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Heart Health: ये है कम उम्र में ही हार्ट अटैक आने की बड़ी वजह, एक्सपर्ट से समझें क्या सावधानियां हैं जरूरी

Heart Health: ये है कम उम्र में ही हार्ट अटैक आने की बड़ी वजह, एक्सपर्ट से समझें क्या सावधानियां हैं जरूरीHeart Health: दिल का रोग हमेशा से ही चिंता का कारण रहा है. एक जमाने में कहा जाता था कि उम्र कम है तो दिल स्वस्थ है. यानी कम उम्र में दिल के रोग जैसे दिल का दौरा पड़ना या कार्डियक अरेस्ट होने जैसी घटना कभी कबार ही सुनाई देती थी. लेकिन अब समय के साथ साथ ये रोग हर उम्र पर हावी हो रहा है. आपने अक्सर देखा होगा कि किसी भी उम्र के लोग कभी भी अचानक गिर जाते हैं और  फिर दोबारा उठ ही नहीं पाते. उनके यूं अचानक गुजर जाने की वजह पता चलती है उन्हें हार्ट अटैक आना. अचानक आने वाले इस हार्ट अटैक की क्या वजह हो सकती है. और क्या कुछ सावधानियां रखी जा सकती हैं. एनडीटीवी ने इस बारे में मैक्स, बीएलके दिल्ली में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. विकास ठाकरान से चर्चा की.कम उम्र में हार्ट अटैक आने की वजह | Reasons For Heart Attack In Young Ageडॉ. विकास ठाकरान के मुताबिक कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने की एक बड़ी वजह कोलेस्ट्रॉल हो सकता है. कोलेस्ट्रोल बढ़ने का सीधा असर हार्ट पर ही पड़ता है. अगर सही समय पर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को सीमित नहीं किया गया तो हार्ट अटैक का खतरा उतना ही ज्यादा बढ़ जाता है.इस कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना है खतरनाकडॉ. विकास ठाकरान ने जानकारी दी कि कोलेस्ट्रोल के दो खास प्रकार होते हैं, जिन्हें एलडीएल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है. एलडीएल किस्म का कोलेस्ट्रॉल बैड कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में आता है. ये कोलेस्ट्रोल बढ़ता है तो हार्ट अटैक की संभावना भी बढ़ सकती है.दूसरे किस्म का कोलेस्ट्रॉल होता है एचडीएल कोलेस्ट्रॉल, जो गुड कोलेस्ट्रॉल भी कहलाता है. अगर शरीर में में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है तो समझिए कि आपके दिल की सुरक्षा मजबूत हो रही है.इन दो प्रकार के कोलेस्ट्रोल के अलावा भी कोलेस्ट्रोल के और प्रकार होते हैं.बिना दवा के हो सकता है कोलेस्ट्रॉल कंट्रोलडॉ. ठाकरान के मुताबिक कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट करवाने के बाद अपनी जांच रिपोर्ट डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए. अगर आपको कोई वैल्यू यानी कि किसी भी प्रकार का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है तो डॉक्टर से उस बारे में चर्चा भी करनी चाहिए ताकि सही लाइन ऑफ ट्रीटमेंट मिल सके.खास बात ये है कि हर मरीज को कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए दवा की जरूरत नहीं होती. ये रिपोर्ट देखकर डॉक्टर तय करता है कि मरीज को कोलेस्ट्रॉल की दवा की जरूरत है या नहीं है. इसके साथ ही कुछ और फैक्टर्स भी होते हैं जिनका ध्यान रखा जाता है. रिपोर्ट चेक करने वाला डॉक्टर ये भी देखता है कि मरीज को बीपी, शुगर की कोई तकलीफ तो नहीं है. मरीज की उम्र भी एक इंपॉर्टेंट फैक्टर होती है. जिसे ध्यान में रख कर डॉक्टर मरीज को सलाह देता है.

आपने अक्सर देखा होगा कि किसी भी उम्र के लोग कभी भी अचानक गिर जाते हैं और  फिर दोबारा उठ ही नहीं पाते. उनके यूं अचानक गुजर जाने की वजह पता चलती है उन्हें हार्ट अटैक आना.
Bol CG Desk (L.S.)

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