‘गरीबी हटाओ’ कांग्रेस का सबसे बड़ा जुमला : संसद में बोले पीएम मोदी
देश में एक लंबे वक्त तक कांग्रेस ‘गरीबी हटाओ’ के नारे के साथ चुनावों में उतरती रही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इसी नारे को लेकर कांग्रेस (Congress) को कटघरे में खड़ा किया. पीएम मोदी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा (Discussion on Constitution) के दौरान कहा कि गरीबी हटाओ सबसे बड़ा जुमला है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि इस नारे के जरिए कांग्रेस ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेकीं, लेकिन गरीबों को कोई फायदा नहीं हुआ. पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा, “हमारे कांग्रेस के साथियों को एक शब्द बहुत प्रिय है. मैं आज उस शब्द का उपयोग करना चाह रहा हूं और उनका सबसे प्रिय शब्द है, जिसके बिना वो जी नहीं सकते हैं. वो शब्द है जुमला. कांग्रेस के हमारे साथी उनको दिन-रात… जुमला. लेकिन इस देश को पता है कि हिंदुस्तान में सबसे बड़ा जुमला कोई था और वो चार-चार पीढ़ी ने चलाया. वो जुमला था गरीबी हटाओ. ये गरीबी हटाओ ऐसा जुमला था, जिससे उनकी (कांग्रेस) राजनीति की रोटी तो सिकती थी लेकिन गरीब का हाल ठीक नहीं होता था.” ‘कांग्रेस का प्रिय शब्द है जुमला’ : PM मोदी #PMModi | #LokSabha | #Constitution pic.twitter.com/8pQmCbQQ7N— NDTV India (@ndtvindia) December 14, 2024हम डिगे नहीं, हम अड़े रहे, आगे बढ़ते रहे : PM मोदीआजादी के इतने सालों के बाद गरिमा के साथ जीने वाले परिवार को क्या उसे टॉयलेट भी उपलब्ध नहीं होना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि क्या आपको यह काम करने की फुर्सत नहीं मिली. आज देश में टॉयलेट बनाने के अभियान को जो गरीबों के लिए सपना था, उसकी गरिमा के लिए हमने इस काम को हाथ में लिया और जी जान से जुट गए. मुझे पता है कि उसका मजाक उड़ाया गया, लेकिन उसके बाद भी सामान्य नागरिक के जीवन की गरिमा हमारे दिलो-दिमाग में होने के कारण हम डिगे नहीं. हम अड़े रहे, हम आगे बढ़ते चले गए. साथ ही इस दौरान पीएम मोदी ने काह कि संविधान का दुरुपयोग करना और उसकी भावना को नष्ट करना कांग्रेस के डीएनए का हिस्सा रहा है. हमारे लिए संविधान, उसकी पवित्रता और उसकी अखंडता सबसे महत्वपूर्ण है. साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने संसद का भी गला घोंटने का काम किया है. 35ए लाकर देश की संसद को अंधेरे में रखा क्योंकि इनके पेट में पाप था. सदन के समक्ष पीएम मोदी ने रखे 11 संकल्प चाहे नागरिक हो या सरकार हो, सभी अपने कर्तव्यों का पालन करे. हर क्षेत्र, हर समाज को विकास का लाभ मिले, सबका साथ-सबका विकास हो. भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस, भ्रष्टाचारी की सामाजिक स्वीकार्यता न हो. देश के कानून और नियम को लेकर देश की परंपराओं के पालन में नागरिकों को गर्व होना चाहिए. गुलामी की मानसिकता से मुक्त और देश की विरासत पर गर्व हो. देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति मिले. संविधान का सम्मान हो और राजनीतिक स्वार्थ के लिए संविधान को हथियार न बनाया जाए. संविधान की भावना के प्रति समर्पण रखते हुए जिन्हें आरक्षण मिल रहा है उसे न छीना जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश पर रोक लगे. महिलाओं के नेतृत्व में विकास में भारत दुनिया में मिसाल बने. राज्य के विकास से राष्ट्र का विकास, यह हमारा विकास मंत्र हो. एक भारत, श्रेष्ठ भारत का ध्येय सर्वोपरि हो.