सरस्वती शिक्षा संस्थान द्वारा संचालित शिक्षा पर विमर्श जनसंवाद का हुआ समापन, 3 लाख 55 हजार घरों तक संपर्क
रायपुर। सरस्वती शिक्षा संस्थान के द्वारा 1 जनवरी से 15 जनवरी 2023 तक आयोजित “शिक्षा पर विमर्श” जनसंवाद (संपर्क अभियान) को पूरे प्रांत में शुरू किया गया। अभियान के दौरान शिक्षाविद, पत्रकार, साहित्यकार, कलाकार, अभिभावक गण औऱ शासकीय अधिकारी गणों से प्रत्यक्ष भेंट की गई।
प्रदेश के सभी 1111 विद्यालयों के माध्यम से 2600 से अधिक कार्यकर्ताओं ने पहले दिन लगभग 17000 लोगों से संपर्क किया। इस तरह 1 जनवरी से 15 जनवरी तक 3 लाख 55 हजार लोगों से भेंट की गई। संपर्क अभियान के तहत लोगों को विद्यालयों में भैया बहनों को दिए जा रहे शिक्षा-संस्कार की जानकारी साझा की गई। इस संपर्क अभियान का शुभारंभ छत्तीसगढ़ राज्य की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलकर किया गया।
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध साहित्यकार गिरीश पंकज से अभियान के तहत प्रतिनिधि मंडल ने भेंट की। मुलाकात में गिरीश पंकज ने शिशु मंदिर से जुड़े अपने संस्मरण बताते हुए कहा कि जीवन के शुरुआती दिनों में शिशु मंदिर के आचार्य के रूप में उन्होंने एक साल अपना समय मनेंद्रगढ़ में सरस्वती शिशु मंदिर को दिया।
गिरीश पंकज ने कहा कि हमारे सरस्वती शिशु मंदिर की शिक्षा संस्कार देने वाली है। संस्कार जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। हम जिस भाषा में शिक्षा ग्रहण करते हैं हमारे संस्कार उसी तरह के हो जाते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम अपने मातृभाषा और भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत परिवेश में शिक्षा ग्रहण करें। गिरीश पंकज ने शिशु मंदिर के जनसंपर्क अभियान को लेकर कहा कि यह अभियान शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी। समाज से सुझाव प्राप्त करने की यह एक अद्वितीय पहल है।
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध फिल्म कलाकार अनुज शर्मा से भेंट की गई। अनुज शर्मा ने इस अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि वे सरस्वती शिक्षा संस्थान के विद्यालयों में स्पोकन इंग्लिश की विशेष कक्षाएं लगाए जाने के खबर से उत्साहित है। प्रतिनिधिमंडल ने उनसे भेंट करते हुए इस अभियान के बारे में उन्हें जानकारी प्रदान की। अनुज शर्मा ने कई सुझाव देते हुए इस अभियान के तहत संपर्क करने के लिए प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया।
इसके अलावा अनेक लोगों ने बताया कि शिक्षा का माध्यम हिंदी होने से समझने में आसानी होगी परंतु तकनीकी शिक्षा के लिए अंग्रेजी विषय का सम्यक ज्ञान जरूरी है। शिक्षा में मातृभाषा से भारतीय संस्कार निर्मित होते हैं तो वहीं भाषा बदलते ही संस्कारों में परिवर्तन दिखाई पड़ते हैं। लोगों का यह भी सुझाव था कि अपने विद्यालयों को समय अनुसार प्रतिस्थापित करना होगा प्रचार-प्रसार, गुणवत्ता और शिक्षा में उत्कृष्टता लाना होगा। सम्पर्कित लोगों ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर योजना हिंदी माध्यम से ही चलना चाहिए किंतु अंग्रेजी भाषा की शिक्षा पर विशेष पहल की जाए ।
संपर्क अभियान रायपुर महानगर संयोजक निश्चय वाजपेयी एवम सह संयोजक निलेश अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस अभियान में जो भी शिक्षा पर विमर्श हुआ है तथा विद्यालय उत्कृष्ट बनाने अनेक सुझाव प्राप्त हुये है। विवेक सक्सेना प्रादेशिक सचिव ने इस अभियान में लगे सभी कार्यकर्ताओं का तथा जिनसे भेंट की गई एवम अपना अमूल्य समय हमें प्रदान किया इस हेतु संस्थान की ओर से ह्रदय से धन्यवाद ज्ञापित किया है।