मुंबई: मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज शिवसेना विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने पार्टी पद से दिया इस्तीफा
मुंबई: मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज शिवसेना विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने पार्टी पद से दिया इस्तीफाशिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज होकर पार्टी के उपनेता और विदर्भ क्षेत्र के समन्वयक पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, भोंडेकर ने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है.मंत्री पद का वादा, पर नहीं मिली जगहभंडारा-पवनी विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके नरेंद्र भोंडेकर ने दवा किया कि उनसे मंत्री पद का वादा किया गया था. लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. उन्होंने एकनाथ शिंदे, वरिष्ठ नेता उदय सामंत और एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे को कई बार संदेश भेजे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद भोंडेकर ने इस्तीफा दे दिया. उदय सामंत ने ली मंत्री पद की शपथमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मंत्रिमंडल में आज उदय सामंत ने मंत्री पद की शपथ ली. नागपुर में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में 39 मंत्रियों ने शपथ ली.कैबिनेट विस्तार में 42 मंत्रियों को जगहदेवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा चुनाव परिणाम आने के तीन सप्ताह बाद कैबिनेट विस्तार पूरा किया. भाजपा के 19, शिवसेना के 11 और एनसीपी के 9 विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई. फडणवीस और उनके उपमुख्यमंत्रियों को मिलाकर कुल 42 मंत्रियों का यह मंत्रिमंडल तैयार हुआ है.शिवसेना के मंत्रियों की सूचीशिवसेना से शामिल मंत्रियों में शंभुराज देसाई, दादाजी भुसे, संजय राठौड़, उदय सामंत, गुलाबराव पाटिल और संजय शिरसाट शामिल हैं.पीआरआई प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले भी अपनी पार्टी के लिए मंत्री पद की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें जगह नहीं मिली. आठवले ने कहा कि वह इस मुद्दे पर अमित शाह और जेपी नड्डा से बात करेंगे.एनसीपी नेता छगन भुजबल, जिन्हें भी कैबिनेट में जगह नहीं मिली, शपथ ग्रहण समारोह से पहले पार्टी की बैठक में मौजूद नहीं थे.शिवसेना के पूर्व प्राथमिक शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर शपथ ग्रहण कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. उन्होंने कहा, “जिन्हें कॉल आया, वे गए. विधायक के रूप में मुझे विधानसभा सत्र में जाना होगा, और मैं जाऊंगा.”भाजपा-शिवसेना गठबंधन को भारी बहुमतइस साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 235 सीटों के साथ प्रचंड जीत दर्ज की. भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिलीं.