उत्तराखंड: पहाड़ों पर जमकर बर्फबारी, बाबा केदार का हुआ हिम-अभिषेक
उत्तराखंड: पहाड़ों पर जमकर बर्फबारी, बाबा केदार का हुआ हिम-अभिषेकउत्तराखंड जोशीमठ-नीती हाइवे पर नीती गांव से एक किमी पहले टिम्मरसैंण में पहाड़ी पर स्थित गुफा के अंदर एक शिवलिंग विराजमान है. इस पर पहाड़ी से टपकने वाले जल से हमेशा अभिषेक होता रहता है. यहां प्रतिवर्ष बर्फ का एक शिवलिंग आकार लेता है. अमरनाथ गुफा में बनने वाले शिवलिंग की तरह इस शिवलिंग की ऊंचाई ढाई से तीन फीट के बीच होती है. स्थानीय लोग इसे बर्फानी बाबा के नाम से जानते हैं.वहीं, अब यहां बाबा बर्फानी का अवतार देखने को मिल रहा है. यहां हर वर्ष दिसंबर से अप्रैल तक भोलेनाथ बाबा बर्फानी के रूप में विराजमान होते हैं. इस वर्ष भी बाबा बर्फानी बढ़ती ठंड के चलते विराजमान हो चुके हैं और लोग यहां दर्शन करने पहुंच रहे हैं.उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 8 दिसंबर को शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू करने की भी घोषणा कर दी है. इस तरह से इस राज्य में अब 12 महीने चलने वाली चारधाम यात्रा शुरू हो रही है. इसके लिए विधिवत केदार बाबा के शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ से चारधाम यात्रा का ऐलान कर दिया गया. उत्तराखंड में लंबे समय से चारधाम शीतकालीन यात्रा को लेकर मांग उठ रही थी.शीतकालीन चारधाम यात्रा शुरू होने से उत्तराखंड में साल भर देश-विदेश से यात्री दर्शन के लिए आएंगे. इससे वहां के स्थानीय लोगों की आर्थिकी को भी लाभ पहुंचेगा.इससे पहले 17 नवंबर को उत्तराखंड के प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए रविवार को विधि पूर्वक बंद कर दिए गए थे. इस विशेष मौके पर बद्रीनाथ मंदिर को भव्य रूप से 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया था. इस दौरान 10 हजार से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे जो विशेष रूप से इस अवसर का हिस्सा बने.श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद 18 नवंबर को देव डोलियां योग बदरी पांडुकेश्वर और जोशीमठ के लिए प्रस्थान किया था.यह यात्रा बद्रीनाथ धाम के शीतकालीन पूजा की शुरुआत का प्रतीक है. इसके बाद 19 नवंबर से योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजा शुरू हुई.