मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने आर्थिक सहायता के लिए भारत का जताया आभार
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने आर्थिक सहायता के लिए भारत का जताया आभारमालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत की आर्थिक सहायता एवं लगातार समर्थन के लिए बृहस्पतिवार को आभार जताया. पत्नी साजिदा मोहम्मद के साथ भारत की पांच दिन की राजकीय यात्रा समाप्त कर वापस लौटे राष्ट्रपति ने मालदीव को, विशेष तौर पर मुश्किल समय में, आर्थिक सहायता देने और लगातार समर्थन करने के लिए भारत के प्रति आभार जताया.मुइज्जू ने एक प्रेस बयान में भारत की आर्थिक सहायता के लिए आभार व्यक्त किया, जिसमें पांच करोड़ अमरीकी डॉलर के ट्रेजरी बिल की मियाद को एक वर्ष बढ़ाना शामिल है. पदभार ग्रहण करने के बाद मुइज्जू की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निमंत्रण पर यह पहली भारत यात्रा थी. यात्रा के दौरान, मुइज्जू ने राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत सरकार के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठकें कीं.भारत और मालदीव ने सोमवार को मुद्रा अदला-बदली को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और वित्तीय संकट से जूझ रहे द्वीपसमूह राष्ट्र में बंदरगाहों, सड़क नेटवर्क, विद्यालयों और आवास परियोजनाओं के निर्माण के लिए विकास सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.प्रधानमंत्री मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव में रुपे कार्ड की भी शुरुआत की, हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नये रनवे का उद्घाटन किया तथा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की, जो पिछले वर्ष खराब हो गए थे.मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को चीन के प्रति नरम रुख रखने के लिए जाना जाता है और पिछले साल नवंबर में शीर्ष पद के लिए निर्वाचित होने के बाद उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए तुर्किये को चुना था. दोनों पक्षों ने ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए एक दृष्टिकोण’ पर भी सहमति व्यक्त की, जो एक दस्तावेज है जो सहयोग के विभिन्न पहलुओं को समाहित करता है.वार्ता के बाद भारत ने हुलहुमाले में 700 सामाजिक आवास इकाइयां भी सौंपीं, जिनका निर्माण एक्जिम बैंक की क्रेता ऋण सुविधाओं के तहत किया गया था. प्रधानमंत्री ने मालदीव को 40 करोड़ डॉलर की सहायता की भी घोषणा की. दोनों पक्षों ने 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की मुद्रा अदली-बदली के समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस कदम से मालदीव को वित्तीय चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी.दोनों नेताओं ने स्वीकार किया कि यह द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा भागीदारी में बदलने को लेकर सहयोग की एक नई रूपरेखा तैयार करने का उपयुक्त समय है. यह जन-केंद्रित, भविष्य-उन्मुख है और हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता बनाये रखने में एक आधार के रूप में काम करेगा.मुइज्जू ने भारत की अपनी इस यात्रा के दौरान आगरा के साथ-साथ मुंबई और बंगलुरु की भी यात्रा की, जहां कई बैठकें और कार्यक्रम हुए. इस यात्रा के दौरान, साजिदा मोहम्मद ने भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और बेंगलुरु में सेंट जोसेफ विश्वविद्यालय का दौरा किया, जहां से उन्होंने पढ़ायी की थी.जबकि दोनों राष्ट्र अगले वर्ष औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित करने की 60वीं वर्षगांठ के करीब पहुंच रहे हैं, मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ राष्ट्रपति मुर्मू को मालदीव की राजकीय यात्रा पर आमंत्रित किया.मुइज्जू ने पिछले साल ‘भारत को बाहर करो’ अभियान के तहत राष्ट्रपति चुनाव जीता था और नयी दिल्ली से इस साल मई तक द्वीपसमूह राष्ट्र में तैनात अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने के लिए कहा था.द्विपक्षीय संबंधों में तब भी खटास आई जब मालदीव के मंत्रियों ने मोदी की आलोचना की. हालांकि, मुइज्जू ने तब से अपने भारत विरोधी रुख को नरम कर दिया है और यहां तक कि उन मंत्रियों को भी बर्खास्त कर दिया है जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की थी.