स्वतंत्रता दिवस एवं रक्षाबंध के अवसर पर मंत्री केदार कश्यप का शुभकामना संदेश
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अमेरिका में भारतीय स्टूडेंट्स पार्ट टाइम जॉब्स छोड़ रहे, मुश्किल भरे हालात, जानिए क्यों कर रहे ऐसा

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अमेरिका में भारतीय स्टूडेंट्स पार्ट टाइम जॉब्स छोड़ रहे, मुश्किल भरे हालात, जानिए क्यों कर रहे ऐसाभारतीय छात्र निर्वासित होने (Deportation) के डर से पार्ट टाइम जॉब छोड़ रहे हैं. द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों ने कहा कि अमेरिका में गुजर-बसर करने के लिए ऐसी नौकरियां जरूरी हैं, लेकिन वे अपने भविष्य को जोखिम में नहीं डाल सकते. उन्होंने अमेरिका के कॉलेज में सीट पाने के लिए बड़ा लोन लिया है. अगर वो किसी कारण से डिपोर्ट हो जाते हैं तो वो कहीं के नहीं रहेंगे. यह स्थिति 20 जनवरी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के बाद हुई है, क्योंकि उनके प्रशासन ने सख्त आव्रजन नियमों (Immigration Rules) का संकेत दिया है.अमेरिका में F-1 वीजा पर इंटरनेशनल स्टूडेंट्स सप्ताह में 20 घंटे तक कैंपस में काम कर सकते हैं, लेकिन कई छात्र आवश्यक खर्चों को कवर करने के लिए रेस्तरां, गैस स्टेशनों, खुदरा स्टोरों में ऑफ-कैंपस काम करते हैं. हालांकि, छात्र अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए अब ऐसी नौकरियां छोड़ रहे हैं.अब कैसे चलेगा कामइलिनोइस में ग्रैजुएट स्टूडेंट अर्जुन ने बताया, “कॉलेज के बाद मैं अपने मासिक खर्चों को पूरा करने के लिए एक छोटे से कैफे में काम करता था. मैं प्रति घंटे $ 7 कमा लेता था और हर दिन छह घंटे काम करता था. हालांकि मैंने पिछले हफ्ते यह सुनने के बाद काम छोड़ दिया कि आव्रजन अधिकारी अनधिकृत काम पर नकेल कस सकते हैं. मैं कोई चांस नहीं ले सकता, खासकर यहां पढ़ने के लिए 50,000 डॉलर (लगभग 42.5 लाख रुपये) उधार लेने के बाद.” इसी तरह, न्यूयॉर्क में मास्टर की छात्रा नेहा की अपनी चिंताएं थीं. उसने कहा, “हमने वर्क प्लेसेज पर रैंडम चेकिंग के बारे में बात सुनी है. इसलिए, मैंने और मेरे दोस्तों ने अभी के लिए काम करना बंद करने का फैसला किया है. यह मुश्किल है, लेकिन हम निर्वासन या हमारे छात्र वीजा खोने का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं. मेरे माता-पिता ने मुझे यहां भेजने के लिए पहले ही बहुत त्याग किया है.उधार लेकर काम चला रहेस्टूडेंट्स ने कहा कि वे अपनी अंशकालिक नौकरियों को फिर से शुरू करने पर फैसला करने से पहले मौजूदा स्थिति का आकलन करेंगे. उस समय तक, वे अपने दोस्तों से उधार लेकर या परिवार से मदद लेकर गुजारा करेंगे. हालांकि, यह एक स्थायी समाधान नहीं होगा. रोहन ने कहा, “मैंने पहले ही अपनी अधिकांश सेविंग का इस्तेमाल कर लिया है और अपने रूममेट से उधार लेना शुरू कर दिया है. मुझे नहीं पता कि मैं कब तक इस तरह से रह सकता हूं”. उसने कहा कि वह अपने माता-पिता से पैसे मांगने के लिए दोषी महसूस करता है, लेकिन उसे जल्द ही ऐसा करना पड़ सकता है.स्टूडेंटस इस स्थिति के कारण काफी मानसिक तनाव में हैं.भारत फिलहाल अमेरिका से बिना दस्तावेज वाले भारतीय नागरिकों को लेने के लिए सहमत हो गया है. आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका से हजारों लोगों को निर्वासित किया जा सकता है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस संख्या को लेकर किए जा रहे दावों पर कहा, “मैं आपको नंबर्स के बारे में सावधान करता हूं, क्योंकि हमारे लिए, एक नंबर तब तय होगा, जब हम वास्तव में इस तथ्य को मान्य कर सकें कि संबंधित व्यक्ति भारतीय मूल का है.”

US Immigration Rules And Deportation Plans: डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के बाद अमेरिका में भारतीय स्टूडेंट्स के लिए रहना मुश्किल हो गया है. जानिए कैसे…
Bol CG Desk

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