पश्चिमी दिल्ली सीट पर पिछले 2 चुनावों से BJP का रहा है कब्जा, क्या इस बार बाजी पलट पाएंगे महाबल मिश्रा?
पश्चिमी दिल्ली सीट पर पिछले 2 चुनावों से BJP का रहा है कब्जा, क्या इस बार बाजी पलट पाएंगे महाबल मिश्रा?दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों पर 25 मई को चुनाव होने वाले हैं. पश्चिमी दिल्ली सीट (West Delhi seat) पर पिछले 2 चुनाव से बीजेपी का कब्जा रहा है. इस सीट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि बीजेपी ने 2014 और 2019 में जब दिल्ली की सभी सीटों पर जीत दर्ज की थी तो इस सीट पर सबसे बड़ी जीत मिली थी. दोनों ही चुनाव में बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा (Pravesh Verma) चुनाव मैदान में थे. इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काट लिया है. यह सीट 2009 में अस्तित्व में आया था. 2014 में बीजेपी के प्रवेश वर्मा 2.68 लाख वोटों से और 2019 में 5.78 लाख वोटों से चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे. इस चुनाव में बीजेपी की तरफ से कमलजीत सहरावत को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं इंडिया गठबंधन की तरफ से एक बार फिर महाबल मिश्रा उम्मीदवार हैं. INDIA गठबंधन के पास अनुभवी उम्मीदवारदिल्ली में इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट आम आदमी पार्टी के खाते में गई है. आम आदमी पार्टी ने यहां से महाबल मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है. महाबल मिश्रा यहां से 2009 से 2014 के दौरान सांसद रह चुके हैं. जबकि इससे पहले वह विधायक और पार्षद भी रह चुके हैं यानी वहां पर मिश्रा के पास लंबा सियासी अनुभव है. महाबल मिश्रा पूर्वांचली चेहरा माने जाते हैं. महाबल मिश्रा ‘जेल का जवाब वोट से’ अभियान के तहत पश्चिमी दिल्ली की जनता से वोट मांग रहे हैं.NDTV ने महाबल मिश्रा से उनके चुनाव प्रचार के दौरान पूछा कि 2014 में 2.68 लाख 2019 में 5.78 लाख के अंतर से बीजेपी यह सीट जीती थी ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए कितना मुश्किल होगा भाजपा उम्मीदवार को हराना. इस सवाल के जवाब में महाबल मिश्रा ने कहा ” इतना अंतर तो तब था जब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अलग-अलग लड़ी थी लेकिन इस बार उम्मीदवार एक है ऊपर से इस लोक सभा क्षेत्र के अंदर आने वाले सभी 10 विधानसभा क्षेत्र पर आम आदमी पार्टी के विधायक हैं जिनकी जीत का कुल अंतर 2.5 लाख है. इसलिए इस चुनाव में पता चल जाएगा कि ज़्यादा वोट किसके पास हैं”BJP के पास नया चेहरा लेकिन संगठन पर है भरोसाबीजेपी ने अपने दो बार के मौजूदा सांसद प्रवेश वर्मा का टिकट काटकर कमलजीत सहरावत को अपना उम्मीदवार बनाया है. प्रवेश वर्मा जाट समाज से आती हैं और कमलजीत सेहरावत भी जाट समुदाय के ही हैं. कमलजीत सेहरावत 2017 में पहली बार निगम पार्षद का चुनाव जीती और उसके बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की मेयर भी रही. फिलहाल कमलजीत सेहरावत दिल्ली नगर निगम में निर्वाचित पार्षद हैं और स्टैंडिंग कमेटी की निर्वाचित सदस्य भी है.कमलजीत सहरावत से प्रचार के दौरान एनडीटीवी ने पूछा कि निगम पार्षद का चुनाव एक बहुत छोटा चुनाव होता है जबकि एक सांसद का चुनाव बहुत बड़ा होता है क्योंकि इसके तहत 10 विधानसभा सीट आती है. ऐसे में यह चुनाव कितनी बड़ी चुनौती है तो कमलजीत सहरावत ने कहा ” भारतीय जनता पार्टी में उम्मीदवार केवल चेहरा होता है सारा काम पार्टी और संगठन करते हैं. जब निगम का चुनाव लड़ा जाता है तो 55 बूथ की जिम्मेदारी होती है और जब लोकसभा चुनाव होता है तो 2500 बूथ की ज़िम्मेदारी लेकिन कार्यकर्ता और संगठन हर बूथ पर चुनाव लड़ते हैं इसलिए चुनाव चाहे पार्षद का हो चाहे सांसद का इसमें कोई अंतर नहीं है”पश्चिमी दिल्ली लोक सभा क्षेत्र में 25.88 लाख वोटरपश्चिमी दिल्ली लोक सभा क्षेत्र में 25.88 लाख वोटर हैं. पिछले 2 चुनावों में बीजेपी को बड़ी जीत मिली थी. 2009 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को जीत मिली थी. इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 10 विधानसभा सीटें आती हैं. सभी सीटों पर अभी आम आदमी पार्टी का कब्जा है. तिलक नगर, हरि नगर, राजौरी गार्डन, जनकपुरी, विकासपुरी, उत्तम नगर, द्वारका, मटियाला, नजफगढ़, मादीपुर. पूर्वांचली, सिख-पंजाबी, जाट और यादव मतदाताओं की संख्या इस सीट पर अधिक रही है. ये भी पढ़ें-: Analysis: क्या JJP का शिवसेना और NCP जैसा होगा हाल? BJP ने पहले तोड़ा नाता, अब विधायकों पर नजर!कैसे विदेश में 90 दिन की सैर का ‘लाइसेंस’ लेकर घूम रहे सेक्स स्कैंडल के आरोपी प्रज्वल रेवन्ना?