न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सीजेआई के तौर पर पहले ही दिन 45 मुकदमों की कर दी सुनवाई
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सीजेआई के तौर पर पहले ही दिन 45 मुकदमों की कर दी सुनवाई न्यायमूर्ति संजीव खन्ना (Chief Justice of India Sanjiv Khanna) ने भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में कार्यभार संभालने के बाद पहले दिन ही 45 मुकदमों की सुनवाई की. उन्होंने शुभकामना देने के लिए वकीलों और बार पदाधिकारियों का धन्यवाद किया. राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा शपथ दिलाये जाने के बाद सीजेआई खन्ना दोपहर के समय उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश के अदालत कक्ष में दाखिल हुए.पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी सहित बार के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया.वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दिन की कार्यवाही शुरू होने पर कहा, ‘‘मैं प्रधान न्यायाधीश के रूप में आपके सफल कार्यकाल की कामना करता हूं.” रोहतगी ने शुक्रवार को कहा था कि एक दशक से अधिक समय और सीजेआई वाई के सभरवाल (दिवंगत) के बाद शीर्ष अदालत को दिल्ली उच्च न्यायालय से एक और प्रधान न्यायाधीश मिलेगा.अदालत कक्ष में उपस्थित अन्य वकीलों ने भी प्रधान न्यायाधीश को शुभकामनाएं दीं. दोपहर बाद न्यायमूर्ति संजय कुमार के साथ अदालत कक्ष संख्या एक में एकत्रित हुए वकीलों से प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘धन्यवाद.”जब एक बार सदस्य ने सुनवाई के लिए एक दिन में सूचीबद्ध मामलों के अनुक्रम से संबंधित मुद्दा उठाया, तो प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि यह उनके ध्यान में है और वह इस पर विचार करेंगे.प्रधान न्यायाधीश अपराह्न 2.30 बजे तक अदालत कक्ष में रहे और 45 सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई की, जिनमें अधिकतर वाणिज्यिक वाद थे.मध्यस्थता निर्णय के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘नागरिकों को गुमराह नहीं किया जा सकता.”प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने मध्यस्थता निर्णय के खिलाफ राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई से इनकार कर दिया. इसमें राज्य सरकार को मॉरीशस स्थित एक कंपनी को वादा किए गए कर प्रोत्साहन के तहत भुगतान करने को कहा गया था.इससे पहले न्यायमूर्ति खन्ना ने राष्ट्रपति भवन में ‘‘ईश्वर के नाम पर”, अंग्रेजी में शपथ ली. 14 मई, 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति खन्ना छह महीने से कुछ अधिक समय तक भारत के प्रधान न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगे और 65 वर्ष की आयु पूरी होने पर 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. उन्होंने न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ का स्थान लिया, जो रविवार को सेवानिवृत्त हो गए. शपथ ग्रहण समारोह में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व प्रधान न्यायाधीश जे. एस. खेहर मौजूद थे.