, तलाशने और अपनाने का एक अवसर है.”नेशनल बुक ट्रस्ट-इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद एस मराठे ने इस बात पर जोर दिया कि स्थानीय भाषाओं में अच्छी किताबें उपलब्ध और सुलभ बनाना सरकार की प्राथमिकता है.जम्मू-कश्मीर में कब होगी वोटिंग?बता दें कि 10 साल बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए 3 फेज में चुनाव होंगे. पहले फेज की वोटिंग 18 सितंबर, दूसरे फेज की वोटिंग 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीसरे फेज की वोटिंग होगी. नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे. 

चिनार बुक फेस्टिवल कश्मीरी युवाओं के लिए अभिव्यक्ति की बदलती प्राथमिकताओं को दिखाता है. पहले नेशनल लेवल के बुक फेस्टिवल के उद्घाटन के मौके पर पीएम युवा मेंटरशिप स्कीम के तहत चुने गए जम्मू-कश्मीर के 5 उभरते लेखकों को सम्मानित भी किया गया.
Bol CG Desk (L.S.)

Related Articles

Back to top button