स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
Quick Feed

“बंदर या चूहा नहीं, शेर बनो”, आईआईटी प्रोफेशनल्स को आचार्य प्रशांत ने क्यों दी ऐसी सीख?

स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
“बंदर या चूहा नहीं, शेर बनो”, आईआईटी प्रोफेशनल्स को आचार्य प्रशांत ने क्यों दी ऐसी सीख?

Competition and stress in student life || Acharya Prashant: आईआईटी में सिलेक्शन और पूरा कोर्स करने के बावजूद क्या आपको खुद पर भरोसा नहीं है. क्या आपको लगता है कि आपका लक्ष्य सिर्फ एक अच्छी नौकरी, एक अच्छी लड़की और विदेशी विजा हासिल करना है. अगर इस सवालों का जवाब आप हां में दे रहे हैं तो शायद आप भी उस भेड़चाल का हिस्सा बन चुके हैं. जिसमें तकरीबन हर प्रोफेशनल विद्यार्थी हिस्सा बन रहा है. लेखक, विचारक और इंफ्लूएंसर आचार्य प्रशांत (Acharya prashant) की सलाह है कि आईआईटी प्रोफेशनल्स खुद को भेड़ समझना बंद करें.  वो शेर हैं तो शेर की तरह सोच रखें. एनडीटीवी से खास बातचीत में उन्होंने आईआईटी स्टूडेंट को कुछ खास टिप्स दिए.मन से गुलाम मत बनोआचार्य प्रशांत ने कहा कि जिस के पास दुनिया का ज्ञान नहीं है, उसे मन दबाकर जीना पड़ता है. गुलामी करनी पड़ती है कभी बॉस की तो कभी सीनियर की. एक आम डिग्री रखने वाले और आईआईटी करने वाले में क्या अंतर रह जाएगा फिर.किसी छोटी कंपनी के बॉस से ऑर्डर लो और उसके लिए मुनाफा लाओ या किसी बड़ी कंपनी के बॉस से ऑर्डर लो और उसके आदेश मानो. इसमें अंतर क्या है. दोनों ही एक किस्म की गुलामी ही तो है. आईआईटी प्रोफेशनल्स को इससे ऊपर उठना चाहिए. आप बड़े युद्ध के लिए तैयार हुए हैं. आपके पास बड़ा रिसोर्स है. आपको जान लड़ाना सीखना चाहिए. दूसरों से ज्यादा कॉम्पिटेटिव होना चाहिए.यह भी पढ़ें : ‘खुद को बनाएं क्रिएटिव, नई चीजें सीखें’… आचार्य प्रशांत ने छात्रों को बताए तनाव और अकेलेपन से बचने के तरीके बंदर या चूहा नहीं शेर बनोआचार्य प्रशांत ने सलाह दी कि आईआईटी प्रोफेशनल्स को बंदर या चूहे के जैसी सोच नहीं रखनी चाहिए. बंदर या चूहा भी रोज उठते हैं. खाने पीने और सोने की फिक्र करते हैं. रोजी रोटी तो ये जानवर भी कमा ही रहे हैं. आप उनसे अलग कैसे हो. आपको अपने मन से बड़ा होना है.अपने मन की जमीन के आप ही शेर हो. जिन्हें खुद ऐसे रास्ते बनाने हैं जो सिंहासन की तरफ ले जाते हों न कि गुलामी की तरफ. इसलिए खुद को बड़े काम के लिए तैयार रखें. बड़ी सोच रखें और बड़ा ही सोचें.यह भी पढ़ें : प्लेसमेंट एंजाइटी से जूझ रहे युवाओं को आचार्य प्रशांत ने दी ऐसी सलाह, सुनकर फुर्र हो जाएगा स्ट्रेसIIT Delhi Acharya Prashant: Placement की समस्या का कैसे निकलेगा हल? Acharya Prashant ने क्या कहा?

Competition and stress in student life || Acharya Prashant: लेखक, विचारक और इंफ्लूएंसर आचार्य प्रशांत (Acharya prashant) की सलाह है कि आईआईटी प्रोफेशनल्स खुद को भेड़ समझना बंद करें.  वो शेर हैं तो शेर की तरह सोच रखें.
Bol CG Desk

Related Articles

Back to top button