kawardha violence : कवर्धा में झंडा विवाद, एसपी की टूटी उंगुली, एएसपी का टूटा हाथ
कवर्धा। kawardha violence कबीरधाम जिले में आदिवासी पूजा स्थल में गोंडवाना समाज के झंडा अपमान मामले में भीड़ हिंसक हो गई। भीड़ ने पुलिस बल पर हमला कर दिया। इसमें एसपी लाल उमेंद सिंह की उंगुली टूट गई। वहीं एएसपी का हाथ टूट गया। एक टीआई का सर फूट गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बल पर पत्थरबाजी कर दी। इसमें कई कई पुलिस कर्मी घायल हो गए हैं। इधर पुलिस की जवाबी कार्रवाई में कई प्रदर्शनकारी ग्रामीण घायल हुए हैं। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
kawardha violence पूजा स्थल में झंडा विवाद
कबीरधाम जिले kawardha violence के पुलिस अधीक्षक लाल उम्मेद सिंह ने मीडिया को बताया कि जिले के भोरमदेव थाना क्षेत्र के हरमो गांव में गौरी चौरा स्थल में पूजा को लेकर हुए विवाद के बाद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस दल पर हमला कर दिया। इसमें करीब 12 पुलिसकर्मियों को चोटें लगी हैं।
एसपी ने बताया कि भोरमदेव थाना क्षेत्र के आदिवासी समाज के लोग गौरी चौरा स्थल पर बूढ़ादेव की पूजा करते हैं। पिछले साल पूजा स्थल में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष जे लिंगो ने अपना एकाधिकार स्थापित करने के उद्देश्य से अपने आराध्य बड़ादेव का झंडा भी लगा दिया था।
उन्होंने बताया कि चूंकि गांव में बूढ़ादेव की पूजा करने वालों की संख्या अधिक है इसलिए ग्रामीणों ने लिंगो का विरोध किया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस साल 14 फरवरी को स्थानीय लोगों ने एक सामाजिक कार्यक्रम में कोरबा से आए अपने समाज प्रमुख दुर्गे भगत के नेतृत्व में पूजा स्थल पर अपना झंडा लगाया था।
उन्होंने बताया कि इससे नाराज गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन ने दुर्गे भगत पर कार्रवाई की मांग को लेकर 15 और 20 फरवरी को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। 23 फरवरी को भगत का पुतला जलाया गया। यूनियन ने तीन मार्च शुक्रवार को दुर्गे भगत की गिरफ्तारी का मांग को लेकर महा आंदोलन की चेतावनी दी थी।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस और जिला प्रशासन ने मामले का शांतिपूर्वक समाधान निकालने के लिए दोनों पक्षों की दो-तीन बार बैठक बुलाई थी। लेकिन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का जिला प्रमुख जे लिंगो किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुआ।
कबीरधाम एसपी ने बताया कि शुक्रवार को गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष लिंगो के नेतृत्व में लगभग पांच सौ कार्यकर्ताओं ने जिले के राजानवागांव में सभा का आयोजन किया और हरमो गांव की ओर निकले। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तब वह अवरोधक तोड़ते हुए आगे बढ़ गए।
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हरमो गांव पहुंचकर जब वह विवादित स्थल के लिए रवाना हुए तब पुलिस ने उन्हें फिर रोकने की कोशिश की। तब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस दल पर पथराव कर दिया। इस घटना में पुलिस अधीक्षक, सहायक पुलिस अधीक्षक मनीषा ठाकुर समेत लगभग 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
उन्होंने बताया कि इसके बाद पुलिस दल ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों की मदद से भीड़ को तितर-बितर किया। इस घटना में कुछ प्रदर्शनकारियों को भी चोटें आई हैं।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की जा रही है। सिंह ने बताया कि जब प्रदर्शनकारी पूजा स्थल की ओर बढ़ रहे थे तब वहां एक सौ महिला पुरुष एकत्र होकर सामाजिक रीति से पूजा पाठ कर रहे थे। यदि प्रदर्शनकारियों को नहीं रोका जाता तब आदिवासी समाज के दो वर्गों के मध्य संघर्ष की स्थिति बन जाती।
उन्होंने बताया कि दुर्ग क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक डॉक्टर आनंद छाबड़ा भी अतिरिक्त बल के साथ घटनास्थल पहुंच गए हैं। स्थिति नियंत्रण में है।