स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
तिल्दा-नेवरा : राज्य शासन द्वारा धान खरीदी की राशि बैंक को देने के बाद भी कई किसानों को धान की राशि नहीं मिलने की शिकायत आ रही है। ऐसा ही मामला राजधानी रायपुर के तिल्दा ब्लॉक के भिंभौरी सोसायटी का सामने आया, जिसमे ग्राम केवतरा के किसान हेमलाल सिरमौर ने भिंभौरी सोसायटी में अपना 47.20 क्विंटल धान बेचा था। इसकी राशि 103037.60 रुपए नहीं मिलने पर किसान ने मार्च माह में इसकी शिकायत सोसायटी में की थी। सोसायटी प्रबंधक ने मार्च माह में ही बैंक शाखा प्रबंधक, शाखा तिल्दा को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी थी।
बैंक शाखा प्रबंधक ने शिकायत को दो माह बाद 2 मई को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित रायपुर को निराकरण के लिए पत्र लिखा। किसान को माह फरवरी से धान की राशि नहीं मिलने पर लगातार भागदौड़ करना पड़ा। जब इसकी खबर तिल्दा ब्लॉक के सहकारिता विस्तार अधिकारी सीईओ) शशांक बल्लेवार को मिली तो उनके द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर को किसान हेमलाल के धान की राशि तत्काल भुगतान करने के लिए पत्र जारी किया पत्र जारी होने के महज दूसरे दिन ही किसान के खाते धान की राशि बैंक ने जमा कर दी।
मार्च महीने में में इस प्रकार की शिकायत तिल्दा ब्लॉक के ही सरफोंगा सोसायटी में सामने आने पर सहकारिता सीईओ शशांक बल्लेवार के द्वारा बैंक को पत्र जारी करने के महज दो घंटे में किसान अनुसुईया के खाते में बैंक ने धान की राशि जमा कर दी थी। सहकारिता सीईओ ने अपने पत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर से जिन किसानों को धान की राशि अभी तक प्राप्त नही हुई है, उनकी सूची व की गई कार्यवाही की जानकारी मांगी है। जिसका निराकरण कर उन किसानों को धान की राशि दिलवा सके।
बैंक द्वारा किसानों के खाते में त्रुटि के कारण राशि जमा नही होना बताया जाता रहा है जब धान के बोनस की राशि किसान के खाते में जमा हो गई है तो मूल राशि खाते में जमा करने में त्रुटि कैसे होगी। आखिर धान खरीदी समाप्ति के लगभग चार माह बाद भी बैंक द्वारा निराकरण न करके धान की राशि दबाए रखने के कारण बैंक की कार्यप्रणाली पर प्रश्न उठता है।