हनुमान बनने के बाद 8-9 घंटे तक खाना नहीं खाते थे दारा सिंह, बैठने के लिए होता थी स्पेशल कुर्सी
हनुमान बनने के बाद 8-9 घंटे तक खाना नहीं खाते थे दारा सिंह, बैठने के लिए होता थी स्पेशल कुर्सीआज यानी कि 23 अप्रैल को देशभर में हनुमान जयंती की धूम है. मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है तो वहीं गली गली भंडारे हो रहे हैं कि कोई भी आज बिना प्रसाद के ना रह जाए. राम के भक्त इन हनुमान जी की महिमा अपार है इसलिए स्क्रीन पर इनका किरदार निभाना भी किसी तपस्या से कम नहीं था. अब टीवी की बात हो तो सबसे यादगार हनुमान दारा सिंह ही रहे हैं. रामानंद सागर की रामायण में दारा सिंह जी ने ऐसा किरदार निभाया कि उनके बाद आज तक कोई वैसा जादू और वैसी भक्ति नहीं जगा पाया है. इस रोल के लिए उन्होंने खूब मेहनत की थी. गेटअप लेने के बाद बैठना तक मुश्किल हो जाता था लेकिन दारा सिंह ने पूरी मेहनत और लगन के साथ इसे निभाया. 8-9 घंटे तक रहते थे भूखेदारा सिंह ने एक बार अपने इंटरव्यू में बताया था कि उनके चेहरे पर मोल्ड होता था. इस लुक को सेट करने के लिए शूटिंग के तीन घंटे पहले उनका मेकअप शुरू हो जाया करता था. इस वजह से वह 8-9 घंटे तक कुछ खा नहीं पाते थे. लेकिन उन्होंने कभी इस चीज की शिकायत नहीं की. उनकी इसी कड़ी तपस्या से शायद हनुमान जी इतने खुश हुए कि उनके किरदार में जान डाल दी.View this post on InstagramA post shared by Shri Dara Singh Randhawa (@darasinghofficial)दारा सिंह नहीं बनना चाहते थे हनुमानदारा सिंह के बेटे विंदु दारा सिंह ने आरजे सिद्धार्थ कन्नन के साथ एक इंटरव्यू में बताया, ‘रामानंद सागर ने मेरे पिता को शो में लेने का मन बना लिया था. तब मेरे पिता ने मुझसे कहा था कि मैं इस रोल को नहीं करूंगा. इस उम्र में ये रोल करूंगा तो लोग मुझ पर हंसेंगे.’ लेकिन रामानंद सागर के दिल में दारा सिंह की इमेज फिट हो चुकी थी. उन्होंने बताया कि सपने में उन्होंने दारा सिंह को हनुमान के रोल में देखा था. इसके बाद दारा सिंह भी मना ना कह सके.पूंछ की वजह से बैठने के लिए किया था खास इंतजाम लहरें को दिए इंटरव्यू में रामानंद सागर के बेटे प्रेम ने बताया था कि हनुमान जी के मेकअप में 3-4 घंटे लगते थे क्योंकि पूरा लुक मैच करवाना होता था. पूंछ पहनने के बाद बैठना मुश्किल होता था. इसलिए उनके लिए एक स्पेशल स्टूल रखा हुआ था जिसमें पूंछ के लिए एक कट लगा हुआ था.