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बैग बेचकर मालामला हो रही हैं रायपुर की महिलाएं, देश के कई शहरों में है डिमांड

बैग बेचकर मालामला हो रही हैं रायपुर की महिलाएं, देश के कई शहरों में है डिमांडRaipur Chhattisgarh International Women’s day Special: छत्तीसगढ़ की महिलाएं ना सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रही हैं, बल्कि अपने हुनर से आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रही हैं. स्वसहायता समूह से जुड़ी 20 महिलाएं फेब्रिक और कपड़ों से आकर्षक बैग तैयार कर प्लास्टिक मुक्त अभियान को आगे बढ़ रही हे. देश के कई शहरों में इस बैग की डिमांड हो रही है. महिलाएं इस व्यवसाय ये आत्मनिर्भर भी बन रही है.

समूह की संस्थापक रचना शर्मा ने लोकल 18 को बताया कि उनके समूह में 15 महिलाएं काम कर रही हैं. वे सभी पॉलीथिन के उपयोग को कम करने के उद्देश्य से फैब्रिक बैग बनाती हैं, जो कस्टमर्स को बेहद पसंद आते हैं. इन बैग्स को नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर काफी सराहना मिल रही है. महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी इन बैग्स की तारीफ और खरीदी कर चुकी हैं. 

Raipur Chhattisgarh International Women’s day Special: छत्तीसगढ़ की महिलाएं ना सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रही हैं, बल्कि अपने हुनर से आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रही हैं. स्वसहायता समूह से जुड़ी 20 महिलाएं फेब्रिक और कपड़ों से आकर्षक बैग तैयार कर प्लास्टिक मुक्त अभियान को आगे बढ़ रही हे. देश के कई शहरों में इस बैग की डिमांड हो रही है. महिलाएं इस व्यवसाय ये आत्मनिर्भर भी बन रही है.

समूह की संस्थापक रचना शर्मा ने लोकल 18 को बताया कि उनके समूह में 15 महिलाएं काम कर रही हैं. वे सभी पॉलीथिन के उपयोग को कम करने के उद्देश्य से फैब्रिक बैग बनाती हैं, जो कस्टमर्स को बेहद पसंद आते हैं. इन बैग्स को नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर काफी सराहना मिल रही है. महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी इन बैग्स की तारीफ और खरीदी कर चुकी हैं. 

Bol CG Desk

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