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कैसे शूट हुआ था 45 साल पहले ‘रिमझिम गिरे सावन’ रोमांटिक गाना, अमिताभ बच्चन की एक्ट्रेस ने बताया यूं हो गया था बुरा हाल  

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कैसे शूट हुआ था 45 साल पहले ‘रिमझिम गिरे सावन’ रोमांटिक गाना, अमिताभ बच्चन की एक्ट्रेस ने बताया यूं हो गया था बुरा हाल  

 पुरानी फिल्मों की बात ही कुछ और थी. प्योर सिनेमा देखना है तो पुरानी फिल्मों को देखना शुरू कर दें. नो वीएफएक्स नो एडिटिंग एकदम असली वाला सिनेमा. आज हर सीन के लिए वीएफएक्स को बीच में घुसेड़ दिया जाता है, लेकिन पुराने सिनेमा में हर चीज का एक्सपीरियंस रियल होता था. हर एक सीन में ओरिजनलिटी झलकती थी. इस बात का सबूत कपिल शर्मा के पॉपुलर कॉमेडी शो में पुराने हिंदी सिनेमा की एक दिग्गज अभिनेत्री मौसमी चटर्जी ने दिया है. कपिल ने मौसमी चटर्जी की फिल्म ‘मंजिल’ (1979) के रोमांटिक सॉन्ग ‘रिमझिम गिरे सावन’ की शूटिंग का बेहद सुहावना किस्सा छेड़ा, जिसके बाद मौसमी ने इस पूरे गाने की असल हकीकत सबके सामने खोलकर रख दी.मौसमी चटर्जी ने सुनाया मजेदार किस्सासाल 1979 में आई फिल्म ‘मंजिल’ में मौसमी चटर्जी को सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ लीड रोल में देखा गया था. फिल्म ‘मंजिल’ का गाना ‘रिमझिम गिरे सावन’ प्योर रोमांटिक सॉन्ग है, जो आज भी सावन की यादों को तरोताजा कर देता है. कपिल ने इस गाने का किस्सा छेड़ अपने शो की वेटरन गेस्ट मौसमी चटर्जी से पूछा, ‘मैम आपका और अमिताभ सर का जो गाना है, रिमझिम गिरे सावन, इसमें रियल बारिश थी या फिर की गई थी? इस पर मौसमी चटर्जी ने खूबसूरत अंदाज में इसके बारे में पूरा और मजेदार खुलासा किया.View this post on InstagramA post shared by ???? ???????????????????????????? ???????????????????????????????????? ???? (@suhana_daur)जब असली बारिश में शूट किया रोमांटिक सॉन्गमौसमी चटर्जी ने कहा, ‘बोम्बे में वो सच में बारिश थी, बसु चटर्जी ने फिल्म को डायरेक्ट किया था, मुझे आज भी याद है, अभी तो वॉटरप्रुफ आईलाइनर आ गए हैं, पहले नहीं होता था, एक शॉट के बाद देख रही हूं हीरो भी हंस रहा है, टीम भी हंस रही है, आंखे काली चेहरे पर लाली सब मिक्स हो गए, फिर जाओ और इसे सुखाओ, फिर घर जाने के बाद देखा, जो  ग्रीन फ्लॉवर वाली साड़ी पहनी थी उसका सारा कलर शरीर पर लग गया, लगातार बारिश हो रही है, हमें गाना सुनाई भी नहीं दे रहा है, वो उधर से एक हाथ में रुमाल  हिलाते शॉट के लिए और दो-बार हाथ सीन पूरा होने पर हिलाते, फिर एक गाड़ी आती है, फिर गीले-गीले उसमें बैठते हैं, फिर पास के एक होटल पर उतरे और फिर कटिंग चाय पी, बोलते थे एक-एक सिप पी लो और फिर लोकेशन पर पहुंचो, फिर हम लोकेशन पर पहुंचे.

मौसमी चटर्जी ने कहा, ‘बोम्बे में वो सच में बारिश थी, बसु चटर्जी ने फिल्म को डायरेक्ट किया था, मुझे आज भी याद है, अभी तो वॉटरप्रुफ आईलाइनर आ गए हैं,
Bol CG Desk

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