CG Biranpur violence : बिरनपुर में दो और लोगों की हत्या, एसपी ने की पुष्टि, गांव छावनी में तब्दील
रायपुर। CG Biranpur violence बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में दो पक्षों में सांप्रदायिक हिंसा मामले में दुखद खबर सामने आई है। इस हिंसा में दो और लोगों की हत्या हुई है। एसपी ने दो हत्याओं की पुष्टि की है। दोनों एक समुदाय विशेष के हैं। दोनों के शवों को फिलहाल बेमेतरा जिला अस्पताल के मरचुरी में रखा गया है। दो और लाशें मिलने के बाद पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। साथ ही लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
CG Biranpur violence दो और लोगों की मौत- एसपी
CG Biranpur violence बेमेतरा एसपी इंदिरा कल्याण एलेसेला ने बताया कि बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में दो समुदायों के बीच हुई झड़प से कुछ किलोमीटर की दूरी पर दो और लोगों की मौत की सूचना मिली है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
भुनेश्वर साहू की मौत
CG Biranpur violence पुलिस के मुताबिक, बिरनपुर में स्कूली बच्चों के विवाद के बाद शनिवार को सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई। इसमें भुनेश्वर साहू नाम के एक युवक की मौत हो गई। खबर मिलने के बाद पुलिस ने बिरनपुर गांव को छावनी बना दिया।
इसी मसले पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा सोमवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया गया था। इस दौरान बिरनपुर गांव में उपद्रवियों ने एक मकान को आग लगा दी थी। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
CG Biranpur violence छत्तीसगढ़ बंद के बाद लोग बिरनपुर में हालात सुधरने का अनुमान लगा रहे थे, लेकिन मंगलवार को सुबह दो और लाश मिलने की खबर से तनाव बढ़ गया है।
बिरनपुर गांव में सुरक्षा बढ़ी, 5 जिलों के एसपी तैनात
मंगलवार को भी यहां तनावपूर्ण हालात को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 10 किमी के रेंज में पुलिस जवान तैनात हैं।
बिरनपुर गांव में 1000 पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। गांव की गलियों में भी आज बैरिकेडिंग कर दी गई है। एक-एक गली में पुलिस जवानों को तैनात किया गया है। पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया है।
5 जिलों बेमेतरा, दुर्ग, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, राजनांदगांव और कवर्धा के पुलिस अधीक्षक मौके पर मौजूद हैं। बिलासपुर के एडिशनल एसपी राहुल देव भी बेमेतरा में मौजूद हैं।
धारा 144 लागू
बिरनपुर गांव को पुलिस ने सील कर दिया है। यहां धारा 144 तो लागू है। साथ ही अब बाहर से किसी को आने-जाने की अनुमति नहीं है। यहां तक कि जनप्रतिनिधियों और मीडिया पर भी पाबंदी लगा दी गई है। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। गांव में जैमर लगाया गया है, यानि इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है, ताकि सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं फैलाकर दोनों समुदायों की भावनाओं को भड़काया नहीं जा सके।
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