छत्तीसगढ़ में इंदिरा आवाज योजना की स्थिति बदहाल, जानिए ग्रामवासियों की जुबानी

- किसी के फॉर्म को रद्द किया गया तो किसी को दिया गया ख़राब मकान
- पहुंच के दम पर दूसरे गांव के ग्रामीणों और जिनके कई जमीं-घर उन्हें मिल रहा लाभ
दुनिशा मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ के कई शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आज तक इंदिरा आवाज योजना का लाभ नहीं मिल सका है. यहां के लोग अभी भी झुग्गी और झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं. उन्हें सिर्फ चुनावी दौर पर नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा इस योजना का लॉलीपॉप दिखाया जाता है. ग्रामीणों का कहना है की इस योजना के तहत जो मकान मिले भी हैं वो टूटे-फूटे हैं और बारिश के दिन घर होकर भी बेघर के समान है.
उनका साफतौर पर कहना है की सरकार की सभी योजनाएं सिर्फ पहचान और पहुंच वालों के लिए ही होती है। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है की हमने कई बार फॉर्म भी भर लिया अब हार गए हैं. हमारा कुछ नहीं हो सकता. हमसे पहले बाहर गांव वालों को इस योजना का लाभ मिल जाता है या जिनके पहले से घर है उन्हें और मकान दिया जाता है.
नहीं मिले हे हमन ला इंदिरा आवास
ग्रामीणों का कहना है की हमें अब तक इंदिरा आवास नहीं मिला है. हम अब फॉर्म भर भर के थक गए है. दूसरे गांव के लोगों को हमसे पहले आवास मिल गया है पर हमें अब तक नहीं मिला है. और हमें मिलेगा भी क्यों … आजकल सब कुछ पहुंच वालों को मिलता है. जिनके पहले से कई मकान है उन्हें इस योजना का लाभ पहुंच से मिल जा रहा है.
जिसे मिलता है उसे कई बार मिलता है कइयों के पास सोने की जगह नहीं।
मिले हे तउनो हा टुटहा-फुटहा
जब हमने एक ग्रामीण बुजुर्ग महिला से इस सम्बन्ध के बात की तो…. उसने कहा की मिला है हमें आवास पर वो टुटा फूटा है. बारिश के दिनों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. एक तो मिलता नहीं है और जो मिलता है वो भी न के बराबर होता है.
पूछने पर आपको नहीं मिलेगा कह देते है
एक जरूरतमंद महिला की जुबानी इस योजना का दर्द सुनाई पड़ा. उसने बताया की पहले तो कई बार दौड़ाया गया. कई बार फॉर्म भराया गया. उसके बाद कह दिए की आपको नहीं मिल सकता. आप इस योजना के लाभार्थी नहीं बन सकते.. जबकि कई घर जमीं के मालिकों को इस योजना के तहत कई बार योजना का लाभ मिला है।
वायरल वीडियो पर भाजपा नेता केदार गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता सब समझ चुकी है। भूपेश सरकार के आतंक का भय समाप्त हो चुका है। केदार ने कहा कि प्रदेशवासियों को अब विश्वास है यह कांग्रेस की सरकार अपने काले करतूतों के कारण जाने वाली है। इसलिए जिन गरीबों का आवास इस भ्रष्ट कांग्रेस ने छीना हैं उन्हें CM आवास से निकाल फेंकने जनता भी बेबाक हो कर बोलने लगी है।
यह है योजना
सरकार तीन किस्तों में ढाई रुपये आवास बनाने के लिए देती है। प्रथम किस्त 50,000 रुपये, दूसरी 150000 रुपये और तीसरी किस्त आवास पूर्ण होने पर दी जाती है। इसमें 1.20 लाख रुपये लाभार्थी को खुद भी लगाने पड़ते हैं। आवेदन के बाद से लेकर निर्माण पूर्ण होने तक लगातार जांच की जाती है। निर्माण और भूमि की जीओ टैगिंग भी की जाती है।
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