इस तस्वीर में कितने नंबर पढ़ पाए आप? ये बताएगा आपकी आंखों में कलर ब्लाइंडनेस का लेवल, जान लें इसके लक्षण और कारण
इस तस्वीर में कितने नंबर पढ़ पाए आप? ये बताएगा आपकी आंखों में कलर ब्लाइंडनेस का लेवल, जान लें इसके लक्षण और कारणColor blindness – Symptoms and causes: आप जो तस्वीर ऊपर देख पा रहे हैं उसमे कुछ रंगोंं के गोलों के बीच में दूसरे रंगों का इस्तेमाल कर कुछ नंबर छिपाए गए हैं. यह तस्वीर उन लोगों के लिए है जिनमें किसी तरह की कलर ब्लाइंडनेस (How do I check if I am color blind?) हो सकती है. इस तस्वीर में नंबरों को इस तरह से रंग दिया गया है कि अलग अलग नंबर बनते हैं. अगर आप किसी रंग को नहीं देख पा रहे हैं, तो आपको वह नंबर कुछ और ही दिखेगा. बस इसी ट्रिक से समझा जाता है कि आपने कौन सा नंबर पढा है और आप सारे रंग देख पा रहे हैं या नहीं. आपको कौन कौन से नंबर दिखे वैसे… कुछ रंगों के शेड्स को अलग अलग देख पाने की क्षमता में कमी को आम तौर पर कलर ब्लाइंडनेस कहा जाता है. हालांकि कलर ब्लाइंडनेस का सही अर्थ होता है सब कुछ काले या सफेद के शेड्स में नजर आना और यह स्थिति का काफी दुर्लभ होती है. अधिकतर मामलों में कलर ब्लाइंडनेस जेनेटिक होता है और जन्म से ही यह समस्या होती है. महिलाओं की तुलना में पुरुषों में जेनेटिक कलर ब्लाइंडनेस ज्यादा पाया जाता है.कलर ब्लाइंडनेस से पीड़ित अधिकतर लोग लाल और हरे रंगों के कुछ शेड्स में अंतर नहीं कर पाते हैं वहीं कुछ लोगों को ब्लू और पीले रंग के शेड्स की पहचान में दिक्कत आती है. आंखों की कुछ बीमारियों समेत कुछ अन्य बीमारियों के कारण भी कलर ब्लाइंडनेस हो सकती है. आइए जानते हैं कलर ब्लाइंडनेस के लक्षण (Symptoms of Color blindness) और कारण (Causes of Color blindness)यह भी पढ़ें : हर रोज इस चीज को पानी में घोलकर पीने से हड्डियां होंगी मजबूत, गंदा कोलेस्ट्रॉल भी हो जाता है साफ, नहीं लटकेगा पेटक्या है Color Blindness, जानिए क्यों होती है रंगों को नहीं पहचान पाने वाली यह बीमारी | Color Blindness: Types, Causes & Treatmentकलर ब्लाइंडनेस के लक्षण (Symptoms of Color blindness)कभी कभी कलर ब्लाइंडनेस का लंबे समय तक पता नहीं चलता है. कलर ब्लाइंडनेस से प्रभावित लोग इन रंगों में अंतर नहीं कर पाते हैंलाल और हरे रंग के अलग अलग शेड्सब्लू और हरे रंग के अलग अलग शेड्सकोई रंगकलर ब्लाइंडनेस में सबसे सामान्य लाल और हरे रंग के अलग-अलग शेड्स की पहचान नहीं कर पाना है. कई बार पीड़ित पूरी तरह से रंगों की पहचान में असमर्थ नहीं होता है. यह परेशानी हल्की, मध्यम या गंभीर स्तर की हो सकती है. अगर आपको लगे कि रंगों की पहचान में परेशानी होती है तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. खासकर बच्चों को यह परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. जेनेटिक असर से हुई कलर ब्लाइंडनेस का इलाज नहीं है, लेकिन आंखों की बीमारी के कारण यह समस्या होती है तो उसका उपचार किया जा सकता है.यह भी पढ़ें : Causes of Hand Peeling: सर्दियों में क्यों निकलने लगती है हाथों की चमड़ी? हाथों की खाल उतरने के कारण, लक्षण और बचाव के आसान तरीकेकलर ब्लाइंडनेस के कारण (Causes of Color blindness)जेनेटिक डिसऑर्डर : कलर ब्लाइंडनेस का कारण वंशानुगत हो सकता है. जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण महिलाओं की तुलना में पुरुषों में कलर ब्लाइंडनेस के मामले ज्यादा होते हैं. लाल और हरे रंगों की शेड्स में अंतर नहीं कर पाना सबसे सामान्य कलर ब्लाइंडनेस है. वंशानुगत कारणों से हल्का, मध्यम या गंभीर किस्म का कलर ब्लाइंडनेस हो सकता है.बीमारियां : कई बीमारियों जैसे सिकलसेल, एनीमिया, डायबिटीज, अल्जाइमर, मैक्यूलर डिजनरेशन, मल्टीपल स्केलेरोसिस, ग्लूकोमा, पार्किंसंस, बहुत ज्यादा शराब पीने की आदत और ल्यूकेमिया के कारण कलर ब्लाइंडनेस की समस्या हो सकती है. इसमें एक आंख ज्यादा या कम प्रभावित हो सकती है. बीमारियों के इलाज से यह समस्या कम हो सकती है.दवाएं : कुछ दवाओं के कारण भी रंगों को पहचानने की क्षमता पर असर पड़ता है. ऑटोइम्यून बीमारियों, हार्ट डिजीज, हाई बीपी, इंफेक्शन, नर्व डिसऑर्डर और मनोवैज्ञानिक समस्याओं के उपचार के लिए दिए जाने वाली दवाओं के कारण कलर ब्लाइंडनेस होने का खतरा रहता है.उम्र : उम्र बढ़ने के साथ रंगों को अलग-अलग देखने की क्षमता कम हो सकती है.केमिकल : कई कैमिकल्स का भी असर रंगों को अलग-अलग देखने की क्षमता पर पड़ता है. कार्बन डाइसल्फाइड और फर्टिलाइजर के कारण कलर ब्लाइंडनेस होने का खतरा होता है.