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मैं अपनी जिंदगी का पीछा अपने लेखन से करना चाहता हूं, विनोद कुमार शुक्ल

मैं अपनी जिंदगी का पीछा अपने लेखन से करना चाहता हूं, विनोद कुमार शुक्लJnanpith Award: ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा के बाद विनोद कुमार शुक्ल जी से जब इस पुरस्कार पर उनकी प्रतिक्रिया पूछी गई, तो उन्होंने कहा कि मुझे लिखना बहुत था मगर बहुत कम लिख पाया. मैने देखा बहुत सुना भी बहुत महसूस भी किया. लेकिन लिखने में थोड़ा ही लिखा. कितना कुछ लिखना बाकी है जब सोचना हूं तो लगता है बहुत बाकी है. इस बचे हुए को मैं लिख लेता अपने बचे होने तक अब मैं अपने बचे लेखक को शायद लिख नहीं पाउंगा.

Jnanpith Award: ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा के बाद विनोद कुमार शुक्ल जी से जब इस पुरस्कार पर उनकी प्रतिक्रिया पूछी गई, तो उन्होंने कहा कि मुझे लिखना बहुत था मगर बहुत कम लिख पाया. मैने देखा बहुत सुना भी बहुत महसूस भी किया. लेकिन लिखने में थोड़ा ही लिखा. कितना कुछ लिखना बाकी है जब सोचना हूं तो लगता है बहुत बाकी है. इस बचे हुए को मैं लिख लेता अपने बचे होने तक अब मैं अपने बचे लेखक को शायद लिख नहीं पाउंगा.
Bol CG Desk (L.S.)

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