अमेठी का सस्पेंस: संजय-कांशीराम समेत इन दिग्गजों की भी हुई थी हार, फिर राहुल गांधी को लेकर हंगामा क्यों?

अमेठी का सस्पेंस: संजय-कांशीराम समेत इन दिग्गजों की भी हुई थी हार, फिर राहुल गांधी को लेकर हंगामा क्यों? लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के लिए पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को हो चुकी है. दूसरे फेज की वोटिंग 26 अप्रैल को होनी है. सपा के साथ गठबंधन के तहत कांग्रेस (Congress) यूपी की 80 में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बाकी बची 62 सीटों पर समाजवादी पार्टी (SP) चुनाव लड़ रही है. सिर्फ भदोही लोकसभा सीट टीएमसी (TMC) को दी गई है. कांग्रेस ने अभी तक 15 सीटों पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. लेकिन हाईप्रोफाइल सीट रायबरेली और अमेठी (Amethi) को लेकर सस्पेंस जारी है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस बार भी केरल के वायनाड से तो चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन वो अमेठी में भी उम्मीदवार होंगे या नहीं, इसके ऐलान का सभी को इंतजार है. इस बीच अमेठी को लेकर सियासी घमासान भी जारी है.अमेठी सीट गांधी परिवार की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती रही है. यहां से संजय गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी चुनाव जीत चुके हैं. राहुल गांधी 2004, 2009 और 2014 में इस सीट से चुनकर लोकसभा पहुंचे थे. लेकिन 2019 के चुनाव में अमेठी में सबसे बड़ा उलटफेर देखा गया था. बीजेपी की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को कड़े मुकाबले में हरा दिया था. उसके बाद से बीजेपी राहुल गांधी की हार को मुद्दा बना रही है. स्मृति ईरानी कई मौकों पर तंज कसते हुए राहुल गांधी को चुनौती दे चुकी हैं. वैसे राहुल पहले नेता नहीं हैं, जिनकी हार अमेठी में हुई हो. उनसे पहले कई दिग्गज नेताओं को भी इस सीट पर हाल का सामना करना पड़ा था. ऐसे में सवाल है कि राहुल गांधी को लेकर हंगामा क्यों मचा है.समझिए जातिगत समीकरणअमेठी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र 1967 में बनाया गया था. तभी से अमेठी नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ रहा है. संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी इस सीट से सांसद चुने गए थे. 2013 में अमेठी की जनसंख्या 15,00,000 थी. जातिगत समीकरण के अनुसार यहां 66.5 प्रतिशत हिंदू हैं और मुस्लिम 33.04 प्रतिशत हैं. 2019 में कैसे रहे नतीजे?2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों की बात करें, तो स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. स्मृति ईरानी को 4 लाख 68 हजार से ज्यादा वोट मिले थे. राहुल गांधी को 4 लाख 13 हजार वोट मिले. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इस सीट पर बीजेपी को कुल वोट का 49.71 प्रतिशत और राहुल गांधी को 43.84 प्रतिशत वोट मिला. तीसरे नंबर पर एक निर्दलीय प्रत्याशी रहा था. कैसे गिरता गया राहुल का वोट प्रतिशत?साल 2004 के लोकसभा चुनाव से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले राहुल गांधी को अमेठी की जनता ने सिर-आंखों पर बैठाया. पहली बार उन्हें करीब 67 प्रतिशत वोट मिले, जो कि साल 2009 में 72 प्रतिशत तक पहुंच गए. साल 2014 में अमेठी में बीजेपी ने स्मृति ईरानी की एंट्री कराई. मोदी लहर में राहुल गांधी का वोट प्रतिशत घटकर 47 तक पहुंच गया था. जबकि स्मृति ईरानी को करीब 34 प्रतिशत वोट मिले. इससे स्मृति के लिए जमीन तैयार हो गई. 2019 में उन्होंने राहुल गांधी को चुनाव में हरा दिया. 2024 का चुनाव ‘असफल कांग्रेस मॉडल’ और ‘सफल BJP मॉडल’ के बीच : पीएम मोदी के इंटरव्यू की अहम बातें