मुस्लिम जमात को ज़मीन आवंटन पर विवाद, जमीन हो गई है खैरात कि सरकार बांटे जा रही है- वीरेंद्र दुबे, कुर्मी समाज भी नाराज
बोल छत्तीसगढ़, रायपुर। समाचार पत्र में दावापत्ती का ईश्तहार ने फिर से कुछ लोगों का टेंशन बढ़ा दिया है। ईश्तहार मुस्लिम समाज को आबंटित जमीन को लेकर है जो कि 10 जनवरी को धरसींवा तहसीलदार के द्वारा दिया गया है।
ईश्तहार में लिखा है
//ईश्तहार //
क्रमांक //-121/2021-2022 धरसींवा, दिनांक 10.01.2023
ग्राम धरा.ह.नं. 18
रा.नि.मं. परसीया-15, तहसील व जिला रायपुर (छ.ग.)
एतद् द्वारा सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है। कि आवेदक मुतवल्ली जामा मस्जिद, धरसींवा द्वारा | आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसमें ग्राम धरलीवा प.ह.नं. 18, रा.नि.मं. 15 तहसील घरसीवा जिला रायपुर स्थित शासकीय भूमि ख.नं. 249/1 रकवा 1.585 है. की भूमि को मुस्लिम जमात के उपयोग हेतु भूमि आवंटन कर भू-अभिलेख में अंकित किये जाने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है। कार्यालय कलेक्टर रायपुर का आवक दिनांक 26.04.2022 के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही हेतु इस न्यायालय को प्राप्त हुआ है, जिसका प्रकरण इस न्यायालय में विचाराधीन है।
अतः उक्त आवेदन के संबंध में जिस किसी व्यक्ति/संस्था को दावा/ आपत्ति प्रस्तुत करना हो वे नियत सुनवाई दिनांक 27.01.2023 तक स्वतः अथवा वैध प्रतिनिधि के माध्यम से इस न्यायालय में उपस्थित होकर दावा / आपत्ति प्रस्तुत कर सकते है। नियत समयावधि के बाद प्राप्त दावा / आपत्ति पर न्यायालय द्वारा विचार नहीं किया जायेगा। आज दिनांक 10.01.2023 को मेरे हस्ताक्षर एवं न्यायालय की मुह से जारी किया गया।
तहसीलदार, धरसींवा, जिला- रायपुर
उक्त ईश्तहार को लेकर कुर्मी समाज के लोग भी काफी नाराज चल रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार समाज प्रमुखों का कहना है कि सरकार से क्षेत्र में कुर्मी समाज ने जमीन की मांग की थी। जिस पर अब तक कोई निर्णय नही लिया गया है। उक्त जमीन के आबंटन से कुर्मी समाज के लोग सरकार से काफी नाराज हैं।
वहीं छत्तीसगढ़ राष्ट्रवादी संघ के प्रदेश संयोजक वीरेंद्र दुबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शासकीय जमीन तथाकथित समाज के लिए खैरात हो गयी है। छत्तीसगढ़ में सरकार तुष्टिकरण की राजनीति पर चल रही हैं। दुबे में कहा इसका परिणाम भविष्य में कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ेगा।