स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों से पहले ही आ गई Heat Wave, जानें बच्चों को और खुद को लू लगने से कैसे बचाएं, लू लग जाए तो क्या करें, क्या नहीं
स्कूलों में गर्मी की छुट्टियों से पहले ही आ गई Heat Wave, जानें बच्चों को और खुद को लू लगने से कैसे बचाएं, लू लग जाए तो क्या करें, क्या नहीं Heatstroke: सर्दियों, बसंत और हल्की गर्मी के दिन अब बीत गए. देश के अधिकतर हिस्से में अप्रैल की शुरुआत में ही मई-जून जैसी चिलचिलाती तपती गर्मी का अहसास होने लगा है. मौसम विभाग ने कई राज्यों में लू चलने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया हुआ है. आने वाले दिनों में यह परेशानी लगातार बढ़ती रहने वाली है. इसलिए रिकॉर्ड तोड़ गर्मा के दौरान अपना और अपने परिवार की धूप, गर्मी, लू वगैरह से बचाव करना बेहद जरूरी है. आग जैसी लगती धूप, भीषण गर्मी, गरम हवा और हाई पारा लोगों को न सिर्फ घरों के अंदर रहने पर मजबूर करता है, बल्कि कई बार बीमार भी कर देता है. आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी और कामकाज के चलते लोगों को घर से बाहर निकलना ही पड़ता है. ऐसी परिस्थिति में हीट या सन स्ट्रोक या लू लगने का खतरा मंडराता रहता है.हर साल स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां की जाती हैं. इन छुट्टियों का मकसद होता है बच्चों को तपती लू से बचाना. लू लगने पर अगर सही से इलाज न हो तो यह जानलेवा भी हो सकती है. लेकिन इस साल बच्चों की गर्मियों की छुट्टियों से पहले ही आ गई हीटवेव आ गई है. ऐसे में बढ़ गया है लू लगने का खतरा. तो चलिए इस लेख में हमारे साथ जानें कि लू क्या होती है, लू लगने पर क्या होता है, क्या होते है हीट स्ट्रोक के लक्षण, बचाव के उपाय और लू लगने पर क्या करें. इसलिए अपनी और अपने परिवार की सेहत का बेहतर ख्याल रखने के लिए आइए जानते हैं कि हीट स्ट्रोक या लू लगना क्या होता है? इसके लक्षण, परहेज और घरेलू इलाज क्या हैं. हम कैसे सेहत के इस खतरनाक दुश्मन से अपना बचाव करें, अगर मुसीबत आ जाए तो कैसे इसका सामना करें और इससे जीत सकें.हीट स्ट्रोक, सन स्ट्रोक या लू लगना क्या है?आमतौर पर हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक या लू लगना तीनों सेहत की एक ही दिक्कत को कहते हैं. गर्मियों में मॉडरेट लू लगना घबराने जैसी बात नहीं होती है. हालांकि, समय से सही इलाज नहीं मिलने पर इसके कॉम्प्लिकेशंस जानलेवा तक हो सकते हैं. मेडिकल साइंस के मुताबिक, लंबे समय तक धूप में या अधिक टेम्परेचर में रहने या काम करने पर बॉडी खुद के तापमान को कंट्रोल नहीं कर पाता. इसी परिस्थिति को हीट स्ट्रोक या लू लगना कहा जाता है.हीट स्ट्रोक या लू लगने पर क्या होता है?लू लगने पर हमारी बॉडी का टेम्परेचर बहुत तेजी से बढ़ता है. शरीर को ठंडा करने के लिए आने वाला पसीना भी बंद हो जाता है. इसके कारण शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती जिसके बाद बॉडी में मिनरल्स खासकर नमक और पानी की अचानक बेहद कमी हो जाती है. डिहाइड्रेट होने से पीड़ित शख्स बेहोश होने लगता है. हीट स्ट्रोक के दौरान बॉडी का तापमान 105 डिग्री फारेनहाइट से भी ज्यादा हो जाता है. सेंट्रल नर्व सिस्टम में दिक्कतें शुरू हो जाती है.हीट स्ट्रोक या लू लगने के लक्षण क्या हैं?हीट स्ट्रोक या लू लगने के बाद पीड़ित शख्स के शरीर में कई बदलाव सामने आते हैं. लू लगने के इन संकेतों और लक्षणों को देखकर तुरंत बचाव के उपाय करने चाहिए या इलाज के लिए तुरंत नजदीकी डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए. लू लगने के बाद पीड़ित में दिखने वाले लक्षणों में जी मिचलाने, उल्टी और मतली की शिकायत, लूज मोशन, तेज बुखार, स्कीन का गर्म होना और सूखना, उस पर लाल चकत्ते होना, डिमेंशिया, सिरदर्द या चक्कर आना, धड़कन तेज होना, मांसपेशियों में ऐंठन और बेहोशी की हालत शामिल है.हीट स्ट्रोक या लू लगने से बचाव कैसे करें?हीट स्ट्रोक या लू लगने से बचे रहने के लिए अगर बेहद जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें. तेज धूप और ज्यादा तापमान में निकलना पड़े तो सिर पर छाता, टोपी, तौलिया, दुपट्टा, सनस्क्रीन, धूप के चश्मे, पैरों में जूते-चप्पल और ढीले-हल्के रंग के फूल बाजू की कमीज वगैरह पहनना चाहिए. घर से बाहर निकलने से पहले भरपूर मात्रा में पानी, छाछ, लस्सी, जूस वगैरह पीकर बॉडी को हाइड्रेटेड कर लेना चाहिए. अल्कोहल और कैफीन का इस्तेमाल कम करना चाहिए.इन घरेलू नुस्खे से करें हीट स्ट्रोक या लू लगने का इलाजहीट स्ट्रोक या लू लगने के इलाज के लिए हम कुछ घरेलू उपाय को आजमा सकते हैं. जानकारों के मुताबिक, लू लगने से बचने के लिए कच्चे आम का पन्ना, नींबू-पानी और टमाटर, तरबूज-खरबूज, खीरा-ककड़ी, नारियल पानी, बेल का शरबत वगैरह ज्यादा मात्रा में पानी वाले फलों का सेवन करना चाहिए. थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिए.हीट स्ट्रोक लू लगने से बचने और अगर लू लग जाए तो जल्दी ठीक होने के लिए छाछ-लस्सी का भी सेवन करना चाहिए. बेहद गर्म से ठंडी जगह या बेहद ठंडे से गर्म जगह पर जाने से बचना चाहिए. लू में प्याज को काफी कारगर उपाय माना जाता है. पीड़ित को कच्चा या भूना हुआ प्याज खाना चाहिए. प्याज के रस में नींबू का रस मिलाकर सेवन करना भी लू से बचाता है.हीट स्ट्रोक या लू लगने पर पीड़ित को तुरंत ठंडा, छायादार या हवादार जगह पर ले जाना चाहिए. कपड़े ढीले करना चाहिए. होश में लाने के लिए ठंडे पानी या कपड़े से शरीर को पोंछकर फौरन कुछ तरल चीज देना चाहिए. हार्ट-बीट और सांस की गति को नोट कर डॉक्टर से मिलकर दवा लेनी चाहिए.Periods Meaning In Hindi: पीरियड क्या होता है? | पहले पीरियड से मेनोपोज तक, Doctor से जानें सबकुछ