Corona was China’s biological weapon चीन का ही जैविक हथियार था कोरोना! वुहान के रिसर्चर का बड़ा खुलासा
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Corona was China’s biological weapon चीन का ही जैविक हथियार था कोरोना! वुहान के रिसर्चर का बड़ा खुलासा, 4 तरह के वायरस से दुनिया को तबाह करने का था प्लान?
चीन का ही जैविक हथियार था कोरोना! वुहान के रिसर्चर का बड़ा खुलासा, 4 तरह के वायरस से दुनिया को तबाह करने का था प्लान?
शोधकर्ता ने दावा किया कि चीन द्वारा कोरोना वायरस को एक बॉयोवेपन यानी कि जैविक हथियार के तौर पर तैयार किया गया था. शोधकर्ता ने दावा किया कि उसके साथी ने वायरस के चार अलग-अलग स्ट्रेन तैयार किये थे ताकि पता लगाया जा सके कि कौन सा वायरस तेजी से फैल सकता है।
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी के शोधकर्ता ने दावा किया कि चीन द्वारा कोरोना वायरस को एक जैविक हथियार के तौर पर तैयार किया गया था।
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी के शोधकर्ता ने दावा किया कि चीन द्वारा कोरोना वायरस को एक जैविक हथियार के तौर पर तैयार किया गया था।
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दुनिया भर में भले ही अभी कोरोना के मामले बहुत अधिक कम हो गए हैं। लेकिन कोरोना वायरस से जुड़ी हैरान कर देने वाली जानकारी आए दिन सामने आती रहती हैं. इसी कड़ी में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी के शोधकर्ता ने दावा किया कि चीन द्वारा कोरोना वायरस को एक बॉयोवेपन यानी कि जैविक हथियार के तौर पर तैयार किया गया था। शोधकर्ता ने दावा किया कि उसके साथी ने वायरस के चार अलग-अलग स्ट्रेन तैयार किये थे ताकि पता लगाया जा सके कि कौन सा वायरस तेजी से फैल सकता है।
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चाओ शाओ नाम के शोधकर्ता ने इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन के सदस्य जेनिफर जेंग के साथ हुई एक्सूक्लूसिव इंटरव्यू में हैरान कर देने वाले दावे किये। 26 मिनट के इस खास इंटरव्यू में चाओ शाओ ने बताया कि कैसे दूसरे शोधकर्ता शॉन चाओ ने स्वीकार किया कि उसके सीनियन ने उसे चार अलग-अलग स्ट्रेन दिये थे और उनकी टेस्टिंग करने की बात कही थी। ताकि पता लगाया जा सके कि कौन सा स्ट्रेन जीवों में तेजी से फैल सकता है और किसमें इतनी क्षमता है कि दूसरे जीवों को भी प्रभावित कर सकता है।
चाओ शाओ ने यह भी दावा किया कि वुहान में 2019 के मिलिट्री वर्ल्ड गेम्स के दौरान कई सहयोगी गायब हो गए थे। हालांकि बाद में उनमें से एक ने खुलासा किया कि उन्होंने एथलीटों के स्वास्थ्य और हाइजीन की जांच करने के लिए होटल भेजा गया था। हालांकि हाइजीन की जांच के लिए वॉयरोलॉजिस्ट की जरूरत नहीं है। चाओ शान ने शक जताया कि लापता साथियों को वायरस फैलाने के लिए होटल भेजा गया था।
कोरोना वायरस के संबंध में वैज्ञानिक समुदाय द्वारा चीन के वुहान शहर में स्थित वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की एक संशोधित संस्करण यानी “शार्प रिसर्च” (Sharp Research) का विरोध किया जा रहा है. यह खुलासा किया जा रहा है कि चार वायरस स्ट्रेन्स को इस संस्थान द्वारा संशोधित किया गया था, लेकिन इसका आरंभिक स्रोत या उद्भव का सबूत अभी तक प्रमाणित नहीं किया गया है। वैज्ञानिक समुदाय के बीच इस विषय पर विवाद है और इस पर अभी तक कोई पुख्ता निष्कर्ष नहीं निकाला गया है।
इस समय, चाओ शाओ नामक शोधकर्ता के द्वारा किए गए दावे के बारे में मुझे जानकारी नहीं है और मैं इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता हूँ कि उनके द्वारा किए गए दावों का कोई प्रमाणित स्रोत है या नहीं। ऐसे दावे अक्सर व्यक्तिगत विचारों या अभिप्रेत जानकारी पर आधारित होते हैं, और उन्हें प्रमाणित करने के लिए वैज्ञानिक समुदाय के द्वारा पीठ पीछे जांच की जानी चाहिए।
कोरोना वायरस के मूल स्रोत और उद्भव के संबंध में वैज्ञानिकों की अभी तक बातचीत और अध्ययन जारी हैं, और इसमें कई अभिप्रेत तथ्य और विपरीत पक्षों की संभावना है। इस संदर्भ में, बातचीत और जांच के वैज्ञानिक मानकों के अनुसार साक्ष्य और आधार पर निष्कर्ष निकालना महत्वपूर्ण होता है। प्रमाणित जानकारी के बिना दिए गए दावों को सत्यापित करना कठिन होता है, इसलिए इस विषय पर विशेष रूप से टिप्पणी करना कठिन होगा।
फिर भी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दावा किया जा रहा है कि
चीन का ही जैविक हथियार था कोरोना! वुहान के रिसर्चर का बड़ा खुलासा, 4 तरह के वायरस से दुनिया को तबाह करने का था प्लान?
चीन का ही जैविक हथियार था कोरोना! वुहान के रिसर्चर का बड़ा खुलासा, 4 तरह के वायरस से दुनिया को तबाह करने का था प्लान?
शोधकर्ता ने दावा किया कि चीन द्वारा कोरोना वायरस को एक बॉयोवेपन यानी कि जैविक हथियार के तौर पर तैयार किया गया था। शोधकर्ता ने दावा किया कि उसके साथी ने वायरस के चार अलग-अलग स्ट्रेन तैयार किये थे ताकि पता लगाया जा सके कि कौन सा वायरस तेजी से फैल सकता है।
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी के शोधकर्ता ने दावा किया कि चीन द्वारा कोरोना वायरस को एक जैविक हथियार के तौर पर तैयार किया गया था।
दुनिया भर में भले ही अभी कोरोना के मामले बहुत अधिक कम हो गए हैं. लेकिन कोरोना वायरस से जुड़ी हैरान कर देने वाली जानकारी आए दिन सामने आती रहती हैं। इसी कड़ी में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी के शोधकर्ता ने दावा किया कि चीन द्वारा कोरोना वायरस को एक बॉयोवेपन यानी कि जैविक हथियार के तौर पर तैयार किया गया था। शोधकर्ता ने दावा किया कि उसके साथी ने वायरस के चार अलग-अलग स्ट्रेन तैयार किये थे ताकि पता लगाया जा सके कि कौन सा वायरस तेजी से फैल सकता है।
चाओ शाओ नाम के शोधकर्ता ने इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन के सदस्य जेनिफर जेंग के साथ हुई एक्सूक्लूसिव इंटरव्यू में हैरान कर देने वाले दावे किये। 26 मिनट के इस खास इंटरव्यू में चाओ शाओ ने बताया कि कैसे दूसरे शोधकर्ता शॉन चाओ ने स्वीकार किया कि उसके सीनियन ने उसे चार अलग-अलग स्ट्रेन दिये थे और उनकी टेस्टिंग करने की बात कही थी। ताकि पता लगाया जा सके कि कौन सा स्ट्रेन जीवों में तेजी से फैल सकता है और किसमें इतनी क्षमता है कि दूसरे जीवों को भी प्रभावित कर सकता है।
चाओ शाओ ने यह भी दावा किया कि वुहान में 2019 के मिलिट्री वर्ल्ड गेम्स के दौरान कई सहयोगी गायब हो गए थे। हालांकि बाद में उनमें से एक ने खुलासा किया कि उन्होंने एथलीटों के स्वास्थ्य और हाइजीन की जांच करने के लिए होटल भेजा गया था। हालांकि हाइजीन की जांच के लिए वॉयरोलॉजिस्ट की जरूरत नहीं है। चाओ शान ने शक जताया कि लापता साथियों को वायरस फैलाने के लिए होटल भेजा गया था।
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