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महाराष्ट्र में मुस्लिम वोटरों पर है नज़र, कितने मुस्लिम मैदान में

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महाराष्ट्र में मुस्लिम वोटरों पर है नज़र, कितने मुस्लिम मैदान मेंMaharashtra election news: महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होना है. चुनाव का परिणाम 23 नवंबर को आएगा. ऐसे में राज्य में दो प्रमुख गठबंधन चुनाव मैदान में अपने-अपने सहयोगियों के साथ उतरे हैं. महायुती में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी है और दूसरा गठबंधन महाविकास आघाढ़ी (एमवीए) का है जिसमें कांग्रेस, एनसीपी शरद पवार, शिवसेना यूबीटी हैं. महाराष्ट्र को राजनीतिक दृष्टि से 6 हिस्सों में बांटा जाता है. मराठवाड़ा,  विदर्भ, मुंबई, पश्चिमी महाराष्ट्र, कोंकण और खानदेश. महाराष्ट्र में मुस्लिम आबादी करीब 12 फीसदी है. राज्य कुल 38 सीटें ऐसी हैं जहां पर मुस्लिम मतदाता असर डालते हैं. राज्य में पिछले कुछ दशकों में किसी एक विधानसभा के कार्यकाल में मुस्लिम विधायक चुने जाने की अधिकतम संख्या 13 रही है. इस प्रकार देखा जाए तो जिस सीट पर मुस्लिम असर डाल रहे हैं वहां से भी मुस्लिम विधायक चुनकर नहीं जा रहे हैं या फिर उन सीटों पर भी पार्टियों मुस्लिम कैंडिडेट (How many muslims are fighting in Maharashtra election 2024) को टिकट नहीं दे रही है. कितनी सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशीइस बार कैसा माहौल है. जितने प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है उनकी सूची देखने के बाद यह बात सामने आ रही है कि राज्य की कुल 288 सीटों में से 150 सीटें ऐसी हैं जहां पर एक भी मुस्लिम प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं है. साथ ही 50 सीटें ऐसी हैं जिनमें केवल एक मुस्लिम कैंडिडेट फाइट कर रहा है. इसका मतलब यह हुआ कि राजनीतिक दलों ने मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट कम दिया है. कांग्रेस पार्टी की बात की जाए तो यह दिखता है कि पार्टी ने राज्य में 9 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि देश और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी ने देश में सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय के एक भी व्यक्ति को महाराष्ट्र के चुनाव में मैदान में नहीं उतारा है. कुल कितने मुस्लिम प्रत्याशीराज्य के चुनाव में 4136 उम्मीदवार अपने भाग्य को आजमा रहे हैं. इनमें कुल 420 मुस्लिम प्रत्याशियों ने नामांकन किया है. इनमें से 218 मुस्लिम निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. यह तो साफ है कि जब प्रमुख दलों ने मुस्लिम प्रत्याशियों को जब टिकट ही नहीं दिया है तो ज्यादातर को निर्दलीय मैदान में उतरना पड़ा है. कांग्रेस और बीजेपी की बात तो हो गई, अजित पवार की एनसीपी ने 5 मुस्लिम लोगों को टिकट दिया है. राज्य के छोटे राजनीतिक दलों ने 150 के करीब मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने ज्यादातर मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है. पार्टी प्रमुख मुस्लिम मुद्दों को ही उठाते रहे हैं. इस पार्टी ने 15 मुस्लिम प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे हैं. सबसे ज्यादा मुस्लिम प्रत्याशी किस सीट सेराज्य में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले शहर मालेगांव में 13 मुस्लिम प्रत्याशी हैं. राज्य के संभाजीनगर पूर्व सीट पर 17 मुस्लिम प्रत्याशी हैं. यहां तीन मुस्लिम महिलाएं भी चुनावी मैदान में हैं. राज्य में कुल 22 मुस्लिम महिलाएं इस बार चुनाव लड़ रही हैं. कौन सी पार्टी कितने सीटों पर लड़ रही है चुनावइस चुनाव में महायुति में बीजेपी 149 सीटों पर, शिवसेना 81 और एनसीपी 59 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. यानि कुल 289 पर चुनाव लड़ रही हैं. बची 4 सीटें गठबंधन ने अपने अन्य सहयोगियों को दिया है. इसमें आरपीआई आठवले, युवा स्वाभिमान पार्टी, राष्ट्रीय समाज पक्ष और जनसुराज्य पक्ष. इन सभी को एक एक सीटें मिली हैं. तीन सीटें आष्टि, मोर्शी और अनुशक्तिनगर पर फ्रेंडली फाइट होगी. वहीं महाविकास आघाड़ी की बात की जाए तो कांग्रेस 101, शिवसेना यूबीटी 94 और एनसीपी शरद पदवार 88 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं. यहां पर भी परांदा और पंढरपुर सीट पर फ्रेंडली फाइट है. चार सीट अन्य छोटे दलों को दी है.  गौरतलब है कि एनसीपी नेता नवाब मलिक मानखुर्द शिवाजीनगर सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट शिवसेना का प्रत्याशी भी है. यानी यहां फ्रेंडली फाइट है. 

महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होना है. चुनाव का परिणाम 23 नवंबर को आएगा. ऐसे में राज्य में दो प्रमुख गठबंधन चुनाव मैदान में अपने-अपने सहयोगियों के साथ उतरे हैं. महायुती में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी है और दूसरा गठबंधन महाविकास आघाढ़ी (एमवीए) का है जिसमें कांग्रेस, एनसीपी शरद पवार, शिवसेना यूबीटी हैं. महाराष्ट्र को राजनीतिक दृष्टि से 6 हिस्सों में बांटा जाता है. मराठवाड़ा,  विदर्भ, मुंबई, पश्चिमी महाराष्ट्र, कोंकण और खानदेश. महाराष्ट्र में मुस्लिम आबादी करीब 12 फीसदी है. राज्य कुल 38 सीटें ऐसी हैं जहां पर मुस्लिम मतदाता असर डालते हैं. राज्य में पिछले कुछ दशकों में किसी एक विधानसभा के कार्यकाल में मुस्लिम विधायक चुने जाने की अधिकतम संख्या 13 रही है.
Bol CG Desk

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