वो कार चोर जो बन बैठा था 40 दिन का जज, जूनियर नटवरलाल पर बनने जा रही है फिल्म
वो कार चोर जो बन बैठा था 40 दिन का जज, जूनियर नटवरलाल पर बनने जा रही है फिल्म नटवरलाल का नाम तो आपने सुना ही होगा. वो ही ठग जिसने लाल किला और ताज महल जैसी ऐतिहासिक इमारतों तक को बेचने की कोशिश की. जिसका नाम ही ठगी का पर्याय बन गया का. क्या आप जानते हैं कि नटवरलाल की ही तरह एक जूनियर नटवर लाल भी था. इसी जूनियर नटवर लाल पर अब बॉलीवुड की नजर गई है. श्रीनाथ राजेंद्रन इस फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं. वही श्रीनाथ जिन्होंने इससे पहले दुलकर सलमान के साथ कुरुप बनाई थी. श्रीनाथ की फिल्म प्रीति अग्रवाल और चेतन उन्नियाल की किताब मनीराम पर आधारित है.जूनियर नटवरलाल था कौन?आपके जेहन में ये सवाल कौंध रहा होगा. जूनियर नटवरलाल कहे जाने वाला ये शख्स धनी राम मित्तल था. जिसने 55 साल तक लोगों को ठगने का काम किया. इसने ठगी का धंधा 1969 में शुरू किया और अप्रैल 2024 में आखिरी सांस लेने तक ये ठगी करता रहा. इसको फर्जी दस्तावेज बनाने में महारत हासिल थी.1939 में हरियाणा के भिवानी में जन्मा धनी राम मित्तल साइंस ग्रेजुएट था. इसने एलएलबी की डिग्री भी कर रखी थी. ऐसे में धनी राम कानून का जानकार था और कारों का शौकीन भी. लेकिन हर शौक की एक कीमत चुकानी होती है और कीमत चुकाने के लिए उसके पास पैसे थे नहीं. तो उसे इसका तरीका सूझा. ये तरीका चोरी का था. हौसले ऐसे बुलंद की उसने कारें चुरानी के लिए जिस पार्किंग को चुना, वो कोर्ट परिसर में थी.फर्जीवाड़े से चार दिन के लिए बना जजधनी राम मित्तल ने हद तो उस समय कर दी जब फर्जी दस्तावेज बनाकर वो झज्जर कोर्ट में जज बन बैठा. वो 40 दिन तक जज रहा और उसने लगभग 2000 कैदियों को जेल से रिहा कर दिया था, जिनमें से कई उनके दोस्त और सहयोगी थे. यही नहीं, धनी राम ने हरियाणा के परिवहन विभाग में भी काम किया और खूब फर्जी लाइसेंस बनवाए. इस तरह धनी राम के खिलाफ लगभग 150 केस से ज्यादा केस दर्ज थे. वो 1000 से ज्यादा अपराधों से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ था. धनी राम को 90 से ज्यादा बार गिरफ्तार किया गया था. यही वो वजह है कि धनी राम मित्तल को जूनियर नटवरलाल भी कहा जाता था.जूनियर नटवरलाल पर फिल्मअब धनी राम मित्तल यानी जूनियर नटवरलाल पर फिल्म की शूटिंग 2025 में शुरू होने जा रही है. इसे हिंदी, मलयालम और तेलुगू में रिलीज किया जाएगा. अब नजर इस बात पर रहेगी कि क्या डायरेक्टर उसके किरदार को कामयाबी के साथ स्क्रीन पर उतार पाता है या नहीं?