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बाबा विश्वनाथ के दरबार से कान्हा और मथुरा कृष्ण जन्मभूमि से बनारस भेजा गया उपहार

बाबा विश्वनाथ के दरबार से कान्हा और मथुरा कृष्ण जन्मभूमि से बनारस भेजा गया उपहारहोली के पर्व के अवसर पर रंगभरी एकादशी से पहले, श्री काशी विश्वनाथ धाम और श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा के बीच एक विशेष पहल हुई है. भगवान विश्वनाथ ने श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा में विराजमान लड्डू गोपाल को उपहार सामग्री भेजी, और इसके बदले में भगवान लड्डू गोपाल ने भी श्री काशी विश्वनाथ जी को समारोहपूर्वक भेंट प्रेषित की.इस नए पद्धति के पीछे श्री काशी विश्वनाथ महादेव की प्रेरणा थी, जिसके लिए मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण ने श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा के सचिव कपिल शर्मा और गोपेश्वर चतुर्वेदी जी से बातचीत की थी. श्री कृष्ण जन्मस्थान के अधिकारियों ने इस पहल का सहर्ष स्वागत एवं समर्थन किया.पौराणिक मान्यता के अनुसार रंगभरी एकादशी की कथा भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी को सुनाई थी, और तभी से यह पर्व मनाया जाता है. काशी विश्वनाथ धाम में भी रंगभरी एकादशी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, जो न केवल स्थानीय महत्व रखता है, बल्कि इसका वैश्विक महत्व भी है.उपहार आदान-प्रदान के साथ, दोनों धामों के भक्तों को विशेष रूप से भगवान लड्डू गोपाल के रूप में बाल स्वरूप के भगवान और बाबा विश्वनाथ से आशीर्वाद प्राप्त होगा. इस अवसर पर, दोनों पवित्र स्थलों से उपहार भेजते समय तथा परस्पर प्राप्त उपहार स्वीकार करते समय समारोहपूर्वक उत्सव भी आयोजित किया जाएगा. श्री काशी विश्वनाथ धाम में मथुरा से प्राप्त भेंट सामग्री को दिनांक 9 मार्च 2025 को प्रातः 6.30 बजे समारोहपूर्वक ग्रहण कर भगवान विश्वनाथ से अवलोकित कराया जाएगा. वहीं मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान में कल दिनांक 9 मार्च को ही काशी से प्राप्त उपहार सामग्री को प्रातः 9 बजे समारोह पूर्वक स्वीकार कर भगवान लड्डू गोपाल को अवलोकित कराया जाएगा. उपहार में प्राप्त खाद्य प्रसाद सामग्री का वितरण दोनों धाम में श्रद्धालुओं को किया जाएगा.श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा से प्राप्त रंग अबीर गुलाल का प्रयोग रंगभरी एकादशी तथा होली के पर्व पर भगवान विश्वनाथ को अर्पित करने में किया जाएगा. इसी प्रकार श्री काशी विश्वनाथ धाम से श्री कृष्ण जन्मस्थान मथुरा को प्रेषित सामग्री का प्रयोग रंगभरी एकादशी एवं होली पर्व पर भगवान लड्डू गोपाल की होली में किया जाएगा. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास एवं श्री कृष्ण जन्मस्थान समस्त सनातन के सर्वोन्नति की कामना करते हैं.                    

पौराणिक मान्यता के अनुसार रंगभरी एकादशी की कथा भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी को सुनाई थी, और तभी से यह पर्व मनाया जाता है. काशी विश्वनाथ धाम में भी रंगभरी एकादशी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, जो न केवल स्थानीय महत्व रखता है, बल्कि इसका वैश्विक महत्व भी है.
Bol CG Desk

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