Cg Election 2023 महंत राम सुंदर दास को मुख्यमंत्री बघेल ने बनाया बलि का बकरा, जांजगीर से गिरा दक्षिण में अटका
रायपुर। Cg Election 2023 छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव 2023 दोनों राष्ट्रीय पार्टी के लिए चुनौती पूर्ण है। वर्ष 2018 की बात करें तो प्रदेश में जोगी कांग्रेस और आप पार्टी के अलावा मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी थे। लेकिन इस बार छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना, छत्तीसगढ़ महतारी पार्टी, सर्व आदिवासी समाज की राजनीतिक पार्टी मैदान में हैं। ऐसे समय में पार्टी के द्वारा टिकिट का वितरण भी बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
कांग्रेस पार्टी में टिकिट वियरण को लेकर आज भी नाराजगी और रोष आज भी दिखाई दे रहा है। दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल के समक्ष दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर को टिकिट दिया गया है।
महंत रामसुंदर दास का नाम चर्चा में इसलिए है क्योंकि, दिसंबर 2021 में जब रायपुर के धर्म संसद में कालीचरण ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को अपशब्द कहे थे, तब महंत ने मंच से विवादित कालीचरण का विरोध किया था। इसके बाद रामसुंदर दास का नाम चर्चा में आया था। अब कांग्रेस ने हिंदुत्व कार्ड खेलते हुए बीजेपी के दिग्गज नेता बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ रायपुर दक्षिण से उन्हें चुनावी मैदान में उतारा है।
बलि का बकरा आखिर कैसे अंतिम में पढ़िए
गौरतलब है की महंत रामसुंदर दास जांजगीर चाम्पा क्षेत्र से टिकिट की मांग कर रहे थे। इस क्षेत्र से वे 2 बार विधायक भी रह चुके हैं। अभी वर्तमान समय में जब उन्हें कांग्रेस सरकार ने गौ सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया तब वे पूरी ताकत के साथ क्षेत्र में काम के लिए जुट गए। राम चरित मानस गायन का प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल के आतिथ्य में करवाया। महीने का 25 दिन राम सुंदर दास ने जांजगीर में बिताया। अब जब उन्हें क्षेत्र से टिकिट देने की बारी आई तो मुख्यमंत्री बघेल ने अपने खेमे के व्यास कश्यप को टिकिट दिया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री बघेल और TS बाबा ने अपने अपने विधायकों को बहुत हिसाब से टिकिट का वितरण किया है। इसलिए राजनीतिक लोगों का कहना है कि रामसुंदर दास दक्षिण से टिकिट पा कर बड़े ही कष्ट में हैं या कहें कि भूपेश बघेल के लिए बलि का बकरा बन गए हैं।
रामायण में कर चुके है पीएचडी
पीएचडी में उनका विषय रामायण कालीन ऋषि मुनियों का तुलनात्मक अध्ययन रहा है। मठ के प्रति उनकी निस्वार्थ भावना को देखते हुए उस वक्त के तत्कालीन महंत वैष्णव दास ने उन्हे प्रभावित होकर अपने बाद मठ उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। महंत वैष्णव दास के देहांत के बाद मठ संचालन महंत रामसुंदर दास करने लगे।
दो बार विधायक रह चुके हैं महंत रामसुंदर दास
इस चुनावी लड़ाई को गुरु शिष्य की लड़ाई की तरह भी देखा जा रहा है, क्योंकि बृजमोहन अग्रवाल महंत राम सुंदर दास के अच्छे संबंध हैं। बृजमोहन अग्रवाल मठ के कार्यक्रमों में लगातार शामिल होते रहते हैं। वो महंत का आशीर्वाद भी लेते हैं। महंत रामसुंदर दास भूपेश बघेल सरकार में गौसेवा आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। वो 2003 में पामगढ़ और 2008 में जैजैपुर से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। इसके बाद महंत राम सुंदर दास अब 2023 में चुनावी मैदान में उतरे हैं।
बालकाल्य में आ गए थे रायपुर
जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गांव में जन्मे रामसुंदर दास अपने बाल्यकाल में ही रायपुर आ गए थे। यहां के ऐतिहासिक दूधाधारी मठ में रहकर उन्होंने अपनी पढ़ाई लिखाई की थी। इसके साथ साथ धार्मिक कार्यों में रहते हुए मठ में काम किया। बताया जाता है कि रामसुंदर दास बेहतर ज्ञान और अपने निस्वार्थ भावना के लिए जाने जाते हैं। राम सुंदर दास ने संस्कृत में एमए किया है। साथ ही साहित्य आचार्य की उपाधि लेने के बाद पीएचडी भी की है।
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट का इतिहास
महंत ने बोल छत्तीसगढ़ मीडिया नेटवर्क से बातचीत करते हुए कहा कि मैनें जांजगीर चांपा से दावेदारी की थी, लेकिन पार्टी ने मुझे रायपुर दक्षिण से प्रत्याशी बनाया है, क्योंकि दक्षिण सीट में ही हमारा मठ है. लेकिन महंत के लिए रायपुर दक्षिण सीट को भेदना आसान नहीं होगा, क्योंकि ये सीट बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती है। बता दें की राज्य गठन के पहले यानी सन 2000 के पहले रायपुर शहर केवल एक सीट हुआ करता था। तब से बृजमोहन अग्रवाल यहां के विधायक रहते हुए आए हैं। वर्तमान में रायपुर सिटी में चार विधानसभा सीटे हैं।