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Know RBI: क्या RBI से जुड़े ये रोचक तथ्य जानते हैं आप…?

Know RBI: क्या RBI से जुड़े ये रोचक तथ्य जानते हैं आप…?केंद्रीय बैंक RBI न सिर्फ़ हमारे मुल्क में बैंकिंग प्रणाली का नियमन करता है, बल्कि उसी के पास देश की काग़ज़ी मुद्रा, यानी नोट छापने का हक है. नोटों के अलावा, समूचे देश में भारतीय मुद्रा से जुड़े सभी प्रकार के सिक्के, और एक रुपये का नोट भारत सरकार ढालती या छापती है.भारत में इस वक्त 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये और 500 रुपये के नोट प्रचलित हैं, जबकि पुराने 500 और 1,000 रुपये के नोट वर्ष 2016 में विमुद्रीकरण, यानी डिमॉनिटाइज़ेशन (Demonetisation) के तहत खत्म कर दिए गए थे, और उस वक्त (वर्ष 2016 के अंत में) जारी किए गए 2000 रुपये के नोटों को कुछ ही महीने पहले बंद कर दिया गया है.RBI का राष्‍ट्रीयकरण वर्ष 1949 में हुआ था, जबकि इसका गठन एक निजी संस्था के रूप में वर्ष 1935 में 1 अप्रैल को किया गया था. ब्रिटिश शासनकाल के दौरान RBI का गठन हिल्‍टन यंग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर किया गया था, और उस समय इसका लोगो भी ईस्ट इंडिया कंपनी की डबल मोहर से प्रेरित था, जिसमें बाद में कुछ बदलाव किए गए, और मौजूदा रूप दिया गया.RBI में प्रथम, तृतीय तथा चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की कुल तादाद लगभग 17,000 है, और दिलचस्प तथ्य यह है कि RBI में द्वितीय श्रेणी का कोई कर्मचारी नहीं है. भारत में अब हर वर्ष आम बजट आमतौर पर फरवरी माह की पहली तारीख को संसद में प्रस्तुत किया जाता है, जो 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहे नए वित्तवर्ष से लागू हो जाता है. RBI के बारे में सबसे दिलचस्प जानकारी यह है कि इसका वित्तवर्ष बाकी देश से अलग 1 जुलाई से शुरू होता है, और अगले वर्ष 30 जून को खत्म होता है.भारतीय रिज़र्व बैंक, यानी RBI का मुख्यालय देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शहर मुंबई में है. RBI मुख्यालय की इमारत में ही मौद्रिक संग्रहालय बनाया गया है. इसके अलावा, समूचे भारत में RBI के 29 दफ़्तर हैं, जिनमें से ज़्यादातर अलग-अलग राज्‍यों की राजधानियों में बनाए गए हैं.RBI से जुड़ी एक दिलचस्प जानकारी यह भी है कि हमारे देश का केंद्रीय बैंक, यानी RBI भारत के अलावा पाकिस्‍तान तथा म्‍यांमार, यानी बर्मा का केंद्रीय बैंक भी रह चुका है. ब्रिटिश से आज़ादी के बाद वर्ष 1948 में जुलाई तक पाकिस्‍तान का केंद्रीय बैंक भी RBI ही था, जबकि आज़ादी से कुछ वक्त पहले तक, यानी अप्रैल, 1947 तक RBI ही म्‍यांमार का भी केंद्रीय बैंक रहा था.

कोई भी भारतीय आमतौर पर RBI या भारतीय रिज़र्व बैंक, यानी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया या आरबीआई का नाम दो मौकों पर पढ़ता ही रहता है. पहला मौका रोज़ मिलता है, जब वह कोई भी करेंसी नोट हाथ में लेता है, और दूसरा मौका कभी-कभी मिलता है, जब वह मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद प्रमुख ब्याज दरों रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट वगैरह में बदलाव से जुड़ी ख़बरें पढ़ता है. आइए, RBI के बारे में आज पढ़ते हैं कुछ रोचक जानकारियां, जो अब तक शायद आप नहीं जानते होंगे.
Bol CG Desk (L.S.)

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