CSR Chhattisgarh : सीएसआर राशि में अनियमिता का मुद्दा सदन में गूंजा, मंत्री के जवाब से विपक्ष ने किया वॉकआउट
रायपुर। CSR Chhattisgarh ओडिशा सरकार ने सीएसआर मद के खर्चछत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष ने गुरुवार को सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) मद का मामला प्रश्नकाल में उठाया। राशि खर्च में अनियमितता व कंपनी द्वारा राशि उपलब्ध पर बहस हुई। इस पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि यह केंद्र का कानून है। यदि कंपनी या उद्योग ने राशि नहीं उपलब्ध कराई तो राज्य सरकार को कार्रवाई का अधिकार नहीं है। मंत्री के इस जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। साथ में धर्मजीत सिंह व जोगी कांग्रेस के विधायक प्रमोद शर्मा ने भी वॉकआउट किया।
CSR Chhattisgarh कितनी खर्च हुई : नारायण चंदेल
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने प्रश्नकाल में पूछा कि सीएसआर मद में कितनी राशि प्राप्त हुई और कितनी खर्च हुई? मंत्री कवासी लखमा के गैरमौजूदगी में मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि राशि का डिटेल दिया हुआ है। अगर कोई उद्योग सीएसआर मद का पैसा नहीं देती तो उनसे देने का अनुरोध किया जाता है। उस पर दबाव नहीं बनाया जा सकता।
फॉलो कारों क्लिक करो
‘ओडिशा सरकार ने सीएसआर मद के खर्च पर बनाई नीति’
CSR Chhattisgarh नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ओडिशा सरकार ने सीएसआर मद के खर्च के लिए नीति बनाई है? यहां क्यों नीति नहीं है? मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि ओडिशा की नीति की जानकारी मंगा कर उस पर विचार किया जाएगा। बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि जिसने सीएसआर मद में पैसा नहीं दिया, उसपर क्या कार्रवाई हुई?
मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि कंपनी एक्ट के तहत कार्रवाई होती है, बकाया राशि लेने सिर्फ अनुरोध किया जा सकता है। राज्य सरकार को कार्रवाई का अधिकार नहीं है। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि सीएसआर की 40 से 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार ले लेती है और ज्यादातर राशि का दुरुपयोग करती है।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि कलेक्टर सीएसआर का पैसा वसूलता है, वो पैसा सरकार को भेजता है, और अपनी मर्जी से खर्च करता है। यहां के संसाधनों का उपयोग उद्योग करते हैं। सीएसआर की लूट बंद होनी चाहिए।
इसे भी पढ़े- Maoists arrested : पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, पांच नक्सली गिरफ्तार, कई घायल