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तिल्दा नेवरा। Tilda के सामूदायिक स्वास्थय केंद्र में इन दिनों काफी अव्यवस्था का आलम बना हुआ है। एक तरफ जहां डाक्टरों की कमी है वहीं कुछ निचले स्तर के कर्मचारियों की मनमानी चल रही है। अस्पताल में सर्व सुविधा युक्त डेंटल रूम बनाया गया है जहां पर यहां पदस्थ महिला डेंटिस्ट प्रतिदिन उपस्थिति रहती हैं, लेकिन कई मरीजों को अस्पताल में कार्यरत कुछ कर्मचारियो द्वारा बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
इस परिस्थिति के चलते यहां पर पदस्थ डेंटिस्ट भी हैरान व परेशान है, साथ ही यहां पर बता दें कि Tilda का यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वर्तमान में चार प्रमुख डॉक्टरों के भरोसे ही चल रहा है, यहां डाक्टरों की कमी है वही यहां पर तीसरे एवं चौथी क्लास के कर्मचारियों की मनमानी पूरी तरह से देखी जा सकती है, साथ ही बता दें कि मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, वहीं क्लास 3 व 4 के कर्मचारी मरीजों से ठीक से बात नहीं करते, साथ ही उनकी पूरी तरह से मनमानी इस अस्पताल में देखने को मिल रही है। जिसकी लगातार शिकायते सामने आ रही है।
डेंटिस्ट उपस्थित होने पर भी, मरीजों को भेजा जा रहा वापस
हमने अस्पताल जाकर पड़ताल किया तो पता चला कि अस्पताल में महिला डेंटिस्ट प्रतिदिन उपस्थित रहती है यहां पर सर्व सुविधायुक्त डेंटिस्ट का कमरा बना हुआ है, जहां पर दांत के मरीजों का समुचित उपचार किया जाता है। वहीं पता चला है की अस्पताल के कुछ कर्मचारियो द्वारा डेंटिस्ट की उपस्थिति के बावजूद दांत के कई मरीजों को कुछ अपने चुनिंदा निजी दंत चिकित्सकों के पास भेजा जा रहा है, जिसकी भी व्यापक चर्चा हो रही है।
ग्रेड 3/4 के कर्मचारी, मरीजों को प्राइवेट अस्पताल जाने कहते है
ऐसे ही कुछ मरीजों ने बताया कि हमें बाहर से ही, दंत चिकित्सक अभी नहीं है कहकर, निजी दंत चिकित्सकों के पास भेजा जाता है, वहीं इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिल्दा में पदस्थ दंत चिकित्सक महिला से हमने इस बारे में बात की जहां उन्होंने भी स्वीकारा कि हां कुछ मरीजों के द्वारा उनसे भी शिकायत की गई है कि इस तरह का कृत्य इस अस्पताल में इन दिनों जारी है।
इंजेक्शन रूम बंद
साथ ही बता दें कि दूर दराज ग्रामीण इलाकों से भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तिल्दा में इलाज के लिए मरीज पहुंचते हैं जिनका समुचित इलाज भी नहीं हो पा रहा है, वही मंगलवार को सुबह 11 बजे तक इंजेक्शन रूम बंद मिला जहां मरीज भटकते रहे , काफी देर बाद पता चला कि स्टॉफ की कमी के कारण आज इंजेक्शन दूसरे रूम में लगाया जा रहा है।
इसलिए है तिल्दा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है भगवान भरोसे
लेकिन मेरा को पर्ची जारी वालो के द्वारा भी जानकारी नहीं दी जा रही थी। साथ ही यहां पर डॉक्टरों की कमी है वहीं पूरे पड़ताल से पता चला है की अस्पताल में पदस्थ तीसरे व चौथी क्लास ( वर्ग) के कर्मचारी अपनी मनमानी में लगे रहते हैं। इस संबंध में हमने बीएमओ डॉक्टर उमा पैकरा से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन सुबह 11:00 बजे तक वह अस्पताल नही पहुंची थी एवं उनसे संपर्क नहीं हो पाया।