रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर शहर समेत जिले के कांग्रेस प्रत्याशियों की नामांकन रैली के बाद सभा को संबोधित करते हुए ईडी और आयकर पर फिर बड़ा हमला बोला। उन्होंने केंद्र सरकार और केंद्रीय एजेंसियों को निशाने पर लेते हुए दोहराया कि रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा में जितना कुत्ते नहीं घूमते, उससे ज्यादा ईडी और आईटी वाले घूम रहे हैं। यहां छापे मार-मारकर थक गए हैं। क्योंकि छत्तीसगढ़ में लोहा तो मिलता ही है, यहां के लोग भी फौलादी हैं। किसी से डरने और झुकने वाले नहीं हैं।
बता दे कि सीएम बघेल की मौजूदगी में रायपुर जिले के महंत रामसुंदर दास , कुलदीप जुनेजा , विकास उपाध्याय , पंकज शर्मा , छाया वर्मा और धनेन्द्र साहू ने नामांकन दाखिल किया। महंत रामसुंदर दास देरी से पहुंचे थे। आरंग के प्रत्याशी डॉ. शिव डहरिया आज शुक्रवार को नामांकन जमा करेंगे। सीएम की मौजूदगी में हुई नामांकन रैली में कांग्रेस ने जमकर शक्तिप्रदर्शन भी किया। नामांकन के बाद आमसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि एक तरफ विश्वगुरु मोदी हैं और दूसरी तरफ उनके ईडी और आईटी वाले। एक तरफ ईडी-आईटी से डराने की कोशिश की जा रही है, तो दूसरी ओर लोग पैसे लेकर भी घूम रहे हैं।
आसान हार को देखकर भूपेश का मानसिक संतुलन बिगड़ा : भाजपा
वही भाजपा ने कहा कि भूपेश बघेल का मानसिक संतुलन ख़राब हो गया है . इसलिए केन्द्रीय एजेंसियों के ख़िलाफ़ अभद्र भाषा और गाली-गलौज का प्रयोग कर अपने संस्कारों का प्रदर्शन कर रहे हैं। जिस व्यक्ति का तमाम उन लोगों के साथ उठना -बैठना और संगत हैं ,जो पहले से गलत कामों के लिए जाने जाते हैं। भाजपा नेताओं ने कई बार सवाल उठाया कि ये ….हाउस-हाउस…. क्या है , जहाँ-जहां ईडी ने छापेमारी की है और जिन जिन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है ,उनकी गिरफ़्तारी से पहले आमजनों में उनके प्रति क्या आम धारणा थी , किस तरह से कोल की लेवी वसूली में चार ज़िलों के एसपी और कलेक्टर्स संलग्न थे ये बात सम्बन्धित जिलों के एसपी कलेक्टर कार्यालयों में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी और जिन उद्योगपतियों से वसूली की गयी है वे बेहतर बता पायेंगें।
यहाँ तक कि इन चार ज़िलों बिलासपुर,कोरबा,रायगढ़ और सरगुजा के कांग्रेस के नेता इस बात पर आश्चर्य जताते थे ,कि ऐसा खुला भ्रष्टाचार होने के बाद भी केन्द्रीय जाँच एजेंसियाँ क्यों कार्रवाई नहीं कर रहीं हैं । जाँच एजेंसियों की कार्रवाइयों पर सिर्फ़ भूपेश बघेल ,उनके कांग्रेसी गुर्गे और उनके भ्रष्टाचार और एक्सटार्सशन के पैसे से मज़े करने वाले आलाकमान के नेता ही क्यों सवाल उठाते रहे हैं ,क्यों कांग्रेस के किसी मंत्री या पदाधिकारी ने ईडी की कार्रवाई पर सवाल खड़ा नहीं किया।
ईडी ने तो अभी सिर्फ कोल ,शराब, डीएमएफ ,नागरिक आपूर्ति निगम और महादेव एप ही कार्रवाई की है। क्या मुख्यमंत्री बता सकते हैं कि सी बी वर्मा जैसे अदने पुलिस अधिकारी के कहने पर एसपी और आईजी क्यों कार्रवाइयाँ करते थे और रोकते थे। सी बी वर्मा और सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा का क्या रिश्ता है।
सी बी वर्मा सीएम हाउस में किस हैसियत से बैठकर हुक्म चलाता था। सीबी वर्मा की पत्नी के नाम से ढेरों कम्पनियों में ट्रांजेक्शन हो रहा था , तब ईओडब्ल्यू और एसीबी क्या कर रही थी। शराब घोटाले ,डीएमएफ घोटाले में राज्य की एजेंसियों ने क्यों कोई कार्रवाई नहीं की। कोल लेवी वसूली में किसके आदेश से कलेक्ट्रेट से परिवहन पर्ची जारी होती थी , क्यों एसपी और कलेक्टर सूर्यकांत तिवारी से निर्देश लेते थे । राज्य की जिन एजेन्सियों पर भ्रष्टाचार और अवैध वसूली रोकने की ज़िम्मेदारी थी ,उनके वरिष्ठ अधिकारी आईएएस और आईपीएस क्यों वसूली की गैंग में शामिल थे। सौम्या चौरसिया किस हैसियत से मंत्रिमंडल की बैठकों में शामिल होती थी।
चूँकि प्रतिक्रिया भाजपा की ओर से है तो मानसिक संतुलन बिगड़ने की बात पहले पैरे में आनी चाहिए । अभी जो पहला और दूसरा पैरा है , उसे बैकग्राउंडर की तरह सबसे नीचे ले जाएँ ये बताने के लिए कि भाजपा की ये प्रतिक्रिया क्यों आयी है ।