RBI repo rate : लोन की EMI नहीं बढ़ेगी, आरबीआई ने रेपो रेट रखा बरकरार
नई दिल्ली। RBI repo rate भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यानी की लोगों को अब लोन और ईएमआई की ब्याज पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC) की तीन दिन की बैठक खत्म होने के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने फैसलों की जानकारी दी।
RBI repo rate सर्वसमत्ति से रेपो रेट को बरकरार
गवर्नर ने बताया कि RBI repo rate रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। सर्वसमत्ति से रेपो रेट को बरकरार रखा गया है। यानी रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बरकरार है। लगातार 6 बार बढ़ने के बाद 7वीं बार रेपो रेट ना बढ़ाकर आरबीआई ने राहत दी है।
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6 बार बढ़ा रेपो रेट
बता दें कि RBI repo rate आरबीआई पिछले साल मई से लेकर अब तक 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर चुका है। लेकिन इस बार इसमें बढ़ोतरी नहीं की। यानी रेपो रेट 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। मई 2022 से रेपो रेट में लगातार 6 बार बढ़ोतरी की जा चुकी है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमने अर्थव्यवस्था में जारी सुधार को बरकरार रखते हुए आम सहमति से नीतिगत दर को बरकरार रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने स्थिति के मुताबिक कदम उठाएंगे। MPC ने आम सहमति से इसे फिलहाल 6.50 फीसदी पर बनाए रखा है।
दुनिया में बैंकिंग क्राइसिस पर जताई चिंता
RBI repo rate आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दुनिया में जारी बैंकिंग क्राइसिस पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी अशांति के नए दौर का सामना कर रही है। विकसित देशों में बैंकिंग क्षेत्र में उथल-पुथल पर आरबीआई कड़ी नजर रख रहा है। उन्होंने आगे कहा कि 2022-23 में GDP में 7 फीसदी की वृद्धि हुई, जो दर्शाता है कि आर्थिक स्थिति लचीली रही।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 5.2 फीसदी रखा गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति 5.1 फीसदी रहने का अनुमान है।
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